Tuesday, November 26, 2024
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दिव्यांगों को सहायक उपकरण वितरण में तीन विश्व रिकार्डों का साक्षी बना प्रयागराज

दिव्यांगों, शोषितों, दलितों, वंचितों व आदिवासियों का सर्वांगीण विकास हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता- प्रधानमंत्री
दिव्यांगजनों की सेवा परमात्मा की असली सेवा है- मुख्यमंत्री
दिव्यांगजनों में सहायक उपकरण वितरण हेतु देश में 8500 शिविरों का आयोजन- मंत्री, थावर चंद्र गहलोत
प्रयागराज, जन सामना ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज में मेला परेड ग्राउंड में आयोजित वृहद सामाजिक अधिकारिता शिविर में वृद्ध/दिव्यांगजनों से मुलाकात कर उनका कुशलक्षेम पूछते हुए उन्हें सहायक उपकरणों का वितरण भी किया। प्रधानमंत्री ने प्रयागराज संगम की रेती पर भारी संख्या में उपस्थित दिव्यांगजनों व वृद्धजनों को सम्बोधित करते हुए कहा कि तीर्थराज प्रयागराज में आकर उन्हें अप्रतिम पवित्रता और ऊर्जा का अहसास हो रहा है। ठीक एक वर्ष पूर्व कुम्भ के दौरान इसी पवित्र धरती पर आकर उन्होंने संगम स्नान किया था और कुम्भ की भव्यता और दिव्यता को पूरे विश्व में पहचान दिलाने में अपना सहयोग प्रदान करने वाले सफाई कर्मियों का सम्मान करने का उन्हें सौभाग्य प्राप्त हुआ था। आज भी कुछ वैसा ही सौभाग्य मुझे मां गंगा के आशीर्वाद से दोबारा प्राप्त हो रहा है, जब मुझेे बुजुर्गो, दिव्यांगजनों का आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है। यह सचमुच मेरे जीवन की अमूल्य निधि है। आज इस शिविर में 27000 के लगभग दिव्यांगजनों व वृद्धजनों को उपकरण वितरित किया गया है, जिसमें किसी दिव्यांग भाई बहन को ट्राईसाइकिल, किसी को मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल तो किसी को श्रवण यंत्र, व्हील चेयर, चलने वाली स्टिक एवं अन्य उपकरण वितरित किए गये। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये उपकरण आपके जीवन की कुछ मुश्किलों को आसान करेंगे। ये उपकरण तो मात्र आपके सहयोग के लिए है, आपकी असली शक्ति तो आपके अंदर है, कुछ कर गुजरने की तमन्ना जो आपके दिल में है वहीं आपकी असली ताकत है। आप इतनी कठिनाई होने के बावजूद लगातार आगे बढ़ने के लिए प्रयासरत है जो किसी के लिए भी प्रेरणा का स्त्रोत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गीता के श्लोक- स्वस्ति हि प्रजाभ्यः परिपाल्यन्ता न्यायेन मार्गेन महिमहीषाम् को उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार का मूल दायित्व होता है कि उसके द्वारा देश के हर व्यक्ति का भला हो और उनको न्याय मिले। इसी सोच के साथ हमारी सरकार समाज के हर व्यक्ति के लिए काम कर रही है। दिव्यांग, दलित, शोषित, वंचित, आदिवासियों व समाज में जो लोग पिछड़े है उनकी सेवा करना ही हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और हम इसमें पूरी तन्मयता के साथ लगे हुए है। हमारी सरकार के दिव्यांगजनों के विकास के लिए लगातार कार्य किया है। हमारी सरकार के पूर्व दिव्यांगजनों को वह सम्मान नहीं मिलता था, जो हमारी सरकार के आने बाद सम्भव हुआ है। पहले दिव्यांगजनों को अपने अधिकार के लिए कई दिनों तक कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे, कहीं पर इनकी सुनवाई नहीं होती थी और इनको बेसहारा छोड़ दिया जाता था पर हमारी सरकार को ये पहले वाली स्थिति कदापि स्वीकार्य नहीं थी। सरकार आने के बाद हमने इस स्थिति में बदलाव किया। हमने दिव्यांगजनों की हर समस्या पर ध्यान देकर उसको दूर किया। उन्होंने कहा कि पहले इस तरह के कैम्प का आयोजन बहुत कम देखने को मिलता था और इस तरह के बड़े मेगा कैम्प तो बहुत ही कम आयोजित होते थे, लेकिन हमारी सरकार के प्रयास से इस तरह के कैम्प और मेगा कैम्प का आयोजन बड़ी संख्या में पूरे देश में किया जा रहा है। हमारी सरकार ने अब तक पूरे देश में लगभग 9000 कैम्पों का विशेष आयोजन करके लगभग 900 करोड़ से ज्यादा के उपकरण इन कैम्पों में वितरित करायें। उन्होंने कहां कि जब सरकार में बैठे हुए लोगो को इस पीड़ा का एहसास होता है तभी इस तहर के आयोजन सम्भव होते है और तेज गति से कार्य होता है। हमारी सरकार ने सुगम्य भारत अभियान चलाकर दिव्यांगों के लिए सरकारी इमारतों, रेलवे स्टेशनों, एयरपोर्ट को दिव्यांगजनों की दृष्टि से सुगम्य बनाने का कार्य किया। उन्होंने कहां कि अभी तक जो कार्य शेष है उन्हें भी इस अभियान से जोड़ा जा रहा है। इसके साथ ही जो नई इमारते तैयार हो रही है, उनमें इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि वे दिव्यांगजनों के लिए सुगम्य व अनुकूल हों।

