चन्दौली। शहाबगंज सेमरा परोपकार का सबसे बड़ा लाभ है आत्म संतुष्टि, आत्मा को शांति मिलना कि मैंने दूसरों के हित के लिए यह काम किया है। परोपकार निस्वार्थ भाव से किया जाता है किंतु इसके बदले में परोपकारी प्राणी को वो संपत्ति प्राप्त हो जाती है जो लाखों रुपए देकर भी नहीं खरीदी जा सकती वह संपत्ति है मन का सुख। ये बातें कही राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ चकिया की अध्यक्ष सुश्री रीता पाण्डेय ने। मौका था मातृभूमि सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में आर.के नेत्रालय वाराणसी द्वारा प्रत्येक शुक्रवार को आयोजित होने वाले निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर के आयोजन का। शिविर का संचालन सुबाष विश्वकर्मा व सुमन्त कुमार मौर्य ने किया। शिविर में प्रमुख रूप से डा. अमरेश उपाध्याय, डा.शहजाद, चन्द्रशेखर शाहनी, सत्यानंद रस्तोगी, अवधेश गुप्ता, भरत रस्तोगी, विरेन्द्र भूषण तिवारी, राकेश कुमार, मु.राजू, सुनिल राम, जितेन्द्र इत्यादि लोग उपस्थित रहे।