हरियाली को देखकर सबका मन प्रसन्न होता है यह सबके मन को भाती है, सकारात्मक ऊर्जा देती है और शुद्ध ऑक्सीजन देकर पर्यावरण को भी शुद्ध और संतुलित रखती है। इतना ही नहीं वास्तुदोष निवारण, बीमारियों को ठीक करने में एवं उत्तम स्वास्थ्य संरक्षण में वृक्ष-वनस्पतियों का योगदान सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता है। बढ़ते हुए प्रदूषण को रोकने के लिए वृक्षारोपण हमारी नैतिक जिम्मेदारी है, इन्हें लगाना हमारे लिए हर हाल में लाभकारी है।वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में पेड़-पौधे लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। वहीं, वास्तु शास्त्र में विभिन्न पेड़-पौधों का अपना एक अलग ही महत्व माना जाता है। वास्तु के मुताबिक पेड़-पौधे अगर सही दिशा में लगाए जाएं तो घर के वास्तु दोष दूर होते हैं। वहीं, गलत दिशा में लगे पेड़-पौधे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करते हैं, जो शारीरिक, आर्थिक एवं मानसिक समस्याओं का कारण भी बन सकते हैं। जिसका गृहवासियों की सुख-समृद्धि पर बुरा प्रभाव पड़ता है। साथ ही साथ धन की हानि भी होती है।
मनीप्लांट, बांस एवं क्रिसमस ट्री वास्तु की दृष्टि में समृद्धि देने वाले माने जाते हैं। अशोक एवं बांस के पेड़ लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, इसे लगाने से आपकी तरक्की होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है। एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर नीम का वृक्ष दूषित वायुमंडल को शुद्ध कर स्वच्छ पर्यावरण प्रदान करता है। बीमारियों को दूर रखने वाले नीम के पेड़ को वायव्य कोण में लगाना सुखद परिणाम देगा।
øबगीचे में पौधों और पेड़ों के लिए वास्तु
यदि आपके पास एक बगीचा है, तो प्रवेश द्वार को द्वारा अवरुद्ध नहीं किया जाना चाहिए। प्रवेश द्वार के एक तरफ आपके पास एक पेड़ हो सकता है। आम, नीम या केले के पेड़ को प्राथमिकता दी जाती है। किसी विशेष दिशा में पेड़ लगाने या पौधे को लगाने से उसके सकारात्मक प्रभाव को और मजबूत किया जा सकता है। यहाँ वास्तु शास्त्र के अनुसार बगीचे के लिए कुछ भाग्यशाली पौधे/पेड़ हैं।
केला- यह वृक्ष समृद्धि और धन का प्रतीक है। पत्तियों का उपयोग विभिन्न धार्मिक कार्यों और त्योहारों के लिए भी किया जाता है। अच्छे स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए केले के पेड़ को बगीचे की उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना चाहिए।
नीम – नीम में कई औषधीय गुण होते हैं। नीम का पेड़ ईशान कोण में लगाना चाहिए। जब नीम के पत्तों से बहने वाली हवा आपके घर में प्रवेश करती है, तो यह अच्छा स्वास्थ्य लाती है क्योंकि इसमें बहुत से उपचार गुण होते हैं। नीम का पौधा सकारात्मकता और खुशी पैदा करता है।
आम- आम के पत्तों का इस्तेमाल कई धार्मिक कार्यों में किया जाता है.
