Friday, November 8, 2024
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पहली बार चतुर्योग में मनया जायेगा रक्षाबंधन-आचार्य मुकेश शास्त्री

सासनी/हाथरस, जन सामना संवाददाता । इस बार रक्षाबंधन 2020 की शताब्दी में पहली बार चतुर्योग आ रहा है, जिससे रक्षाबंधन पर्व का महत्व और अधिक बढ जाता है। आचार्य मुकेश शास्त्री इगलास वालों ने बताया कि इस रक्षाबन्धन पर सूर्योदनी सोमवारीय रक्षाबन्धन 3 अगस्त 2020 प्रातः 9ः29 से श्रवण नक्षत्र व बव करण में प्रारम्भ होगा जिस समय विंशोत्तरी दशा सूर्य, शुक्र, गुरु व चन्द्र की चल रही होगी तथा आयुष्मान योग, सर्वार्थसिद्धि योग, बुधादित्य योग तथा शनि-चंद्र के मिलन से विष योग अर्थात् चतुर्योग बन रहा होगा जोकि शताब्दी में पहली बार पड़ रहा है। यह योग अधिकांश बहुत ही मंगलकारी वकल्याणकारी है, जिससे कि शिवकृपा से कोरोना के जहर से बचाव भी सम्भव हो सकेगा। श्रावण पूर्णिमा पर ऋषि पूजन, गुरू वंदना तथा वेदों के अध्ययन के प्रारम्भ का अत्यंत शुभ मुहूर्त होता है। इस दिन पुराना यज्ञोपवीत उतारकर नया धारण करना, ज्ञान विद्या तथा शिक्षा के क्षेत्र में और आगे बढना, शुभ सफलता का प्रतीक होता है।
आचार्य ने राखी बांधने के लिए बहनों को बताया कि बहनें अपने भईया को जहां भी रक्षाबंधन पर्व पर राखी बांधने जा रही हो वह घर काया तो पूजा स्थल हो या पूर्वा उत्तर दिशा का शुभ क्षेत्र होना चाहिए। इसके अलावा वातावरण शांति और उल्लास का तो हो ही साथ ही स्वच्छता व शुद्धता का भी हो क्योंकि भारतीय संस्कृति में रक्षाबंधन त्यौहार चार बड़े त्यौहारों में सबसे पहला और सबसे बड़ा सात्विक त्यौहार है। बहन पूजा की थाली में राखी के साथ रोली, चावल, मिष्ठान तो रखे ही साथ ही प्रज्ज्वलित दीपक भी रखें। बहन को स्वयं उत्तर की तरफ मुख करके बैठना चाहिए। जो भाई राखी बंधवाने के लिए बैंठे वो अपना मुख पूर्व की तरफ रखें और केवल दायी कलाई में ही राखी बंधवायें। राखी बंधवाते समय अपनी मुट्ठी में फूल व हल्दी से रंगे पीले चावलों को अवश्य रखें।
शुभ योग प्रातः 09ः29 से 10ः46 तक, अभिजित मुहूर्त दोपहर 12ः00 से 12ः53 तक, अपरान्ह मुहूर्त दोपहर 01ः48 से 04ः29 तक, लाभ मुहूर्त दोपहर बाद 03ः48 से 05ः29 तक, संध्या अमृत मुहूर्त सांय 05ः29 से 07ः10 तक, प्रदोष काल मुहूर्त सांय 07ः06 से 09ः14 रात्रि तक रहेगा।