ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकांत शास्त्री ने गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जिस प्रकार से लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को कुचलने दबाने फसाने की कोशिश की जा रही है वो देश प्रदेश के लिए ठीक ही नहीं है बल्कि दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है, शास्त्री जी ने कहा कि भारत एक विशाल लोकतंत्र वाला देश है, जहां सबको अभिव्यक्ति की आजादी है, इसके बावजूद मीडिया की स्वतंत्रता एवं लोकतंत्र का चौथा स्तंभ सुरक्षित नहीं है। संविधान की भावना को बाधित करने का कोई भी प्रयास खेद जनक है। हाल ही में पश्चिम बंगाल सहित कुछ प्रदेशों में पत्रकारों के साथ जिस प्रकार से दुर्भावना से ग्रसित होकर जो बर्ताव किया वह अत्यंत निंदनीय है।
साथ ही शास्त्री जी ने मुंबई पुलिस एवं कोलकाता पुलिस का भी जिक्र करते हुए कहा कि जिस प्रकार से छोटी-छोटी बातों को लेकर, देश के सम्मानित पत्रकारों को बुलाकर एवं उन्हें घंटो घंटा बैठाकर पूछताछ किया गया यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इसी तरह से उत्तर प्रदेश के भी कुछ अधिकारी अपनी गड़बड़ी छिपाने के लिए पत्रकारों पर फर्जी ढंग से मुकदमे दर्ज करवाकर सरकार की छवि धूमिल कर रहे हैं।
शास्त्री जी ने कहा कि जिस प्रकार से वहां की सरकारों द्वारा बार-बार मीडिया को धमकी दी जा रही है और पत्रकारों को परेशान किया जा रहा है यह अनुचित है, वर्तमान घटना पश्चिम बंगाल में मीडिया स्वतंत्रता के लिए खतरा का एक स्पष्ट उदाहरण है संपादको एवं पत्रकारों को परेशान करना और उन्हें डराना प्रेस स्वतंत्रता का स्पष्ट उल्लंघन है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष की ओर से वहां के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों एवं महामहिम राज्यपाल महोदय से आग्रह करते हुए कहा गया है कि इस तरह की घटनाओं का स्वयं संज्ञान लेकर गलत हो रहे कार्यों पर रोक लगाएं, ताकि पत्रकारों को बिना किसी खतरे और दबाव के काम करने के लिए अनुकूल वातावरण मिल सके।
शास्त्री जी ने कहा कि देश के कुछ प्रदेशों में प्रेस की स्वतंत्रता को बाधित करने का प्रयास देश के पत्रकारों को स्वीकार्य नहीं है, देश के उन प्रदेशों की सरकारों को इस तरह के मीडिया विरोधी मानसिकता से परहेज करना चाहिए और मीडिया को राष्ट्रहित में बिना किसी जोर दबाव के अपने कार्य को करने देना चाहिए।