Sunday, December 1, 2024
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कालेज में वॉलीबॉल एवं जूनियर स्तर पर छात्राओं के क्रिकेट मैच का आयोजन

हाथरस। श्याम कुंज स्थित एमएलडीवी पब्लिक इंटर कॉलेज के प्ले ग्राउंड पर स्पोर्ट्स मीट के अंतर्गत वॉलीबॉल एवं जूनियर स्तर पर छात्राओं के क्रिकेट मैच का भव्य आयोजन किया गया। वॉलीबॉल मैच का टॉस संस्था के डायरेक्टर स्वतंत्र कुमार गुप्त ने कराया। वॉलीबॉल सीनियर बॉयज ए टीम ने टीम बी पर 21-6 से विजय प्राप्त की। जिसमें आशीष, रजत, ललित, जतिन, अमित, दीपक, अमन, विशाल, अभय, यश की टीम ने शानदार प्रदर्शन कर विजय प्राप्त की एवं दीपक, जतिन, श्याम, अमित, मगन, कपिल, छत्रपाल, अंकुर उपविजेता रहे। वॉलीबॉल गर्ल्स में करिश्मा के नेतृत्व में सुहानी, शिवांशी, पायल, खुशबू प्राची, खुशी, अनामिका, प्रिया ने 21-10 से विजय प्राप्त की।

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बलभद्र महायज्ञ के बाद लगेगी परिक्रमा

हाथरस। बलभद्र महायज्ञ की तैयारियों को लेकर व्यवस्थापक समिति की एक बैठक डिब्बा गली स्थित पं. उपेंद्रनाथ चतुर्वेदी ज्योतिष कार्यालय पर हुई। जिसमें कुंड मंडप निर्माण व सामिग्री संकलन आदि पर विचार रखे गए।बैठक की अध्यक्षता करते हुए यज्ञार्य उपेंद्रनाथ ने कहा कि यज्ञ स्थल पर यजमान और श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था उत्तम होनी चाहिए। वहीं हवन कुंडों परिक्रामार्थ भी उचित व्यवस्था होनी चाहिए। क्योंकि हवन-यज्ञ में आहुतियों कं बाद परिक्रामा का विशेष महत्व होता है। यज्ञ कुंडों की परिक्रामा से सकारात्मक ऊर्जा आती है। साथ ही संपन्नता व सकारात्मक सोच का मानव शरीर में उद्भव होता है। इस मौके पर 4 मार्च को निकलने वाली कलश यात्रा को लेकर चर्चा हुई। साथ ही कलश यात्रा का रूट व अन्य व्यवस्थाओं को लेकर जिम्मेदारियां सौंपी गई। इस मौके पर कार्यक्रम को लेकर पुनः जानकरी देते हुए बताया कि 3 मार्च को मध्याह्न 11 बजे से सर्व प्रयचित के साथ होग। 4 मार्च को भव्य कलश यात्रा।

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अधिवक्ता परिषद लड़ेगी कृष्णा यादव की कानूनी लड़ाई

हाथरस। हिन्दूवादी नेता कृष्णा यादव का निधन सनातन व हिन्दुत्व के लिए एक बड़ा आघात है। इसकी क्षति अपूर्णनीय है। स्वर्गीय यादव के परिवार को कानूनी सहायतार्थ अधिवक्ता परिषद ने एक पैनल तैयार किया है जो उनके परिवार से जाकर मिलेगा। यह जानकरी अधिवक्ता परिषद की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट पर हुई बैठक में वक्ताओं ने दी। बैठक में बताया गया कि पैनल में दिनेश पाल, मुकेश चतुर्वेदी, रामप्रकाश सिंह, ममता कौशिक, मनु भट्ट व गिरीश कुमार रावत को नियुक्त किया गया है। यह पैनल स्व. कृष्णा यादव के घर जाकर मुलाकात करेगा और हालातों की जानकारी लेगा और हर संभव कानूनी सहायतार्थ प्रयास करेगा। इस मौके पर दो मिनट का मौन रख दिवंगत आत्मा को शांति और शोकाकुल परिवार को धैर्य प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई।

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मां ने घोटा ममता का गला,गर्भपात कराकर सड़क किनारे फेंका भ्रूण

