हाथरस, जन सामना। डीजल व पेट्रोल की कीमतों में की गई वृद्धि से ट्रांसपोर्टरों में भारी त्राहि-त्राहि मच उठी है और केंद्र सरकार से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी करने की मांग की है। साथ ही केंद्र सरकार को डीजल व पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए, जिससे कोरोना काल में जो व्यापार इफेक्ट हुए हैं वह उससे उभर सकें तथा महंगाई पर भी अंकुश लगेगा। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल प्रदेश मंत्री राजीव वार्ष्णेय ने कहा है कि डीजल और पेट्रोल की कीमतों में की गई वृद्धि से महंगाई चरम पर पहुंच गई है और मेघालय सरकार की तरह ही केंद्र सरकार को तथा सभी प्रदेश सरकारों को अपने टैक्स घटाकर डीजल व पेट्रोल की कीमतों को नियंत्रित किया जाना चाहिए। क्योंकि जब कच्चे तेल की कीमत बढ़ती है तब केंद्र व प्रदेश सरकार कीमत बढ़ा देती हैं। लेकिन जब कच्चे तेल की कीमत कम होती है तब सरकार टैक्स बढ़ा देती हैं। जिसका जनता को लाभ नहीं मिल पाता। डीजल व पेट्रोल की कीमत बढ़ने से सभी चीजों पर महंगाई की मार पड़ रही है। डीजल महंगा होने से जहां माल ढुलाई में वृद्धि हो रही है वही ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पर भी इसका बहुत बुरा असर पड़ा है।