Tuesday, November 26, 2024
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7वीं आर्थिक गणना के सफल सम्पादन एवं माॅनीटरिंग हेतु गठित राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक सम्पन्न

7वीं आर्थिक गणना का आंकड़ा संग्रहण एवं प्रथम स्तर का पर्यवेक्षण कार्य काॅमन सर्विस सेण्टर के द्वारा नियुक्त प्रगणकों/पर्यवेक्षकों के माध्यम से निर्धारित समय में कराया जाये पूर्ण: मुख्य सचिव
उद्यमियों तथा व्यापारियों से गणना के कार्य मिलने से पूर्व उद्योग मण्डल तथा व्यापार मण्डल को सूचित कर दिया जाये, ताकि किसी भी प्रकार की भ्रान्ति उत्पन्न न हो: मुख्य सचिव
लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राजेन्द्र कुमार तिवारी ने सातवीं आर्थिक गणना का आंकड़ा संग्रहण एवं प्रथम स्तर का पर्यवेक्षण कार्य काॅमन सर्विस सेण्टर के द्वारा नियुक्त प्रगणकों/पर्यवेक्षकों के माध्यम से मोबाइल ऐप में निर्धारित समय में पूर्ण कराने के निर्देश दिये हैं। आंकड़ा संग्रहण का कार्य प्रदेश के समस्त 75 जनपदों के सभी ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में किया जायेगा। उन्होंने कहा कि आर्थिक गणना के कार्य में किसी भी प्रकार की भ्रान्ति न उत्पन्न हो, इसलिये उद्यमियों तथा व्यापारियों से मिलने से पूर्व उद्योग मण्डल तथा व्यापार मण्डल को सूचना अवश्य उपलब्ध करा दी जाये। उन्होंने कहा कि इस कार्य में जनपदीय अधिकारी द्वारा भी सहयोग किया जाये।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश आज लोक भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में 7वीं आर्थिक गणना के सफल सम्पादन एवं माॅनीटरिंग हेतु गठित राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक में दिये। उन्होंने कहा कि आर्थिक गणना के कार्य में एकत्रित आंकड़ों की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाये। उन्होंने कहा कि काॅमन सर्विस सेण्टर द्वारा संग्रहीत आंकड़ों की उच्च गुणवत्ता एवं शत-प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित कराने के लिये द्वितीय स्तर के पर्यवेक्षण का कार्य राज्य सरकार के अर्थ एवं संख्या प्रभाग एवं उद्योग विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा 08 प्रतिशत तथा राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा 02 प्रतिशत सैम्पल के आधार पर पर्यवेक्षकीय कार्य किया जाये।
बैठक में बताया गया कि काॅमन सर्विस सेण्टर द्वारा 04 राज्य स्तरीय एवं 05 सुपरवाइजर लेवर-2 का प्रशिक्षण आयोजित किये जा चुके हैं, जिसमें अर्थ एवं संख्या प्रभाग के 681 एवं उद्योग विभाग के 109 अधिकारियों एवं कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि आर्थिक गणना देश की भौगोलिक सीमाओं में स्थित समस्त उद्यमों/इकाइयों की सम्पूर्ण गणना है, जिसमें कृषि उत्पादन एवं बागवानी को छोड़कर समस्त इकाइयों/उद्यम, जो वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादन या वितरण (स्वयं के उपयोग के अतिरिक्त) के कार्य में संलग्न है, की गणना की जाती है। उद्यम से आशय एक इकाई/प्रतिष्ठान से है, जो एक स्थान विशेष पर अवस्थित हो जहां मुख्य रूप से कोई आर्थिक गतिविधि संचालित हो रही हो, जो ऐसी वस्तुओं/सेवाओं का उत्पादन कर रही हो, जिसका कुछ भाग विक्रय के लिये हो।