नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 में बिजली क्षेत्र के उपभोक्ताओं को अपने कोयला भंडार के लगभग अस्सी प्रतिशत की आपूर्ति कर रही है और साथ ही बिजली क्षेत्र के लिए 550 मिलियन टन कोयला देने की पेशकश की है।
बिजली क्षेत्र के उपभोक्ताओं को राहत देने और कोयले की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सीआईएल ने ईंधन आपूर्ति समझौते (एफएसए) के तहत अग्रिम नकद भुगतान की बजाए भविष्य में एक निश्चित अवधि में भुगतान की सुविधा वाला (यूजेन्स) रिण पत्र जारी करने की सुविधा प्रदान की है। इससे बिजली उत्पादक कंपनियों को अपने कार्यशील पूंजी चक्र को बेहतर बनाने में काफी मदद मिलेगी।
सीआईएल ने इस वर्ष के अप्रैल महीने से गैर बिजली क्षेत्र के उपभोक्ताओं के लिए भी ऐसी ही एक व्यवस्था शुरु की है। इससे बाजारों में कोयले की उपलब्धता को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही कोयला उभोक्ताओं को भी बहुप्रतीक्षित राहत मिलेगी।
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