नैनी, प्रयागराज। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस गंगोत्री नगर नैनी में विश्व संवाद परिषद योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा प्रकोष्ठ एवं इंडियन योगा एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में धूमधाम से मनाया गया। साधकों को योग की दीक्षा देते हुए विश्व संवाद परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगाचार्य डॉ रमेश चंद्रा ने कहा जीवन की सिद्ध समाधान और संपूर्णता के लिए सुझाए गए अनेक मार्गो में से एक प्रमुख मार्ग योग भी है। योग भारत की दिव्य दैवीय संपदा का अभिन्न अंग और संसार के योग क्षेम निमित्त भारतीय संस्कृत अमूर्त उपहार है। कोरोना काल में योग, आयुर्वेद और जीवन शैली की संपूर्ण विश्व में स्वीकृति बड़ी है। जब संपूर्ण विश्व का चिकित्सा विज्ञान कोरोना के समक्ष नतमस्तक था तब हमारी आहार पद्धति, आध्यात्मिक मूल्य, योग, आयुर्वेद आदि ही मानवता की ढाल बने, इसलिए इस जीवन का आधार है योग। आज की इस दौड़ भाग वाली जिंदगी में लोगों का तनाव बढ़ गया है और अनियमित दिनचर्या और गलत खान पान रहन सहन की वजह से अनेक बीमारियों का जन्म हो रहा है जिसमें मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, मधुमेह, अर्थराइटिस, थायराइड ओस्टियोपोरोसिस, अल्जाइमर, लीवर के रोग स्त्रियों के रोग आदि प्रमुख है। योग तन मन को इतना सदन और परिपक्व बना देता है कि व्यक्ति मानव से महामानव बनता है। योग एक पूर्ण शास्त्र है जो किसी जाति विशेष की ना होकर विश्व मानव की विरासत है। यदि हम योग और आयुर्वेद को अपने जीवन में नियमित अपना लें तो निश्चित ही हमारा जीवन उत्सव बन सकता है और हम पूरी तरह से अपने परिवार को समाज को बच्चों को स्वस्थ रख सकते हैं और इसी से हमारा समाज हमारा भारत स्वस्थ और समृद्धि बनेगा।