हाथरस। ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ विश्व में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता लाने और मानसिक स्वास्थ्य के सहयोगात्मक प्रयासों को संगठित करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 10 अक्टूबर को मनाया जाता है। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस वर्ष 2019 की थीम ‘आत्महत्या को रोकने के लिए मिलकर काम करना’ है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह 7 अक्टूबर से 13 अक्टूबर तक मनाया जा रहा है। इस दौरान लोगों में जागरुकता लाने के लिए गोष्ठी और बैठकों का आयोजन किया जा रहा है।
डिप्टी सीएमओ और नोडल डाॅ. मधुर कुमार के अनुसार वर्ष 1992 में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की शुरुआत हुई थी। उन्होंने बताया कि जो लोग डिप्रेशन या अवसाद में जी रहे हैं। उन्हें अकेला नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि अधिकतर अकेले में रहने वाले डिप्रेशन और अवसाद के चलते आत्महत्या कर लेते हैं। ऐसे लोगों का ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है। मानसिक बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। वर्तमान समय में बच्चों पर ध्यान देने की ज्यादा जरूरत है। उन्होंने बताया कि लोगों में जागरूकता लाने के लिए ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ के अवसर पर रैली का आयोजन किया जाएगा। डॉ. मधुर कुमार ने बताया कि मानसिक रोग कई प्रकार के होते हैं। इनमें डिमेंशिया, डिस्लेक्सिया, डिप्रेशन, तनाव, चिन्ता, कमजोर याददाश्त, बाइपोलर डिसआर्डर, अल्जाइमर रोग, भूलने की बीमारी आदि शामिल हैं। मानसिक बीमारी के लक्षण उन्होंने अत्यधिक भय व चिन्ता होना, थकान और सोने में समस्यायें होना, वास्तविकता से अलग हटना, दैनिक समस्याओं से निपटने में असमर्थ होना, समस्याओं और लोगों के बारे में समझने में समस्या होना, शराब व नशीली दवाओं का सेवन, हद से ज्यादा क्रोधित होना आदि बताए। मानसिक बीमारी से बचाव के तरीकों पर प्रकाश डालते हुए डिप्टी सीएमओ डॉ. मधुर कुमार ने बताया कि यदि किसी को मानसिक बीमारी है तो उसे तनाव को नियंत्रित करना होगा, नियमित चिकित्सा पर ध्यान देना होगा, पर्याप्त नींद लेनी होगी। समस्या से ग्रसित व्यक्ति पौष्टिक आहार लें व नियमित व्यायाम करें।