लखनऊ, जन सामना डेस्क। बुधवार को समाजवादी पार्टी के विधायकों को विधानसभा पर धरने देने की मंशा को पुलिस ने असफल कर दिया।
14 से 18 सितंबर तक समाजवादी पार्टी ने विधायक दल द्वारा जनसमस्याओं पर विधानसभा भवन में चौधरी चरण सिंह जी की प्रतिमा पर 5 दिवसीय शांतिपूर्ण धरना की घोषणा की थी।
प्रतिदिन 25 से 30 विधायक धरने पर बैठने वाले थे। लेकिन पुलिस ने कई नेताओं को उनके आवास पर नजरबंद कर दिया। पार्टी ऑफिस पर भारी फोर्स लगा कर गिरफ्तारी करवा लिया गया। सपा विधायकों को विधानभवन तक नहीं पहुंचने दिया गया। वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव के आवास के बाहर भारी पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया।
इतना ही नहीं सपा कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ काफी झड़प भी हुई, जिस पर पुलिस ने बल प्रयोग किया। वहीं, जब सभी विधायक सपा कार्यालय से विधानभवन की तरफ जा रहे थे, इसी दौरान पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इसके पहले, सपा विधायकों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उन्हें घर में नजरबंद कर दिया और मीडिया से भी बात करने की अनुमति नहीं दी। वहीं, जो विधायक विधानभवन पहुंचे उन्हें वापस कर दिया गया। इसी के चलते जब सपा विधायक जाहिद बेग और चौधरी समरपाल सिंह विधान भवन पहुंचे तो, उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई। उनका कहना था कि सरकार दमनकारी रवैया अपना रही है जो कि ठीक नहीं है।
सपा के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से वीडियो शेयर करते हुए लिखा गया, लोक तंत्र की हत्यारी भाजपा सरकार!
सड़क से लेकर सदन तक जारी रहेगा समाजवादियों का संघर्ष। महंगाई, बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार, किसानों की दुर्दशा, भाजपा की विध्वंसक नीतियों से उत्पीड़ित दलित, वंचित, पिछड़े, अल्पसंख्यकों की आवाज़ बुलंद करने विधानसभा जाने के लिए निकले सपा विधायकों को पुलिस के द्वारा गिरफ्तार करना, घोर निंदनीय!