Sunday, June 8, 2025
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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी प्रधानमंत्री आवास योजना, लाभार्थियों से वसूले जा रहे 10 से 15 हजार रूपये

मौदहा /हमीरपुर, जन सामना। पीएम आवास योजना जिसे केन्द्रीय सरकार अपनी सबसे बडी उपलब्धि बताते नही थकती। किन्तु गरीबो के लिये बनाई गयी सबसे बडी व महात्वकांक्षी योजना मे भी सुमार यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ रही है। ग्राम प्रधान और सचिव भ्रष्टाचार की गंगा मे डुबकी लगाकर लाभार्थियो से जमकर 10 से 15 हजार रूपये प्रति आवास वसूली कर रहे है। नेत्रहीन व पूर्ण रूप से दिव्यांग लाभार्थी भी इनकी निगाह मे दया दृष्टि के पात्र नही होते। जिसके चलते गांव के तमाम लाभार्थियो सहित दिव्यांग लाभार्थी ने भी अपना दुखडा रोते हुये भ्रष्टाचार पर कार्यवाही की मांग की है। जबकि विकास के नाम पर कीचडयुक्त गलियां व बजबजाती नालियां यहां की पहचान है। भ्रष्टाचार के मामले मे उक्त जैसे हालात जनपद की लगभग प्रत्येक ग्राम सभाओ मे आसानी से देखने को मिल जाते है किन्तु फिलहाल मौदहा ब्लाक के बीहडी गांव भटुरी की चर्चा करते है। यहां कई लाभार्थियो ने आरोप लगाया कि उनसे 10 से लेकर 15 हजार रू प्रति आवास लिये गये है। जिनमे गांव के बलवीर सिंह का कहना है कि पीएम आवास के अन्तर्गत ग्राम प्रधान ने सचिव के नाम पर 10 हजार रू लिये है और हद तो तब हो गयी जब एक पूर्ण रूप से दिव्यांग नेत्रहीन हरपाल सिंह से भी 10 रू प्रधानमन्त्री आवास के लिये वसूले गये। शिकायतकर्ताओ ने शिकायत करते हुये खुलेआम वीडियो बयान प्रगतिशील प्रेस क्लब को देते हुये सम्बन्धितो पर कार्यवाही की मांग की है। गौर तलब है कि प्रत्येक आवास मे लाभार्थी के नाम को शामिल करते हुये 15 -15 हजार रू मनरेगा से अलग से मजदूरी दी जाती है जिसकी भनक पूरे ब्लाक क्षेत्र मे शायद ही किसी लाभार्थी को लग पाती हो। अब मनरेगा की बात करे तो ग्राम सभा भटुरी मे लगभग 350 जाब कार्ड दर्ज है और वास्तविक श्रमिक चाहे प्रवासी हो य आवासी बमुश्किल 30 से 35 लोग ही काम करते है। बाकी काम मशीनो से कराकर जाब कार्ड धारको को मात्र 20 प्रतिशत भुगतान बिना काम किये ही बैंक लेजाकर दिलवा दिया जाता है। इस ग्राम सभा के लिये नियुक्ति बैक की भी इसमे सलिंप्ता दिखाई देती है। कुछ ऐसा ही मामला एक आवास के मामले मे देखने को मिला जहां बहु प्रीति के नाम आविन्टत आवास को प्रीति के नाम से ही सास को रूपया निकलवा दिया गया है, उक्त जानकारी ग्रामीणो ने दी है। ऐसी तमाम अनियमितताये की ग्राम सभा मे भरमार है। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गयी सूचना का जवाब देने के बजाय यहां के ग्राम विकास अधिकारी व खण्ड विकास अधिकारी पूर्ण रूप से मक्कारी भरा जवाब देते हुये आल लाईन वेब साईट मे पूरा ब्योरा देखने की सलाह देते है। वहीं नाम न छापने की शर्त पर विकासखण्ड के तमाम ग्राम प्रधानो ने बताया कि किसी शिकायत य अखबार मे खबर छपने से हमे परम्परागत तौर पर लगने वाले कुल काम की लागत के 40 से 45 प्रतिशत तक कमीशन के बाद भी जांच अधिकारियो को अलग से 10 से 20 हजार रूपया का प्रसाद चढाना पडता है। वहीं पीएम आवासो मे हुये भ्रष्टाचार के विषय मे जब सचिव से बात की गयी तो उन्होने उत्तर देते हुये कहा कि वीडियो बयान य मौखिक शिकायत का सज्ञांन लेना हमारा काम नहीं यदि ग्रामीण लिखित शिकायत देते है तब मामला देखा जा सकता है।