रायबरेली। एनटीपीसी ऊंचाहार में नैगम सामाजिक दायित्व नीति के तहत ग्रामीण खेल प्रतियोगिता का शुभारंभ किया गया। परियोजना के कार्यकारी निदेशक अभय कुमार श्रीवास्तव तथा प्रियदर्शिनी लेडीज क्लब की अध्यक्षा अनुपमा श्रीवास्तव ने खेल कूद प्रतियोगिता का उद्घाटन किया। श्री श्रीवास्तव ने सभी प्रतिभागी खिलाड़ियों को शपथ दिलाई तथा अपनी शुभ कामनाएं देते हुए खेल भावना की स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के साथ खेलने की अपील की। मुख्य अतिथि ने सभी टीमों के कप्तानों के साथ मशाल जलाकर खेलों का आगाज़ किया।
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर 350 से अधिक लोगों ने लिया नि:शुल्क परामर्श
मथुरा। विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (सिम्स हॉस्पिटल) में बृजवासियों के लिए नि:शुल्क हेल्थ कैम्प का आयोजन किया गया, जिसमें 350 से अधिक मरीजों ने विभिन्न विभागों से नि:शुल्क परामर्श लिया। इस हेल्थ कैम्प में मरीजों को रेडियोलॉजी एवं पैथोलॉजी पर 25%, दवाइयों पर 10% तथा हृदय रोगियों के लिए ईको और टीएमटी पर भी 25% की छूट दी गई।
फ्री हेल्थ कैम्प में विभिन्न विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा मरीजों को परामर्श दिया गया, जिनमें न्यूरोसर्जरी, न्यूरोलॉजी, हृदय रोग, किडनी रोग, हड्डी और जोड़ रोग, छाती और सांस रोग, नवजात एवं बालरोग, स्त्री रोग, जनरल सर्जरी, यूरोलॉजी, इंटरनल मेडिसिन, ईएनटी, मनोवैज्ञानिक, नेत्र रोग और दंत रोग जैसी सेवाएं शामिल थीं।
चन्द्रशेखर हॉफ मैराथन में भाग लें, मिलेगा एक लाख का पुरस्कार
हाथरस। उपक्रीड़ा अधिकारी काशी नरेश यादव ने जानकारी दी कि इस वर्ष भी राष्ट्रनायक चन्द्रशेखर मैराथन समिति द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर की 98वीं जयंती के अवसर पर ‘चन्द्रशेखर हॉफ मैराथन 2025’ का आयोजन किया जाएगा। यह हॉफ मैराथन 19 अप्रैल को बलिया में आयोजित होगी, जो 21.1 किलोमीटर की दूरी पर होगी। उत्तर प्रदेश एथलेटिक्स एसोसिएशन द्वारा इस मैराथन का आयोजन किया जाएगा।
प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर आने वाले को एक लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।
अज्ञात कारणों के चलते किसान की बारह बीघा फसल जलकर स्वाहा
हाथरस। नगला गढ़ू में एक किसान की बारह बीघा फसल अज्ञात कारणों के चलते जलकर पूरी तरह से नष्ट हो गई। इस घटना से किसान के परिवार में कोहराम मच गया, और उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हुआ।
सोमवार को मिली जानकारी के अनुसार, कृष्ण कुमार उर्फ बंटो के खेत में खड़ी गेहूं की बारह बीघा फसल में अचानक आग लग गई। खेतों में काम कर रहे ग्रामीणों ने तुरंत आग की ओर दौड़कर उसे बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग इतनी तेजी से फैल गई कि वे उसे काबू नहीं कर सके। देखते ही देखते आग ने रौद्र रूप धारण कर लिया और पूरी फसल जलकर राख हो गई। सूचना मिलने के बाद दमकल विभाग भी घटनास्थल पर पहुंचा।
ससुराल आए युवक का खेत में पड़ा मिला शव, एसपी ने घटनास्थल का किया निरीक्षण
रायबरेली। कोतवाली क्षेत्र महराजगंज के गरीब का पुरवा मजरे अतरेहटा निवासी मनीष सैनी (मृतक उम्र 32 वर्ष) पुत्र रज्जनलाल रविवार की शाम करीब 6 बजे पत्नी रूबी, बेटे वीर (10) बेटी नित्या (7), रिया (4) के साथ नगर पंचायत के भवानीगढ़ वार्ड स्थित पूरे मालिन अपनी ससुराल आया था। वहीं ससुराल के बगल में स्थित मन्दिर में रामनवमी पर आयोजित भण्डारे में शामिल होने के लिए ग़या था। सोमवार की सुबह करीब 6 बजे जिसका शव ससुराल से महज 200 मीटर की दूर एक खेत में पड़ा मिला। जिसके पेट में दो छेद मिले हैं। जिसको लेकर ग्रामीण गोली मारकर हत्या किए जाने की आशंका जता रहे हैं।
हीट वेव से गौवंशों को बचाने के लिए अधिकारी करें उपायः डीएम
