रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता। मुख्यमंत्री उ.प्र. योगी आदित्यनाथ एवं प्रधानमंत्री भारत सरकार गरीब जनता के हित में कितनी भी रचनात्मक योजनाएं शुरू कर दें, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी उन योजनाओं का सही क्रियान्वयन न करके उ.प्र.सरकार को बदनाम कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला ऊंचाहार विधानसभा के अंतर्गत शुकरूल्लापुर ग्राम पंचायत में कोटे की सरकारी दुकान का है, जहां कोटेदार के निधन के बाद जिस कोटेदार से ग्राम सभा का कोटा सम्बद्ध किया गया , उस पर जहां घटतौली का आरोप है, वहीं कार्डधारकों को परेशान करने तथा शासनादेश के खिलाफ राशन के साथ रिफाइंड, चना, दाल, नमक आदि नहीं देने संबंधी लिखित शिकायत मुख्यमंत्री उ.प्र.से ग्रामीणों ने की है।
ग्राम सभा शुकरूल्लापुर के नव निर्वाचित प्रधान केशलाल पूर्व प्रधान विजय प्रकाश के अलावा राकेश पाण्डेय, लल्ल शास्त्री, राजेश दुबे, ज्ञानेन्द्र त्रिपाठी, लल्ला तिवारी, चन्द्रभान सिंह, कृष्णमूर्ति शुक्ल, अमित मिश्रा, लवलेश पाण्डेय, चन्द्रकेश पासी, विनोद मौर्य आदि ने मुख्यमंत्री उ.प्र.को संबोधित आनलाइन शिकायती पत्र में कहा है कि ग्राम सभा शुकरूल्लापुर के कोटेदार (सरकारी राशन विक्रेता) जीतेन्द्र तिवारी की मृत्यु दिनांक 7.3.2022 को हो चुकी है, तब से कोटे को शासन द्वारा ग्राम सभा निगोहा से सम्बद्ध कर दिया गया है। उक्त कोटेदार शासन द्वारा निर्धारित राशन में घटतौली करता है तथा शासन द्वारा दिया जाने वाला चना, रिफाइंड नहीं किसी कार्ड धारक को नहीं देता।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जब चना, रिफाइंड देने के बारे में पूछा जाता है तो कोटेदार कहता है कि शासन ने नहीं भेजा, इसलिए यह सब नहीं मिलेगा। इसके बावजूद सिर्फ गेहूं या चावल के लिए वृद्ध, बीमार, गरीब, महिलाएं जब जाते हैं तो दो बार वापस किया जाता है। इस संबंध में जब ग्राम प्रधान शुकरूल्लापुर केशलाल ने कोटेदार से गांव के पंचायत भवन में राशन बांटने को कहा तो उसने मना कर दिया। ग्रामीणों की इस परेशानी पर क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी व खाद्य विभाग के जिम्मेदार पता नहीं क्यों चुप्पी साधकर कोटेदार को मनमानी करने की छूट दिये हैं।
ग्राम प्रधान व ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री उ.प्र.से मांग की कि सर्वप्रथम कोटेदार को आदेश दिया जाय कि जब तक शुकरूल्लापुर का कोटा उसके पास सम्बद्ध है, तब तक शुकरूल्लपुर का राशन चना, रिफाइंड, नमक शुकरूल्लापुर के ग्राम पंचायत भवन में वितरित किया जाए और घटतौली पर अंकुश लगाया जाए।