सिकंदराराऊ। वट सावित्री पर्व सोमवार को श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाया गया। सुबह घरों में पूजा-अर्चना की गई। इसके साथ ही बाग व बगीचों में जाकर वट वृक्ष की पूजा महिलाओं ने की। इस पर्व को लेकर ग्रामीण क्षेत्र में भी वट वृक्षों की पूजा करने को महिलाओं की भीड़ वटवृक्ष के नीचे लगी रही।सनातन संस्कृति में सारे पर्व प्रकृति पूजा पर आधारित हैं। यहां वृक्षों को उनके गुणों के आधार पर भगवान मानकर पूजा जाता है। सोमवार को वट सावित्री पर्व मनाया गया। धर्माचार्य बताते हैं कि वटवृक्ष की पूजा करने से घरों में सुख व समृद्धि बनी रहती है। यह पर्व अखंड सौभाग्य, पति व बच्चों की लंबी आयु के लिए मनाया जाता है। पर्व पर वट की पूजा के लिए सुबह से ही घरों में तैयारियां शुरू हो गई थीं। पूजा करने के बाद महिलाएं पूजा की सामग्री लेकर नजदीकी स्थलों पर लगे वट वृक्षों के पास पहुंचीं। यहां पर वृक्ष के तने में कच्चा सूत बांधते हुए वट की पूजा की गई। वट वृक्ष का पूजन कर परिक्रमा लगाई गई। यह पर्व पति व बच्चों की लंबी आयु के लिए मनाया जाता है। महिलाएं इस दिन सोलह श्रृंगार करके वट वृक्ष की पूजा करती हैं। यह पर्व शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में सभी जगह मनाया जाता है।