https://www.youtube.com/watch?v=m8Y1Z0L6CfU&feature=youtu.be

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहां कि दिव्यांगजों के लिए पूरे देश में एक भाषा हो और उन्हें देश के किसी कोने में भाषा की कोई दिक्कत न आये, इसके लिए काॅमन लैंग्वेज का कार्य प्रारम्भ किया गया है और अब तक इसी के साथ 6000 काॅमन शब्दों की एक डिक्शनरी भी तैयार कर ली गयी है। अब दिव्यांगजनों को देश के किसी भी कोने में भाषा की कोई परेशानी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि दिव्यांगजनों के लिए करेंसी को भी उनके अनुकूल बनाया गया है ताकि उन्हें करेंसी को पहचाने और समझने में दिक्कत न हों। प्रधानमंत्री ने देश के इलेक्ट्रानिक चैनलों को दिव्यांगजनों के लिए समर्पित कार्यक्रमों को दिखाने के लिए बधाई भी दी। उन्होंने कहां कि हालांकि दूरदर्शन के माध्यम से वर्षो से इस तरह के कार्यक्रमों का प्रसारण किया जा रहा है, जिसके लिए दूरदर्शन निश्चित तौर पर बधाई का पात्र है।

https://www.youtube.com/watch?v=se0JQL27T7E

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार के आने के बाद हमने दिव्यांगजनों के अधिकारों के लिए बहुत सारे कार्य किये, लेकिन दुर्भाग्य से देश में इसकी चर्चा नहीं हुई। हमारी सरकार ने संसद में दिव्यांगजनों के अधिकारों को स्पष्ट करने वाला कानून पास कराया, जिससे ऐसे कानूनों की संख्या की कैटेगरी 07 से बढ़कर 21 हो गयी। दिव्यांगजनों को परेशान व उनके साथ मजाक करने जैसे मामलोें में नियमों को और अधिक सख्त किया गया, जिससे की दिव्यांगजनों को कोई परेशान न कर पाये। सरकारी नौकरी में दिव्यांगजनों के आरक्षण को 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत व उच्च शिक्षा में 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया। ज्यादा से ज्यादा दिव्यांगजनों को कौशल विकास का लाभ मिले इसके लिए 2 लाख से अधिक दिव्यांगजनों को स्किल ट्रेनिंग दी गयी और आने वाले समय में इसके अंतर्गत 5 लाख से अधिक दिव्यांगों और युवा बच्चोें की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी। उन्होंने कहां कि दिव्यांगजनों के अंदर छिपे कौशल को निखारना व उसे प्रोत्साहित करना हमारी सरकार की प्राथमिकता में है। दिव्यांग साथियों ने हर क्षेत्र में भारत का नाम रोशन किया है खासकर खेले के क्षेत्र में। इससे प्रोत्साहित होकर हमने इनके कौशल विकास में और अधिक निखार लाने के लिए मध्यप्रदेश के ग्वालियर में एक विशेष सेंटर की स्थापना की है, जहां हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध है।

