Thursday, November 28, 2024
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बाल भवन में मुख्यमंत्री ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर में शामिल हुए

2017.06.08 06 ravijansaamnaकानपुर, जन सामना ब्यूरो। शिक्षा को राजनीती से न जोड़ा जाये। शिक्षा को भटकाया न जाये, बच्चे एक बीज की तरह होते हैं। अत: उन्हें प्रारम्भ से ही सही शिक्षा और अच्छे संस्कार दिये जाने अति आवश्यक है, ताकि वह देश का उज्ज्वल भविष्य बनाये और समाज की सेवा करते हुए निरन्तर आगे बढ़ते जाये।मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्य नाथ ने 15 मई से 15 जून तक संचालित ग्रीष्मकालीन निःशुल्क प्रशिक्षण शिविर बाल भवन फूल बाग़ में आयोजित फ्लावर मेकिंग, जूट वर्क, बंदनवार, मोती वर्क, क्रोसिया सिलाई, ब्यूटीशियन, फैशन डिजायनिंग आदि से संबंधित आयोजित प्रदर्शनी का दीप प्रज्ज्वलित करते हुए नव निर्मित सामग्रियों का अवलोकन भी किया। मुख्यमंत्री ने उपस्थित छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि ग्रीष्मकालीन अवकाश का बेहतर उपभोग किया जा रहा हैं जिसमें अभी तक 32 सौ बालक/बालिकाओं ने अपना पंजीकरण कराया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के दृष्टिकोण में जो परिवर्तन वर्तमान समय में विभिन्न रूप से देखने को मिल रहे हैं वह ख़ास तौर पर आजादी के बाद स्वत्रंत भारत के लिये स्वप्न के समान थे वे समय से यथाशीघ्र साकार नहीं हो पाये थे वो अब पूरे होते दिख रहे है। उन्होंने बालक बालिकाओं की सराहना करते हुए कहा की हमने राजनीति में शिक्षा का प्रयोग किया है। यदि शिक्षा को राष्ट्रीयता एवं रचनात्मक के साथ जोड़ा जाता तो शायद कश्मीर घाटी में महीनों बंद पड़ी संस्थाए खुलती रहती, वहां संस्थाओं पर पत्त्थर फेके जाते है जो की बड़ा भयावह होता हैं। शिक्षा की दिशा में भटकाव होने से अलग दिशा मिलती हैं जिसका परिणाम गलत होता हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों की स्थिति एक बीज की तरह होती है उन्हें अच्छे संस्कार एवं रचनात्मकता की ओर ले जाने की आवश्यकता है ताकि बच्चो की प्रतिभा को एक नई दिशा मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि बीज का व्रिकृत स्वरूप नष्ट होता हैं। जीवन का उदेश्य होना चाहिए कि समाज की सेवा करते हुए एक पेड़ की तरह आगे बढ़े हमारी नई पीढ़ी कही से भी विकृत न होने पायेद्य शिक्षा को एक फलदार पेड़ की तरह देखने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी की सराहना करते हुए कहा कि हर व्यक्ति में कुछ कर गुजरने की क्षमता होती है, अत: प्रबुद्ध वर्ग के लोगो को सोना नहीं चाहिए यदि वह निष्क्रिय हो जायेंगे तो समाज का क्या होगा। उन्होंने कहा कि बच्चो ने रचनात्मक प्रदर्शन किया है समाज में कोई भी ऐसी वस्तु नहीं है जो अपने आप में अयोग्य हो इस धरती पर कुछ भी अयोग्य नहीं है, केवल आवश्यकता हैं छमता को सही दिशा प्रदान करने की। इस अवसर पर मंत्री सत्यदेव पचौरी, सांसद देवेंद्र सिंह भोले, विधायका नीलमा कटियार, महापौरजगत वीर सिंह द्रोण, जिलाधिकारी कानपुर नगर के अतिरिक्त अन्य प्रशासनिक अधिकारी एवं कानपुर जिला बाल कल्याण समिति के सदस्य हरिभाऊ खड़ेकर, प्रदीप अग्रवाल, विनोद शंकर दीक्षित आदि अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।