कानपुर। देश ऐसी परिस्थति में है जब हर एक अपनी जिंदगी से जूझ रहा। लोगों के आगे ज़िंदा रहने के लिए खाना पीना टेढ़ी खीर हो गया है। न गत से खाने को है न पहनने और रहने को। लेकिन हर जतन कर इंसान अपनी और परिवार की जीविका चला रहा है। इस बीच एक कल युगी मां ने जो तस्वीर पेश की उसने ममता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। निर्दई मां ने गर्भपात करा कर बच्ची का भ्रूण कपड़े में लपेटकर सड़क किनारे फेंख दिया। कल्याणपुर थाना क्षेत्र का है जहां सुबह पनकी रोड से गुजर रहे राहगीरों ने सड़क किनारे कूड़े के ढेर में कपड़े में लिपटा एक 7 महीने की बच्ची का भ्रूण पड़ा देखा। जिसे देख राहगीरों ने हेल्पलाइन नंबर 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। सूचना पाकर घटनाक्रम में पहुंची। पुलिस ने बच्ची के भ्रूण को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

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तेज रफ्तार कंटेनर अनियंत्रित होकर डिवाइडर तोड़कर दूसरी ओर पहुंच गया, कुछ देर लगा रहा जाम

कानपुर। बर्रा थाना क्षेत्र के गुजैनी नेशनल हाईवे पर बीते दिन बुधवार को रात तकरीबन 9.30 बजे भौती की ओर से रामादेवी की ओर जा रहा एक तेज रफ्तार कंटेनर अनियंत्रित होकर डिवाइडर तोड़ता हुआ अपनी लेन से दूसरी लेन पर बीचो.बीच जा पहुंचा। जिस कारण हाईवे पर लंबा जाम लग गया। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने जाम को देख धीरे..धीरे एक. एक कर वाहनों को जाम से निकलवाया। जिससे जाम को निजात मिल सके और कंटेनर बीच सड़क से हटवाने के लिए क्रेन बुलवाई, जिससे कंटेनर को किनारे करवाया जा सके।

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जिलाधिकारी ने परखी बालगृह की व्यवस्था

◆ बच्चों को दिए जाने वाला खाना स्वादिष्ट एवं पौष्टिक हो इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए

कानपुर नगर। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने राजकीय बालगृह बालक कल्याणपुर के औचक निरीक्षण के दौरान उपस्थित जिला प्रोबेशन अधिकारी को दिए । जिलाधिकारी द्वारा आज कल्याणपुर स्थित बालग्रह का औचक निरीक्षण किया गया ।निरीक्षण के दौरान उन्होंने बालको से जानकारी प्राप्त करते हुए पूछा कि आपको खाना समय से मिलता है, जो खाना आपको मिलता है वह आपको अच्छा लगता है कि नहीं , इस पर बालक ने बताया कि खाना हमारी पसंद का होता है और बहुत अच्छा लगता है। जिलाधिकारी ने बच्चों से जानकारी प्राप्त करते हुए पूछा कि आज आपको खाने में क्या मिला ,इस पर बच्चों द्वारा बताया गया कि सुबह आलू सोया मेथी की सब्जी अरहर की दाल चावल रोटी मिली थी और अभी पूरी हम लोगो को पूड़ी दूध मिला है।

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जया अम्मा के जैसा दमदार और प्रेरणादायक किरदार निभाना मेरे लिए सबसे बड़ी प्रेरणा थी: कंगना राणावत

एंड पिक्चर्स 27 फरवरी को रात 8 बजे फिल्म ‘थलाइवी’ के प्रीमियर के साथ आपको एक ऐसे शख्स की कहानी से प्रेरित करने जा रहा है, जिन्होंने अपने लोगों के लिए संघर्ष किया और भारत के इतिहास की सबसे प्रभावशाली राजनेताओं में से एक बनकर उभरीं। इस फिल्म में काम करने के अपने अनुभव बताते हुए कंगना ने इस किरदार को निभाने की प्रेरणा और हावभाव अपनाने के बारे में चर्चा की।
      फिल्म के बारे में वे कहती हैं, “मेरे लिए थलाइवी निश्चित तौर पर जिंदगी बदल देने वाला अनुभव था, क्योंकि इसमें सीखने के लिए बहुत कुछ था। जया अम्मा जैसा दमदार और प्रेरणादायक किरदार निभाना मेरे लिए एक शानदार अनुभव था। वे एक प्रभावशाली राजनेता थीं, जो जीवन पर्यन्त अपने लोगों के लिए लड़ती रहीं। उनके जैसी फिज़ीक और हाव-भाव अपनाने के लिए मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ी। इस कहानी में जया अम्मा का किरदार, उनकी किशोरावस्था से उनकी उम्र के 40वें दशक के शुरुआती दौर तक का है। इस बदलाव को अपनाना अपने आप में बेहद चुनौतीपूर्ण था। हालाँकि, फिल्म के डायरेक्टर विजय सर ने मुझमें विश्वास जगाया और मैं थलाइवी का हिस्सा बनीं। मुझे खुशी है कि मैंने यह फैसला किया।”
   जयललिता के किरदार को लेकर कंगना कहती हैं, “जब भी मैं कोई प्रोजेक्ट करती हूँ, तो मैं यह सुनिश्चित करती हूँ कि मैं उसके साथ पूरा न्याय करूँ। मैंने उनके किरदार, तौर-तरीके और व्यक्तित्व से जुड़ी हर बारीकी पर गौर किया और इसे अपनी परफॉर्मेंस में शामिल किया। जया अम्मा की कई खूबियों में से एक खूबी यह भी थी कि वे एक प्रशिक्षित पेशेवर डांसर भी थीं। उनकी इस खूबी को अपनी परफॉर्मेंस में शामिल करना बहुत बड़ा चैलेंज था। इस सफर के हर पहलु ने मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित किया। यह कुछ ऐसा था, जिसके बारे में जानने का मौका मुझे इससे पहले कभी नहीं मिला था।”

