Wednesday, November 27, 2024
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सावधान:- नौकरी ढूंढ रहे 3 करोड़ भारतीयों का डाटा लीक

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। इंटरनेट पर काम करना जितना सरल है उतना ही खतरनाक भी है। इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले लोगों को हमेशा ही साइबर क्राइम का खतरा बना रहता है। अगर आप भी इंटरनेट पर नौकरी ढूंढ रहे हैं तो ये खबर निश्चित तौर पर आपके काम की है। देश में नौकरी ढूंढने वाले करीब 3 करोड़ लोगों की जरूरी जानकारियां इंटरनेट पर लीक हो गई हैं। वहीं करीब 2,000 भारतीयों के पहचान पत्र जिनमें आधार कार्ड भी शामिल हैं वो भी हैकिंग फोरम पर लीक देखे गये हैं। साइबर इंटेलिजेंस से जुड़ी फर्म साइबल ने ये जरूरी जानकारी साझा की है। 24 मई को लिखे अपने ब्लॉग में कंपनी ने बताया है कि पिछले 12 घंटे के भीतर भारतीयों के आधार कार्ड से जुड़ी जानकारी भी हैकर्स ने अलग-अलग फोरम पर साझा किया है। हालांकि ये जानकारियां कहां से लीक की जा रही हैं इस बारे में अब तक कोई खुलासा नहीं हो पाया है। फर्म की तरफ से बताया गया है कि लीक हुये डाटा में मध्यप्रदेश के नागरिकों से जुड़ीं 18 लाख लोगों की जानकारियां एक्सेल शीट के फॉर्मेट में इंटरनेट पर उपलब्ध हैं। साथ ही दिल्ली-एनसीआर, कर्नाटक, पुणे, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, मुंबई समेत देश के कई बड़े शहरों से जुड़े लोगों के और नौकरी से जुड़ी कई वेबसाइट्स के डाटा लीक होने का दावा किया गया है। कंपनी ने 22 मार्च को बताया था कि डार्कवेब साइबर चोरों ने हैकिंग फोरम में करीब 2.3 जीबी की जिप फोल्डर शेयर किया था जिसमें 2.9 करोड़ लोगों से जुड़ी जानकारियां हैं। जानकारी के मुताबिक उस फोल्डर में भारत में नौकरी तलाश कर रहे लोगों की अहम जानकारियां मसलन उनके नाम, पता, शिक्षा, मोबाइल नंबर, आधार नम्बर और ईमेल आईडी जैसी अहम जानकारियां मौजूद थीं।
फर्म का कहना है कि वो अभी जानकारी लीक करने वाले लोगों का पता लगाने में जुटे हैं लेकिन शुरुआती जानकारी के मुताबिक ये काम किसी रिज्यूम एग्रीगेटर का लगता है जिसने नौकरी देने वाले तमाम पोर्टल से आंकड़े इकट्ठा किए होंगे। इन आंकड़ों में भारत के कई राज्यों के लोगों से जुड़ी अहम जानकारियां शामिल हैं।
स्पैम ईमेल और एसएमएस भेज रहे-
जानकारों का दावा है कि साइबर सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले चोर ऐसी ही निजी जानकारियों का इस्तेमाल कर लोगों को स्पैम ईमेल और एसएमएस भेजकर उन्हें अपना शिकार बनाते हैं। ऐसे लोग स्पैम ईमेल में नौकरी का झांसा देने वाली जानकारी भेजने या फिर लॉटरी की रकम देने का दावा करता हुआ लिंक भेजते हैं जिसे क्लिक करते ही व्यक्ति का मोबाइल या फिर लैपटॉप उनके कब्जे में चले जाने की आशंका रहती है। लीक हुईं जानकारियों का इस्तेमाल चोर उनके प्रोफाइल से मैच होने वाले संदेश भेजने में कर सकते हैं।
सरकार की सलाह-
गृह मंत्रालय की तरफ से साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए चलाये जा रहे अभियान वाले ट्विटर हैंडल साइबर दोस्त में साफ कहा गया है कि ऐसे लोगों से सावधान रहें। सरकार कहती है कि याद रखें इंटरनेट पर मिलने वाली बहुत कम सामग्रियां मुफ्त होती हैं। मुफ्त में चीजें देने के एवज में साइबर ठग आप को फंसा सकते हैं, इसलिए ऑनलाइन फ्री ऑफर्स से सावधान रहें। यही नहीं जॉब सर्च पोर्टल रजिस्ट्रेशन के लिए भी गृह मंत्रालय की तरफ से सलाह दी गई है कि ऐसी जगहों पर रजिस्ट्रेशन के पहले भली-भांति उनकी प्राइवेसी पॉलिसी को पढ़ लें ताकि आपको पता रहे कि आपकी जानकारी का किन हाथों में इस्तेमाल किया जाने वाला है। आपके तमाम तरह के इंटरनेट लॉगिन का कोई गलत इस्तेमाल न कर पाये इसके लिए समय-समय पर पासवर्ड बदलते रहने की भी सलाह दी गई है।
डाटा लीक से खतरा-
साइबर मामलों के विशेषज्ञ पवन दुग्गल का कहना है कि अमूमन ऐसी जानकारियां लोग बेचते हैं लेकिन मुफ्त में ये तमाम चीजें साइबर स्पेस के लिए बड़ा खतरा बन गई हैं। पवन दुग्गल के मुताबिक इनमें 2.9 करोड़ लोगों की निजी जानकारियों के साथ-साथ उनके स्कूल और नौकरियों के संस्थानों से जुड़ी अहम जरूरी जानकारियां होंगी जो आने वाले दिनों में सभी के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि भारत अगर अब भी साइबर सुरक्षा और उससे जुड़े कानूनों के प्रति गंभीर नहीं होता है तो आने वाले दिनों में भयानक परिणाम देखने पड़ सकते हैं।