Saturday, June 7, 2025
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विश्व शान्ति एवं सद्भावना के लिए निकाली गई प्रभातफेरी

हाथरस,जन सामना। जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि, कल का भारत स्वर्णिम भारत, कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो, जैसा सोचेंगे वैसा बनेंगे आदि स्लोगनों की तख्ती हाथ में लिए बिना किसी शोरगुल के प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्य़ालय के शान्ति दूत, गीता जयन्ती के पूर्व दिवस पर निकले तब बरबस ही लोगों का ध्यान उनकी ओर आकर्षित हो गया। किसी ने कहा है कि सब तरफ झूँठ है, छल है, कपट है, अशान्ति है, दुःख है, धोखा है। सब यही तो कहते हैं लेकिन आपको अच्छा बनने से किसने रोका है। शान्ति और सद्भावना तो आत्मा के स्वधर्म हैं। जब कर्मयोगी बनकर कर्म करते हुए भी मन में, अन्तःकरण में शान्ति आयेगी तभी विश्व में शान्ति और सद्भावना आयेगी। जोश में आकर अपनी बात को कहना भी मन का रोना है, अब इस मन के रोने की फाइल को भी बन्द करके शान्ति दूत बनें। उक्त विचार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्य़ालय के अलीगढ़ रोड स्थित आनन्दपुरी कालोनी की बी.के. शान्ता बहिन ने व्यक्त किये। सहज राजयोग और सहज गीता ज्ञान की नियमित क्लास के बाद सभी ब्रह्मावत्स बिना किसी नारे आदि के ‘‘भारत पिफर भरपूर बनेगा, स्वर्णिम भारत बनाने शान्ति दूत चले’’ आदि गीतों की मध्ुर ध्वनि के मध्य दो-दो की कतार में शिव ध्वज एवं स्लोगनों की तख्ती लेकर चल रहे थे।  25 दिसम्बर को गीता जयन्ती के अवसर पर ‘‘जीवन की समस्याओं का समाधान-गीता ज्ञान’’ संगोष्ठी का आयोजन दोपहर 12 बजे ब्रह्माकुमारीज़ के आनन्दपुरी कालोनी केन्द्र पर किया जायेगा। यह जानकारी केन्द्र प्रभारी एवं राजयोग शिक्षिका बी.के. शान्ता बहिन ने दी।
प्रभात शोभायात्रा के अवसर पर बी.के. दुर्गेश बहिन, बी0के0 श्वेता बहिन, बी0के0 नीतू बहिन, बी0के0 मोनिका बहिन, बी0के0 रमा बहिन, अरविन्द अग्रवाल, राकेश अग्रवाल, राजेश शर्मा, राधेश्याम, रामेश्वर दयाल, गुलशन कुमार, विनोद कुमार, वीरेन्द्र अग्रवाल, भीमसेन , धमेन्द्र कुमार, केशवदेव, रश्मि, रामप्यारी, आशा, विमलेश, मिथलेश, गजेन्द्र भाई बसन्त लाल शर्मा आदि दर्जनों ब्रह्मावत्स यात्रा में शामिल थे।