भूलकर किसी और दुनिया में जो तुम खो गए
बैठ कर मेरी छांव में ही आँख मूँद जो सो गए।
हूँ पुराना मूल और आधार हूँ मैं आपका
छोड़ मुझको राहों में नई राह के तुम हो गए।
देखो झर झर झर रही है केंचुली मेरे अंग की
ओढ़ कर ये नया लबादा चैन से तुम सो गए।
आओगे मेरे पास तुम तुमको गले लगाऊंगी
चाहे मुझको छोड़कर तुम और के जो हो गए।
है बहुत तन्हा सी गमगीन दुनिया ये मेरी
आ गए जो गोद में तुम उजले अंधेरे हो गए।
पढ़ लूँ तुमको मैं या तुम पढ़ लो जो मुझको बैठकर
अब तो दोनों दोनों के ही साये से बस हो गए।
हूँ कोई पन्ना पुराना मैं गली किताब का
लफ्ज जैसे तुम जो आये पन्ने करारे हो गए।
Written by : Nutan Jyoti
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