लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष ने फेसबुक पर प्रदेश के कर्मचारियों एवं इष्ट मित्रों से सीधा संवाद स्थापित कर मतदान के प्रति जागरूक किया। प्रदेश में तीन चरणों का मतदान संपन्न हो गया है। इन तीन चरणों में 60 से 64ः तक वोटिंग हुई है ।अभी चुनाव के चार चरण बाकी है। चौथे चरण का मतदान 23 फरवरी को हो रहा है। जिसमें 9 जिलों की 59 सीटों पर मतदान होगा। जे एन तिवारी ने सभी कर्मचारियों से कहा है कि शत प्रतिशत मतदान करें। लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करें एवं एक साफ.सुथरी स्थिर सरकार बनाने में लोकतंत्र में अपनी भूमिका निभाएं। कर्मचारियों की मांगों के लिए प्रत्येक सरकार में संघर्ष होता रहा है और आगे भी होता रहेगा। मतदान के दौरान कर्मचारियों की समस्याएं पार्टियों के सामने शर्त के साथ उठाने का कोई औचित्य नहीं है। राजनीतिक पार्टियां घोषणा पत्र के अनुसार कभी भी काम नहीं करती हैं। विशेषकर कर्मचारी हितों की बात घोषणा पत्र के अनुसार कभी नहीं पूरी होती है। घोषणा पत्र में आमजन से संबंधित समस्याएं एवं विकास के मुद्दे होते हैं। कर्मचारियों को तो अपनी समस्याओं के लिए सरकार से लड़ना ही पड़ता है ।बिना किसी लालच के मतदान करें ।मतदान के समय समाज हित एवं राष्ट्रहित का चिंतन अवश्य करें। यदि हमारी मांगे पिछले 5 सालों में अधूरी रह गई हैं तो आने वाली सरकार से संघर्ष कर उसको पूरा कराने का संकल्प लें। सरकार चाहे जो भी हो स्थिर होनी चाहिए। तभी वह स्वछंदता से कार्य कर पाती है।
कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों पर निर्णय, नगर प्रतिकर भत्ता रिस्टोर किया जाना, रिक्त पदों को भरा जाना, कर्मचारियों की अधिवर्षता आयु 62 वर्ष किया जाना जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे काफी समय से चर्चा में है ।आउटसोर्सिंगध् संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण भी एक बहुत बड़ा मुद्दा है ।10 लाख से अधिक कर्मचारी संविदा पर कार्य कर रहे हैं। इनका भविष्य भी दांव पर लगा हुआ है ।इनके भविष्य को सुरक्षित करना भी राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का दायित्व है ।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की महामंत्री रेनू मिश्रा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि चुनाव के बाद राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की कार्यकारिणी की बैठक होगी। जिसमें कर्मचारियों की मुख्य मांगों पर विचार विमर्श कर अगले आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। उन्होंने लखनऊ वासियों से और लखनऊ में कार्य करने वाले सभी कर्मचारियों से अपील किया है कि लखनऊ को मतदान में नंबर वन बनाएं। लखनऊ में 80ः मतदान का लक्ष्य रखा गया है। उसको पूरा करने में सभी कर्मचारी एवं शहर के जिम्मेदार नागरिक अपनी भूमिका निभाएं।