फिरोजाबाद। पशुपालन, मनरेगा कार्यो की समीक्षा बैठक में अधिकारी गौवंशों को हीट वेव से बचाने के लिए सभी उपाय करें। इस कार्य मेे पशु चिकित्सक क्षेत्र में भ्रमण करेगें। बैठक में अनुपस्थित ब्लाक खैरगढ़ अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी के वेतन रोकने आदेश दिए है।
डीएम रमेश रंजन ने कहा कि पशु चिकित्सक क्षेत्रों में भ्रमण कर हरे चारे इत्यादि की व्यवस्था को देख लें और जहां हरे चारे की उपलब्धता न हो, वहां तुरंत हरे चारे की व्यवस्था कराऐं। जिससे गोवंशों को भूसे पर निर्भर न रहना पड़े। मनरेगा के कार्यों की समीक्षा की करते हुए बताया कि जनपद में कुल एक लाख 85000 जॉब कार्ड मनरेगा के अंतर्गत बने हैं, जिसमें सक्रिय 1 लाख 15 हजार है।
कलेक्ट्रैट चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ का द्विवार्षिक चुनाव निर्विरोध सम्पन्न
फिरोजाबाद। कलेक्ट्रैट चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के द्विवार्षिक निर्वाचन प्रकिया सोमवार को कलेक्ट्रेट स्थित यूनियन कक्ष में सम्पन्न हुई। चुनाव प्रक्रिया मदन कुमार मुख्य चुनाव अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी कलेक्ट्रेट के द्वारा सम्पन्न कराई गई। जिसमें जयचंद्र को अध्यक्ष, गजाधर सिंह जिला मंत्री, नवल किशोर वरिष्ठ उपाध्यक्ष, रामजीलाल उपाध्यक्ष, संगठन मंत्री, दीपक कुमा कोषाध्यक्ष, जितेंद्र द्वितीय संयुक्त मंत्री, विष्णु प्रसाद आडीटर, हरीश कुमार-2 प्रचार मंत्री, सुनीता सांस्कृतिक मंत्री को निर्विरोध चुना गया।
स्वयंसेवकों ने वेणु एवं वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनि पर किया रामस्तुति का पाठ
फिरोजाबाद। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विद्यार्थी कार्य विभाग द्वारा रामनवमी के पावन अवसर पर रामोत्कर्ष कार्यक्रम का आयोजन अटल पार्क में वादन यंत्रों की मधुर ध्वनि के साथ हुआ।
इस अवसर पर पूर्ण गणवेश से सुसज्जित 56 स्वयंसेवको ने राम स्तुति का पाठ सामूहिक रूप से वेणु और अन्य वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनि पर किया। इस अवसर पर वेणु की अन्य रचनाओं का वादन किया। चयनित स्वयंसेवक बंधुओं द्वारा जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है…….गीत का भी वेणु के साथ गायन एवं वादन किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष सचिन गर्ग, मुख्य वक्ता सह प्रांत शारीरिक प्रमुख संतोष जी एवं महानगर संघचालक प्रदीप जी मंच पर आसीन रहे। मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित संतोष जी ने रामनवमी के महत्व पर प्रकाश डाला।
निजी स्कूलों की मनमानी के चलते अभिभावकों का शोषण !
आज के समय में शिक्षा को ज्ञान का माध्यम कम और व्यवसाय का जरिया अधिक समझा जाने लगा है। निजी स्कूल, जो कभी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रतीक माने जाते थे, अब अभिभावकों की जेब पर बोझ बनते जा रहे हैं। कापी-किताबों की आड़ में इन स्कूलों द्वारा की जा रही लूट किसी डकैती से कम नहीं है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो न केवल शिक्षा व्यवस्था की साख पर सवाल उठाता है, बल्कि समाज के मध्यम और निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिए गम्भीर संकट पैदा कर रहा है।
हर साल नया शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही निजी स्कूलों की ओर से किताबों, कॉपियों और स्टेशनरी की लम्बी फेहरिस्त अभिभावकों के सामने पेश कर दी जाती है। ये सामग्रियां न केवल महंगी होती हैं, बल्कि इन्हें खरीदने के लिए अभिभावकों को स्कूल द्वारा निर्धारित दुकानों या प्रकाशकों तक सीमित कर दिया जाता है। बाजार में उपलब्ध सस्ते और समान गुणवत्ता वाले विकल्पों को दरकिनार कर स्कूल प्रबंधन अपनी मर्जी थोपता है। यह स्पष्ट है कि इसके पीछे कमीशन और मुनाफाखोरी का खेल चल रहा है। क्या यह शिक्षा का उद्देश्य है कि बच्चों के भविष्य के नाम पर उनके माता-पिता को आर्थिक रूप से कमजोर किया जाए?