https://www.youtube.com/watch?v=w6QdLNcHm-s&feature=youtu.be

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में 2.5 करोड़ से अधिक दिव्यांगजन व 10 करोड़ से अधिक सिनीयर सिटीजन है। सरकार ने सिनीयर सिटीजन की परेशानी को समझकर उनको दूर करने का प्रयास कर रही है और इसके लिए राष्ट्रीय वयोश्री योजना प्रारम्भ की गयी है, जिसके माध्यम से करीब सवा लाख सिनीयर नागरिकों को उपकरण प्रदान किए जा चुके है। उन्हें खुशी हो रही है कि आज उन्हें संगम की इस पावन भूमि पर 16000 से अधिक वरिष्ठ नागरिकों को उपकरण प्रदान करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ और उनका हमें आशीर्वाद मिला। उन्होंने कहा कि देश के गरीबों, वरिष्ठ नागरिकों के लिए बैंक में जमा उनके पैसों को सुरक्षित रखने का प्राविधान इस बार के बजट में कया गया है। इसके अंतर्गत बैंक के दिवालिया होने के बावजूद भी उनके पांच लाख रूपये तक के पैसे सुरक्षित रहेंगे, पहले यह सीमा केवल 1 लाख की थी। उन्होंने कहां कि केंद्र व राज्य सरकार मिलकर दिव्यांगजनों व बुजुर्गों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए कार्य कर रही है। देश में जनऔषधीय केन्द्रों के माध्यम से दवाओं की कीमतों को कम किया गया है तथा देश के छोटे दुकानदारों व अन्य लोगो के लिए अलग-अलग पेंशन योजना शुरू की गयी है। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहां कि उनकी सरकार की यही कामना है कि समाज का हर नागरिक सुखी व निरोग्य रहे। उन्होंने इस तरह के सफल आयोजन के लिए भारत सरकार व राज्य सरकार के सम्बन्धित विभागों के प्रयासों की मुक्तकंठ से सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहां कि हमारी सरकार की यही कामना है कि समाज का हर नागरिक सुखी रहे। मैं सभी वरिष्ठ लोगो को नमन करता हूं। प्रधानमंत्री इस तरह के सफल आयोजन के लिए भारत सरकार के विभागों व राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने आज के इस समारोह में अपने करकमलों से कुछ दिव्यांगों व वृद्धजनों को सहायक उपकरण वितरित किया, जिनमें राजेश पुत्र उमेश व मीनू निषाद पुत्री रोशन लाल निषाद को मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल, रवीन्द्र पटेल पुत्र हरिकेश पटेल को कृत्रिम पैर उपकरण, भारत कुमार पुत्र अमरनाथ को बैटरी चालित श्रवण मशीन, फूटकेयर यूनिट, इस्पाइनल सपोर्ट मशीन प्रदान किया और इन्हीं उपकरणों को उनके करकमलों संघमित्रा सिंह पुत्री विजय प्रकाश सिंह, विजय प्रकाश सिंह पुत्र स्व0 रामनारायण सिंह को भी दिया गया। प्रधानमंत्री ने नवनीत कुमार तिवारी पुत्र भोलानाथ तिवारी को जहां श्रवण मशीन दिया वहीं विवेक मणि त्रिपाठी पुत्र इंद्रमणि त्रिपाठी को स्मार्ट केन व स्मार्ट फोन, सुनैना कुमारी पुत्री राकेश कुमार को स्मार्ट केन व डेजी प्लेयर तथा सुंदर लालजी पुत्र बच्चा को व्हील चेयर, श्रवण मशीन व नी ब्रेस प्रदान किया गया।

