कानपुर देहात। जिलाधिकारी नेहा जैन की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला भूगर्भ जल प्रबन्धन परिषद की बैठक आहूत की गयी। भूगर्भ जल के निकासी हेतु अनापत्ति प्रमाण-पत्र/नवीनीकरण/पंजीकरण के लिए पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों के निस्तारण हेतु चर्चा की गयी। जिलाधिकारी महोदया द्वारा निर्देश दिये गये कि अनापत्ति प्रमाण-पत्र के निर्गमन के क्रम में निहित शर्तों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये एवं उसका अनुश्रवण किया जाये।उक्त बैठक में जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिये गये कि अनापत्ति प्रमाण-पत्र में प्राप्त भूजल निकासी की अनुमति की मात्रा के अनुसार वर्षा जल संचयन एवं भूजल रिचार्ज हेतु क्षमता विकसित करना अनिवार्य है, जिसके लिए कम्पनी द्वारा रुफटाप रेनवाटर हार्वेस्टिंग एवं तालाब के माध्यम से भूजल रिचार्ज किया जाये। जिला भूगर्भ जल प्रबन्धन परिषद, कानपुर देहात के नोडल अधिकारी अविरल कुमार सिंह, हाइड्रोलाजिस्ट द्वारा अवगत कराया गया कि उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल अधिनियम-2019 एवं नियमावली-2020 के अर्न्तगत समस्त वाणिज्यिक, औद्योगिक, अवसंरचनात्मक, सामूहिक उपयोक्ताओं को भूगर्भ जल विभाग से अनापत्तिप्रमाण-पत्र प्राप्त करना अनिवार्य है। अधिनियम का उलंघन करने पर प्रथम अपराध हेतु रु0 02 लाख से 05 लाख अर्थ दण्ड अथवा 06 माह से 01 वर्ष का कारावास अथवा दोनों एव अपराध की पुनरावृत्ति पर प्राधिकार पत्र निरस्त करते हुए उपरोक्त दण्ड को दोगुना किये जाने का प्राविधान है। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पाण्डेय, जिला वनाधिकारी, उपायुक्त उद्योग, अधिशासी अभियन्ता सिंचाई, जिला कृषि अधिकारी, अवर अभियन्ता, प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड, कानपुर देहात आदि उपस्थित रहे।
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