यह शोषण यहीं तक सीमित नहीं है। हर साल पाठ्यक्रम में मामूली बदलाव कर नई किताबें खरीदने की बाध्यता थोपी जाती है, भले ही पुरानी किताबें उपयोगी हों। इसके अलावा, स्कूलों द्वारा आयोजित गतिविधियों, वर्कशॉप और अन्य शुल्कों के नाम पर भी अभिभावकों से अतिरिक्त वसूली की जाती है। एक तरफ सरकार शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाने की बात करती है, वहीं निजी स्कूलों की यह मनमानी उस सपने (सरकार की मंशा) को चकनाचूर कर रही है।
राम से बड़ा राम का नाम
प्रभु श्री राम का चरित्र हमारा वो सनातन इतिहास है जो इतने वर्षों बाद भी सम्पूर्ण विश्व की मानवता को वर्तमान तथा भविष्य की राह दिखा रहा है।
वो त्रेता युग का समय था जब सूर्यवंशी महाराज दशरथ के घर कौशलनन्दन श्री राम का जन्म हुआ था।
समय कहाँ रुकता है भला ! तो वह अपनी गति से चलता रहा। आज हम द्वापर से होते हुए कलियुग में आ गए हैं। लेकिन इतने सहस्रों वर्षों के बाद भी, इतने युगों के पश्चात भी प्रभु श्री राम का चरित्र देश देशांतर की सीमाओं से परे, वर्षों और युगों के कालचक्र को लांघकर अनवरत सम्पूर्ण विश्व को आकर्षित करता रहा है।
‘‘हरे रामा, हरे कृष्णा’’ का जाप आज वैश्विक स्तर पर एक अनूठी आध्यात्मिक सन्तुष्टि, परम् आनन्द की अनुभूति एवं मनुष्य को एक अलग ही आनन्दमय लोक में पहुँच जाने का अनुभव दिलाने वाला सर्व स्वीकार्य मंत्र बन चुका है।
दरअसल श्री राम का चरित्र ही ऐसा है। एक आदर्श पुत्र हो या एक आदर्श भ्राता (भाई), एक आदर्श पति हो या एक आदर्श राजा, एक आदर्श मित्र हो या फिर एक आदर्श शत्रु! राम मर्यादाओं में रहने वाले,पुरुषों में उत्तम, ऐसे ‘‘मर्यादा पुरूषोत्तम’’ हैं जिनका जीवन कठिनाइयों एवं संघर्षाे से भरा रहा किंतु फिर भी मानव रूप में उन्होंने मुस्कुराते हुए सहज रूप से धर्म की राह पर चलते हुए इस प्रकार अपना जीवन व्यतीत किया कि इतने वर्षों बाद आज भी वह हमारा पथप्रदर्शक है।
कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि प्रभु श्री राम का चरित्र हमारा वो सनातन इतिहास है जो इतने वर्षों बाद भी सम्पूर्ण विश्व की मानवता को वर्तमान तथा भविष्य की राह दिखा रहा है।
इसका सबसे बड़ा प्रमाण है कि आज की 21 वीं सदी में भी जब आदर्श प्रशासन की बात की जाती है तो भारत ही नहीं विश्व भर में ‘‘रामराज्य’’ ही उसका प्रतिमान होता है।
यही कारण है कि हम यह कामना करते हैं कि, ‘‘नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल से घराना हो, चरण हों राघव के जहां मेरा ठिकाना हो।’’
कहते हैं कि जब लंका जाने के लिए श्री राम की वानर सेना समुद्र के ऊपर पुल का निर्माण कर रही थी और वानर समुद्र में पत्थर फेंक रहे थे, तो प्रभु श्री राम ने देखा कि वानर समुद्र में पत्थर पर ‘राम’ नाम लिखकर फेंक रहे हैं और पत्थर तैर रहे हैं। उन्होंने सोचा कि जब मेरा नाम लिखा पत्थर तैर रहा है तो यदि मैं कोई पत्थर फेंकूँ तो वो भी तैरेगा।