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ज़ी बॉलीवुड मना रहा है 101% शुद्ध ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘जुदाई’ के शानदार 25 साल का जश्न, 28 फरवरी को

“लालच बहुत बड़ी कमजोरी है इंसान की”….. 90 के दशक की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘जुदाई’ का यह डायलॉग इस फिल्म के संदेश को बखूबी समेटता है। इस फिल्म में बॉलीवुड की बेमिसाल जोड़ी – अनिल कपूर और श्रीदेवी के साथ खूबसूरत उर्मिला मातोंडकर ने प्रमुख भूमिकाएं निभाई हैं। इस फिल्म को दुनिया भर में बड़ी पहचान और तारीफें मिलीं, वहीं उपासना सिंह के पॉपुलर डायलॉग ‘अब्बा डब्बा जब्बा’ और माथे पर सवाल का निशान लिए परेश रावल के किरदार ‘हमशक्ल’ ने इस फिल्म में कॉमेडी एलिमेंट शामिल किया था, जिसका दर्शकों पर लंबे समय तक असर रहा। इस फिल्म में न सिर्फ शानदार परफॉर्मेंस थीं, बल्कि यह बॉलीवुड का एक सफल प्रयास भी था, जिसमें पैसों की लालची एक औरत और उसका सफर दिखाया गया था। एक ताज़गी भरी कहानी, हिट गाने और बेहतरीन डायलॉग्स के साथ यह फिल्म उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक बन गई। हालांकि जुदाई श्रीदेवी और अनिल कपूर की एक साथ आखिरी फिल्म थी, लेकिन यह मशहूर जोड़ी आज भी लोगों की फेवरेट है। यह फिल्म 28 फरवरी को 25 साल का धमाकेदार सफर पूरा कर रही है। इस मौके का जश्न मनाते हुए 101% शुद्ध बॉलीवुड चैनल ज़ी बॉलीवुड 28 फरवरी को रात 9 बजे 90 के दशक का यह 101% शुद्ध ड्रामा प्रसारित करने जा रहा है।

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डिजिटल प्रौद्योगिकियों के विकास ने हमें अपनी भाषाओं और संस्कृति विरासत को संरक्षण और विकास के नए अवसर प्रदान किए

