रायबरेली। मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने व गर्भवती तथा धात्री के पोषण को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सभी जिला एवं ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य इकाइयों पर “एक कदम सुरक्षित मातृत्व की ओर” अभियान की शुरुआत एक सितंबर से हुई । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 वीरेंद्र सिंह ने बताया कि एक सितंबर से शुरू हुआ यह अभियान 30 सितंबर तक चलेगा | इस अभियान के दौरान गर्भवती व धात्री महिलाओं को आयरन फॉलिक एसिड , कैल्शियम और एल्बेंडाजोल की गोलियां प्रदान की जा रही हैं । साथ ही आशा कार्यकत्री और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर गर्भवती और धात्री महिलाओं को चिन्हित कर रही हैं और उनकी सेहत परख रही हैं। प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ए.के. चौधरी ने बताया कि अभियान में प्रसव पूर्व जांच व समय से गोलियों के सेवन के लिए भी जागरूक किया जा रहा हैै। मुख्यमंत्री आरोग्य मेला, ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस (वीएचएनडी) तथा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के माध्यम से भी व्यापक जनजागरूकता लायी जाएगी । गर्भवती को चिकित्सक या स्वास्थ्यकार्यकर्ता की सलाह को मानते हुए आयरन फॉलिक एसिड(आईएफ़ए), कैल्शियम और एल्बेंडाजोल की गोलियों का सेवन जरूर करना चाहिए। एनीमिया होने का एक कारण पेट में कीड़े होना भी होता है । गर्भावस्था के दौरान चिकित्सक की सलाह पर एल्बेंडाजोल की गोली का सेवन जरूर करना चाहिए। जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता यासीन अहमद द्वारा बताया गया कि गर्भावस्था व प्रसव उपरान्त महिलाओं को बेहतर पोषण की आवश्यकता होती है। आयरन फोलिक एसिड व कैल्शियम की गोलियां प्रत्येक गर्भवती व धात्री महिलाओं को दी जाती हैं। फ़ॉलिक एसिड शिशु को जन्मजात होने वाली गंभीर बीमारियों से बचाता है एवं कैल्शियम शिशु की हड्डियों व दांत के विकास के लिए बेहद आवश्यक होता है ।