शिकोहाबाद। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने दशहरे के अवसर पर मंगलवार को विजय दशमी का पर्व मनाया। इस दौरान सबसे पहले ध्वजारोहण कर ध्वज प्रणाम कर शस्त्रों की पूजा की गई। वहीं समाज में एकता का पाठ पढाया। प्राइमरी स्कूल न0 एक में आयोजित कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में उपस्थित स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुये मुख्य वक्ता राजेन्द्र नगर बौद्धिक ने बताया कि स्वतंत्रता के प्रथम विद्रोह के समय समाज जातियों के बंधन में जकड़ा हुआ था। यहां तक कि सेना में भी जातियों के अपने अलग-अलग भोजनालय चलते थे। इतना बड़ा संघर्ष होने के बाद भी हम असफल हुए। इसी विचार को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रवादी विचारकों ने समाज को जोड़ने के लिये आज ही के दिन सन 1925 में डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी। डा0 हेडगेवार ने विश्वास जताया कि देश, समाज हित को सर्वोपरी रखते हुए संघ का स्वयंसेवक हर चुनौती से निपटने में सक्षम है। संघ की शाखाओं व्यक्तित्व निर्माण होता है। संघ की शाखाओं से निकले लोग प्रधानमंत्री , मुख्यमंत्री , राज्यपाल , बडे-बडे अफसर बनकर देश का गोरव बढाने में अपना योगदान दे रहे हैं। आज विश्व भारत को उभरती हुई विश्व शक्ति के रुप में देख रहा है। इस अवसर पर ओ0 पी0 सक्सैना एड0 ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। प्रमुख रुप से दिनेश शंकर , कपिल, अनिल, महेन्द्र, सुकेश, रामकुमार, शशांक, राममनोहर, सतीश आदि उपस्थित रहे।