भारत सॉफ्टवेयर की एक महाशक्ति के रूप में जाना जाता है। अगर हम वैश्विक विकसित देशों की सॉफ्टवेयर कंपनियों के कर्मचारियों पर अनुमान लगाएं तो मेरा मानना है कि हमें कई भारतीय मूल के डेवलपर, प्रोग्रामर सॉफ्टवेयर, विशेषज्ञ मिलेंगे जो बड़े-बड़े पैकेजों से अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। परंतु अगर हम कृषि और गांव प्रधान देश में जीरो ग्राउंड पर जाकर विश्लेषण करेंगे तो अभी भी डिजिटल विकास का जनसैलाब हमारे ग्रामीण व कृषि भाइयों तक अपेक्षाकृत कम पहुंचा है। हालांकि केंद्र और राज्य सरकारें भरपूर प्रयत्न कर रहे हैं कि कृषि और ग्रामीण इलाकों में डिजिटलाइजेशन की क्रांति तेजी से पहुंचे हालांकि अनेक शासकीय कार्य आसानी से शीघ्र हो सके तथा उनको मिलने वाली सहायता राशि, पैकेज, उनके मेहनत और कृषि वस्तुओं का पैसा, उनके अकाउंट में सीधे ट्रांसफर हो सके ताकि बिचौलिए, रिश्वतखोरी और अवैध वसूली करने वालों का आंकड़ा जीरो हो जाए और ग्रामीण किसानों के जीवन समृद्धि में वृद्धि हो सके।
साथियों बात अगर हम विभिन्न डिजिटल प्रौद्योगिकियों से हमारे जीवन, जीवनस्तर, हमारी विरासत के संरक्षण, विकास के अवसर की करें तो हमारी डिजिटल प्रौद्योगिकी ने हमारी जीवनशैली ही बदल कर रख दी है। अधिकतम सकारात्मक दिशा में तो कुछ हद तक नकारात्मक दिशा में भी हुई है जिस तरह सिक्के के दो पहलू होते हैं उसी तरह हर आयाम के भी कुछ नकारात्मक पहलू होते हैं। पर हमें कोशिश करके नकारात्मक पहलू छोड़कर सकारात्मकता की ओर बढ़ कर डिजिटल प्रौद्योगिकी के विभिन्न सुविधाओं का लाभ उठाने की ज़रूरत है।
साथियों बात अगर हम अपनी भाषा और संस्कृति विरासत हजारों वर्ष पूर्व इतिहास के उन संदर्भित पन्नों की बात करें तो उन्हें संजोकर रखने का महत्वपूर्ण और काम इस डिजिटल प्रौद्योगिकी की तकनीकी के कारण हो सकता है। आज हजारों लाखों पृष्ठों की हमारी विरासत, संस्कृति, भाषाओं नीतियों का संरक्षण हम डिजिटल प्रौद्योगिकी की विभिन्न तकनीकों से करने में सफल हुए हैं। नहीं तो आगे चलकर हमारी अगली पीढ़ियों तक यह स्वर्ण पन्नों की लिखित विरासत पहुंचती या नहीं इसका जवाब समय के गर्भ में छिपा था। परंतु अभी हम डिजिटल प्रौद्योगिकी के ऐप के भरोसे कह सकते हैं कि यह विरासत मानव प्रजाति होने तक सुरक्षित रहेगी, यह उसका सकारात्मक उपयोग और संरक्षण योग्य और सुरक्षित हाथों में रहने पर निर्भर है।

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लड़कियों को तंदुरुस्त बनाईये

माँ जो जगदाधार है, माँ जो परिवार की नींव है उसे खुद को स्वस्थ और तंदुरुस्त रहने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। स्त्री को ममता की मूरत माना जाता है, माँ बनना हर औरत का सपना होता है। लड़की की शादी के बाद कुछ ही समय में परिवार और रिश्तेदार वाले पूछते रहते है, खुश ख़बर कब सुना रही हो? लेकिन आजकल देखा जा रहा है की कई महिलाएं मां नहीं बन पा रही है। या तो गर्भ ठहरता भी है तो दो ढ़ाई महीने बाद बच्चे का विकास अटक जाता है, और अबोर्शन करके अविकसित गर्भ निकलवाना पड़ता है। हर माता-पिता का फ़र्ज़ है की अपनी बच्ची को बचपन से ही हैल्दी खानपान से तंदुरुस्त बनाईये, क्यूँकि बेटी को अपने अंदर एक जीव को पालना है, जिसके लिए उसका खुद का शरीर स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। आजकल हर पाँचवी लड़की को माँ बनने में कोई न कोई दिक्कत आती है। महिलाओं के मां न बन पाने के कई कारण हो सकते है। जिसमें काफ़ी हद तक उनकी लाइफस्टाइल ज़िम्मेदार होती है। खासकर खान-पान बाहर का खाना जिसमें प्रिज़र्वेटिव और फूड़ कलर की मात्रा अधिक होती है। मैदे से बने जंक फूड का अधिक सेवन, ओवर ईटिंग, मोटापा, ज़रूरत से ज़्यादा डायटिंग, अचानक वज़न बढ़ना या बहुत ज़्यादा वज़न घटना, एक्सरसाइज़ बिल्कुल न करना या ज़रूरत से ज्यादा एक्सरसाइज़ करना भी मां बनने में बाधक होता है। चरबी युक्त खाना खाकर जब मोटापा बढ़ जाता है, तो क्रैश डायटिंग करना शुरू कर देती है। इन सबके चलते शरीर में इतनी तेज़ी से हार्माेनल बदलाव होता है कि शरीर का हार्माेनल बैलेंस ही बिगड़ जाता है, जो माँ नहीं बन पाने का कारण बन जाता है।
आजकल लड़कियों में बहुत कम उम्र में ही पीसीओएस की समस्या भी देखी जा रही है। इसका कारण उनका ग़लत खानपान और स्ट्रेस है। पीसीओएस/पीसीओडी के कारण महिलाओं में ओवेल्यूशन नहीं होता, महिलाओं के शरीर में सामान्य की तुलना में बहुत अधिक हार्माेन्स बनते है। हार्माेन में इस असंतुलन की वजह से पीरियड्स नियमित नहीं रहते है ,आगे चलकर इससे प्रेग्नेंसी में समस्या आ जाती है।

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