सासनी/हाथरस, जन सामना संवाददाता। भारतीय किसान यूनियन हरपाल गुड के किसानों ने यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव ठाकुर विनोद पुंडीर के नेतृत्व में किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर राष्टपति के नाम एसडीएम हरीशंकर यादव को एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में किसानों ने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा जारी अध्यादेशों से भारत के किसानों व मजदूरों का अहित ही होगा। अतः तीनों अध्यादेश सरकार को वापस लेने चाहिए। काॅट्रेक्ट फार्मिंग के नए कानून से देश विदेश के धनाड्यों द्वारा मशीनों से खेती की जा रही है। भारतीय किसान और मजदूरों के रोजगार समाप्त हो जायेंगे इसलिए इस कानून को वापस लिया जाए। ज्ञापन में कहा है कि काने धन वाले धनाड्यों को गेहूं धान, तिलहन, दलहन, कपास चीनी आदि कृषि उत्पादों को स्टोरेज करने के लिए अधिकृतकर आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 को समाप्त किया गया है। इसे बहाल किया जाए। किसानों ने कहा है कि न्यूनतम सर्मथन मूल्य समाप्त किया जा रहा है इसके कारण बाजरा मक्का आदि फसलों को आधे भाव पर बिक्री कराई जा रही है। इससे पूर्ण रूपेण किसानों का शोषण हो रहा है, विद्युत विलों में लगातार राशि बढकर आ रही है, इसके अलावा विद्युत रेट भी बढा दिए गये है। जब कि सप्लाई किसान को पूरी नहीं मिल पा रही है। इससे किसानों की फसल नष्ट हो रही है। किसानों के हित में विद्युत सप्लाई का समय बढाया जाए। ज्ञापन में किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी समस्याओं का समय से समाधान नहीं किया गया तो वे जेल भरो आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। ज्ञापन देने वालों में उमाशंकर वांगड, श्रीपाल सिंह, गिर्राज सिंह, ओमप्रकाश दीक्षित, अशोक शर्मा राधेश्याम आदि दर्जनों किसान मौजूद थे।