लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने पॉक्सो, महिला उत्पीड़न, सीसीटीएनएस तथा आईटी सिस्टम के कार्यों की विस्तार से समीक्षा की।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि महिला एवं बालिका से जुड़े अपराध के मामलों में जल्द से जल्द तफ्तीश पूरी कर फास्ट ट्रैक कोर्ट में आरोप पत्र भेजा जाये। पॉक्सो एक्ट मामलों में दो माह के भीतर कार्रवाई होनी चाहिए, ऐसे मामलों में जल्द कार्यवाही होने से अपराध में कमी आयेगी और पुलिस के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ेगा। जनपद स्तर पर पॉक्सो एक्ट से सम्बन्धित मामलों की हर महीने समीक्षा की जाये।
बैठक में बताया गया कि सभी जनपदों में पाक्सो एक्ट मामलों में त्वरित कार्रवाई की जा रही है। 27 फरवरी, 2023 तक के आंकड़ों के अनुसार आईपीसी की धारा-376 तथा पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत 77,044 एफआईआर में 75,331 मामलों को निस्तारित कर 97.80 प्रतिशत के साथ देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इसके अलावा आईपीसी की धारा-376 तथा पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत एफआईआर में दो माह के भीतर जांच प्रक्रिया पूरी करने में 71.8 प्रतिशत के साथ उत्तर प्रदेश ने पांचवा स्थान प्राप्त किया है। इसी प्रकार दो माह से अधिक जांच लम्बित होने के मामलों में 0.5 प्रतिशत के साथ उत्तर प्रदेश ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है। इस पर मुख्य सचिव ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुये कहा कि इसी तरह का प्रदर्शन आगे भी जारी रखा जाये और महिलाओं से जुड़े अपराधों में पंजीकृत एफआईआर की जांच प्रक्रिया को दो माह के भीतर अवश्य पूरा किया जाये।
बैठक में एडीजी महिला बाल सुरक्षा एवं संगठन श्रीमती नीरा रावत, एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडेय, सचिव गृह बीडी पॉलसन समेत अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से जनपदों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भी बैठक में प्रतिभाग किया।
Home » मुख्य समाचार » आईपीसी की धारा-376 तथा पॉक्सो एक्ट मामलों के निस्तारण में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान परः मुख्य सचिव