नारियल- नारियल के पेड़ के सभी भाग उपयोगी होते हैं और इसलिए इसे एक पवित्र वृक्ष माना जाता है।
बागीचा में दिशा के अनुसार लगाये जा सकते हैं ये पेड़ पौधे
पूर्व और उत्तर-पूर्व- वास्तुविज्ञान के अनुसार यदि पेड़-पौधों को दिशाओं के अनुरूप सही स्थान दिया जाए तो ये चमत्कारिक लाभ प्रदान करते हैं। घर के बगीचे या बालकनी में उत्तर-पूर्व एवं पूर्व दिशा में छोटे पौधे जैसे तुलसी, गेंदा, लिली, केला, आंबला, हरीदूब, पुदीना, हल्दी आदि लगाने चाहिए। इन दिशाओं में छोटे पौधे होने से उगते हुए सूर्य की स्वास्थ्यवर्धक रश्मियां घर में प्रवेश कर सकेंगी, जिससे परिवार के सदस्यों की सेहत दुरुस्त रहेगी, सामाजिक रिश्ते मजबूत होंगे। अद्भुत औषधीय गुणों वाला तुलसी का पौधा नकारात्मक ऊर्जा को ख़त्म करता है, वहीं यह अपने आस-पास के वातावरण को भी शुद्ध करता है, अतः इसे घर में अवश्य लगाना चाहिए। उत्तर दिशा में नीले रंग के फूल देने वाले पौधे जीवन में समृद्धि लाने में सहायक सिद्ध होंगे। नीला रंग व्यक्ति के जीवन में स्थिरता व पवित्रता लाता है।
दक्षिण व पश्चिम दिशा – ऊंचे पेड़ों को सदैव घर की दक्षिण या पश्चिम दिशा में लगाना उचित माना गया है। वास्तु सिद्धांत के अनुसार सकारात्मक ऊर्जा की तरंगें हमेशा पूर्व से पश्चिम एवं उत्तर से दक्षिण तथा पूर्वाेत्तर (ईशान) से दक्षिण-पश्चिम कोण (नैऋत्य) की ओर बहती हैं। ऐसे में ध्यान रखना चाहिए कि उत्तर और पूर्व में कम घने और छोटे पौधे ही लगाए जाएं ताकि सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह में कोई अवरोध नहीं हो। इस दिशा में पीपल का वृक्ष, नारियल का पेड़ ,नीम या अशोक का वृक्ष लगाना शुभ फलदायी होता है। पीपल की विशेषता यह है कि यह 24 घंटे ऑक्सीजन छोड़ता है। वातावरण को शुद्ध करने वाला यह वृक्ष अनेकों असाध्य रोगों में लाभकारी है। लेकिन पीपल को घर से पर्याप्त दूरी पर या कहीं खुले स्थान में पश्चिम दिशा की तरफ लगाना शुभ परिणाम देता है। घर में पीपल का पौधा लगाना अशुभ होता है। पीपल का पेड़ घर में होने से धन की हानि होती है। जिस पौधे के दूधनुमा पदार्थ निकलता हो उसे घर के बाहर लगाना चाहिए।
उत्तर-पश्चिम दिशा- बेल का वृक्ष घर की उत्तर-पश्चिम दिशा यानि वायव्य कोण में लगाना अत्यंत शुभ माना गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के प्रांगण में बेल का पौधा होने से आप सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जाओं से बचे रहते हैं एवं वास्तुदोष दूर होकर घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। घर की उत्तर-पश्चिम दिशा में लगा बेल का पौधा वहां रहने वाले हर सदस्य को यशस्वी और तेजवान बनाता है।
दक्षिण-पूर्व में लगाएं ये पेड़- अनार हृदय रोग, संग्रहणी, वमन में लाभकारी एवं शक्तिवर्धक है। इसे घर से बाहर दक्षिण-पूर्व (आग्नेय) दिशा में लगाने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होगी। लाल रंग के फूल जीवन में ऊर्जा और उमंग भरते हैं, दक्षिण-पूर्व या दक्षिण दिशा में लगे हुए लाल फूल हमें प्रसिद्धि व यश प्रदान करते हैं।
पौधों के लिए वास्तु- क्या करें और क्या न करें
सकारात्मक ऊर्जा फैलाने के लिए गमले के पौधे ठीक होते हैं। 2, 4 या 6 के जोड़े में पेड़ लगाएं। प्रतिदिन पौधों से सूखे पत्तों को तोड़ें। टूटे हुए बर्तन न रखें, क्योंकि ये अनिष्ट शक्तियों को आकर्षित करते हैं । सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने के लिए बहता पानी एक शानदार तरीका है। यह समृद्धि को भी प्रोत्साहित करता है। अपने उत्तर-पूर्व क्षेत्र में एक जल तत्व, जैसे फव्वारा आदि बगीचा में रखें ।
प्रवेश द्वार पर फूलों की पंखुड़ियों वाला कांच का कटोरा धन और समृद्धि को आकर्षित करता है। पानी कुचालक है प्रवेश द्वार और यह आपके घर और परिवार के सदस्यों को अच्छे स्वास्थ्य या नकारात्मक ऊर्जा में रखने में मदद करता है और यह आपके घर और परिवार के सदस्यों को अच्छे स्वास्थ्य में रखने में मदद करता है। घर में किसी भी तरह के कृत्रिम फूलों की सलाह नहीं दी जाती है।
बोनसाई- बोनसाई को कलात्मक माना जाता है लेकिन वास्तु के अनुसार पौधों के लिए ये अशुभ होते हैं और दुर्भाग्य लाते हैं। मृत या सड़ने वाले पौधे- यदि कोई पौधा मर गया है या सड़ रहा है, तो पौधे को अपने घर से हटा दें। मृत पौधे खराब स्वास्थ्य और नकारात्मक ऊर्जा के संकेत हैं। कैक्टिस या अन्य कांटेदार पौधे- कांटों वाले पौधे वास्तु शास्त्र में सख्त नहीं हैं। इन पौधों को रखने से परिवार के सदस्यों के बीच विवाद हो सकता है। कपास- कपास के पौधों को वास्तु शास्त्र के अनुसार अशुभ माना जाता है।