ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, फरीदाबाद ने कोविड-19 की रोकथाम के लिए निसर्ग हर्ब्स के नीम कैप्सूल का मूल्यांकन करने वाले एक नैदानिक अध्ययन के सकारात्मक परिणामों की घोषणा की
अध्ययन ने इस नीम के फार्मूलेशन डबल-ब्लाइंड ट्रायल में सफलतापूर्वक कोविड-19 की रोकथाम में 55% तक प्रभावी होने का संकेत दिया है
फरीदाबाद। ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, फरीदाबाद और निसर्ग बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड ने आज एक प्रोप्राइटरी, पेटेंट-पेंडिंग, नीम की रोगनिरोधी गतिविधि का अध्ययन करते हुए पायलट, डबल-ब्लाइंड, रैंडमाइज़्ड, प्लेसबो-कंट्रोल्ड ट्रायल के फाइनल डेटा की घोषणा की। यह अध्ययन निसर्ग बायोटेक के नीम की पत्ती का अर्क (Azadirachta Indica A. Juss) के जरिए कोविड-19 रोगियों के साथ रोज़ाना संपर्क में रहने वाले स्वास्थ्य कर्मियों और रिश्तेदारों पर किया गया। यह अध्ययन ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, फरीदाबाद और अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), नई दिल्ली ने साथ मिलकर की और इसे निसर्ग बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड, सतारा, एमएस द्वारा प्रायोजित किया गया था। इस अध्ययन को ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, फरीदाबाद में अगस्त से दिसंबर 2020 के बीच प्रिंसिपल इंवेस्टिगेटर प्रो (डॉ) तनूजा नेसारी, एमडी, पीएचडी, डायरेक्टर, एआईआईए और को-इन्वेस्टिगेटर प्रो. ए.के. पांडे, एमबीबीएस, एमडी, ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, फरीदाबाद द्वारा किया गया था। अध्ययन को इंस्टीटूशनल एथिक्स कमिटी द्वारा अनुमोदित किया गया था और भारत के क्लिनिकल ट्रायल रजिस्ट्री (CTRI) में पंजीकृत किया गया था। इसे गुड क्लीनिकल प्रैक्टिस गाइडलाइन्स और सभी लागू स्थानीय नियामक और नैतिक आवश्यकताओं के अनुसार आयोजित किया गया था।
इस अध्ययन के परिणाम के मुताबिक 28 दिनों तक दिन में दो बार 50 मिलीग्राम नीम कैप्सूल लेने पर प्रतिभागियों में कोविड -19 संक्रमण की संभावना को आधे से भी कम (0.45 के सापेक्ष जोखिम) कम कर दिया था, जिन प्रतिभागियों को प्लेसबो दिया जा रहा था उन पर नीम कैप्सूल की प्रभाव 55% था। बायोमार्कर और जीवन की गुणवत्ता (QOL) दोनों समूहों में स्थिर रही।
परिणाम के महत्व को समझाते हुए, ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, फरीदाबाद के एमडी, रजिस्ट्रार, डॉ अनिल कुमार पांडे ने कहा, “आयुर्वेद में विभिन्न रोगों के रोगनिरोधकों का बहुत बड़ा योगदान है। इस अध्ययन का निष्कर्ष कोविड 19 के लिए रोग निरोधक बनाने की दिशा में एक सकारात्मक पहल है, खासकर तब जब कोविड -19 संक्रमण के उपचार के लिए कोई विशिष्ट दवाई उपलब्ध नहीं है। मुझे यकीन है कि यह एक निवारक के रूप में अच्छी तरह से अतिरिक्त सुरक्षा देने के साथ-साथ टीकाकरण की दो खुराक के दौरान भी काम करेगा, जहां संक्रमण की संभावना है। रोगनिरोधी उपायों के लिए सुरक्षा एक और महत्वपूर्ण घटक है, और हम यह देखकर प्रोत्साहित हो रहे हैं कि इस अध्ययन में उपयोग किए गए नीम फ़ॉर्मूलेशन में एक बेहतर और स्वीकार्य सुरक्षा प्रोफ़ाइल है।
ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डीन डॉ असीम दास, ने कहा, “फ़िलहाल SARS-CoV-2 के कुछ टीके को मजूरी मिल गई है इसके बावजूद कोविड-19 का तेज़ी से प्रसार जारी है, और अधिकांश भारतीय आबादी को अभी भी प्रभावी रोगनिरोधी उपचार की आवश्यकता है। हम इस परीक्षण के परिणाम से बहुत प्रसन्न हैं, जो कोविड-19 की रोकथाम के लिए निसर्ग बायोटेक की प्रोप्राइटरी नीम की पत्ती के अर्क की सकारात्मक भूमिका बताते हैं।“
निसर्ग बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और सीईओ गिरीश सोमन ने कहा, “निसर्ग पहला निर्माता है जिसने कोविड की रोकथाम के लिए टीकों की तुलनात्मक क्षमता दर्शाने वाला डबल ब्लाइंड प्लेसबो कंट्रोल्ड ट्रायल किया है। यह भारत के दो प्रसिद्ध आयुर्वेद और चिकित्सा संस्थानों – एआईआईए और ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, फरीदाबाद के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका में प्रकाशित पहले अध्ययनों में से एक है। नीम का फार्मूलेशन कोविड-19 के खिलाफ रोकथाम के लिए 55% की निवारक प्रभावकारिता दर के साथ एक प्रभावी एंटीवायरल साबित हुआ है। देश में दूसरी लहर के साथ, हमारा नीम का फार्मूलेशन कोविड 19 की रोकथाम के लिए एक बेहतरीन विकल्प है जब तक कि टीके व्यापक रूप से और आसानी से देश में उपलब्ध नहीं हैं।”
इस अध्ययन के परिणाम इंडेक्स्ड, पीर रिव्युड जर्नल “अल्टरनेटिव थेरपीस इन हेल्थ एंड मेडिसिन” में प्रकाशित किया गया है, जो सबसे पुरानी व्यावसायिक चिकित्सा पत्रिकाओं में से एक है जो समग्र, प्राकृतिक और वैकल्पिक चिकित्सा उपचारों को कवर करती है I इस नैदानिक अध्ययन के बारे में अधिक जानकारी क्लिनिकल ट्रायल रजिस्ट्री ऑफ़ इंडिया (CTRI) https://ctri.icmr.org.in/ पर देखी जा सकती है।
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