https://www.youtube.com/watch?v=XX5IzmZkPkQ&feature=youtu.be

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री, भारत सरकार डाॅ0 थावरचंद्र गहलोत ने प्रधानमंत्री का अभिनंदन करते हुए कहां कि आज का यह दिव्यांगजन महाकुम्भ देश और विदेश का ऐतिहासिक महाकुम्भ है, जिसमें वृद्धजनों व दिव्यांगजनों के शारीरिक, शैक्षणिक, विकास के लिए अनेक उपकरण वितरित किए गए है। शिविर में 26874 लोगो को 56 हजार से अधिक उपकरणों का वितरण किया गया है। इसके साथ ही सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आज प्रयागराज के इस पावन धरती पर दिव्यांगज उपकरण वितरण में तीन नए विश्व रिकार्ड भी बन गये है। पहला ग्रिनीज बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड हाथ से चलने वाली 300 ट्राइसाइकिल को 1.8 किमी चलाकर रिकार्ड बनाया गया है, तो दूसरा विश्व रिकार्ड हाथ से चलने वाली 626 ट्राईसाइकिल को एक घण्टे में निशुल्क वितरित करने का है। इसी के साथ तीसरा गिनीज बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड 13 मिनट में सबसे बड़ी 400 व्हील चेयर की लाइन जिसे दिव्यांगजनों व वरिष्ठ नागरिकों द्वारा बनाया गया है, का रिकार्ड बना है। मा0 केन्द्रीय मंत्री ने कहां कि देश में संचालित योजनाओं का लाभ निचले स्तर तक पहुंचाया जाये, इसके लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केन्द्र सरकार सदैव प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर दिव्यांगजनों के लिए यूनिवर्सल कार्ड बनाये जा रहे है, जिसके माध्यम से देश के किसी भी कोने में दिव्यांगजनों को इसका लाभ मिल पायेगा। उन्होंने जोर देकर कहां कि किसी भी योजना के लिए व्यापक जनसहभागिता आवश्यक है और इस तरह के आयोजन तभी सफल होंगे जब उसमें सबका साथ और सबके विकास की मूलभावना निहित होगी।
प्रयागराज के इस ऐतिहासिक शिविर में प्रधानमंत्री अन्य केन्द्रीय मंत्रीगणों व सांसदों विधायकों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के सहयोग एवं मार्गदर्शन में गत वर्ष इसी पवित्र भूमि पर भव्य कुम्भ-दिव्य कुम्भ का सफलता पूर्वक आयोजन सम्भव हुआ था और पहली बार श्रद्धालुओं को अक्षयवट और सरस्वती कूप के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हो सका था, इसमें प्रधानमंत्री का योगदान महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने जोर देकर कहां कि दिव्यांगजनों, वंचितों की सेवा परमपिता परमेश्वर की असली सेवा है, जिसका सौभाग्य हम सबकों मिला है। इसमें दो राय नहीं कि प्रधानमंत्री के व्यक्तिगत सहयोग से ही मां गंगा का जल स्वच्छ, निर्मल एवं साफ हुआ है। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री ने ही विकलांग शब्द को हटाकर उनको दिव्यांगजन नाम देकर उन्हें सम्मान देकर उनका गौरव बढ़ाया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को आज बने तीन नए विश्व रिकार्ड का सर्टिफिकेट प्रदान किया और इस अवसर पर गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
प्रारम्भ में प्रधानमंत्री, महामहिम राज्यपाल उ0प्र0, मुख्यमंत्री, केन्द्रीय मंत्रीगणों, प्रदेश सरकार के मंत्रीगणों, सांसदों, विधायकों व दिव्यांगजनों का स्वागत करते हुए कहां कि यह दूसरा अवसर है जब तीर्थराज प्रयाग की यह पावन भूमि आज तीन नए विश्व रिकार्ड की साक्षी बनी है जबकि गत वर्ष महाकुम्भ के अवसर पर भी इस पावन स्थली पर तीन विश्व रिकार्ड स्थापित हुए थे।
आज के इस यादगार समारोह में प्रदेश की महामहिम राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, केन्द्रीय मंत्री थावर चंद्र गहलोत, केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले, केन्द्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, केन्द्रीय मंत्री रतन लाल कटारिया के अलावा उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, रमापति शास्त्री, डाॅ0 महेन्द्र सिंह, अनिल राजभर सहित सांसद इलाहाबाद प्रो0 रीता बहुगुणा जोशी, सांसद फूलपुर केशरीदेवी पटेल, महापौर प्रयागराज अभिलाषा गुप्ता नंदी, विधायक शहर उत्तरी हर्षवर्धन वाजपेयी, विधायक मेजा नीलम करवरिया, विधायक फाफामऊ विक्रमाजीत मौर्या, जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा सिंह सहित पार्टी के तमाम बड़े पदाधिकारी उपस्थित थे। प्रशासन की ओर से मण्डलायुक्त प्रयागराज डाॅ0 आशीष कुमार गोयल, एडीजी प्रेम प्रकाश, जिलाधिकारी प्रयागराज भानुचंद्र गोस्वामी, प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष टी0के0 शिबू, आईजी जोन के0पी0 सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सत्यार्थ अनिरूद्ध पंकज सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
बमरौली एयरपोर्ट पहुंचने पर प्रधानमंत्री का गर्मजोशी के साथ स्वागत एवं अभिनदंन किया गया। कार्यक्रम स्थल पर प्रधानमंत्री का हेलीकाॅप्टर लगभग 11ः00 बजे लैण्ड किया। लगभग आधे घण्टे के सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने परेड ग्राउंड में उपस्थित दिव्यांगजनों व अन्य उपस्थित लोगो का दिल जीत लिया। प्रधानमंत्री का सम्बोधन 12ः30 बजे प्रारम्भ हुआ लगभग 01ः00 बजे समाप्त हुआ। मंच पर प्रधानमंत्री का स्वागत अंगवस्त्रम प्रदान कर केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डाॅ0 थावर चंद्र गहलोत ने किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जहां प्रधानमंत्री का स्वागत एवं अभिनंदन अंगवस्त्रम के साथ किया वहीं प्रदेश सरकार के मंत्रीगणों ने बड़ी पुष्प माला के साथ प्रधानमंत्री का स्वागत एवं अभिनंदन किया। कार्यक्रम का सफल संचालन प्रयाग की महशूर उद्घोषिका डाॅ0 रंजना त्रिपाठी ने किया।