Friday, September 20, 2024
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यू.जी.सी. अध्यक्ष द्वारा मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्र का उद्घाटन

नई दिल्ली। देश के उच्च शिक्षा के सभी विषयों के शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप प्रशिक्षित करने के लिए 111 मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्रों में से एक श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय), के केन्द्र का उद्घाटन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार के द्वारा किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रो. जगदीश ने अपने उद्बोधन में कहा कि इन प्रशिक्षण केन्द्रों से प्रशिक्षित अध्यापक शिक्षा से सम्बद्ध चुनौतियों का समाधान करने में सक्षम तथा छात्रों में अन्तर्निहित क्षमताओं का विकास कर सकने में समर्थ होंगे। छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु एन.ई.पी. 2020 में अनेक अवसर यथा स्वतन्त्रता, नमनीयता एवं विकल्प आदि के रूप में प्रदान किये गये हैं जिनसे परिवार, समाज एवं राष्ट्र का विकास सुनिश्चित होगा। तत्पश्चात् उन्होंने शिक्षकों की चार भूमिकाएं यथा- मुक्त विचारों वाला, उत्तम अधिगमकर्त्ता, आलोचनात्मक चिन्तन को बढ़ावा देने वाला तथा बहु-कक्षागत क्रियाओं में छात्रों को संलग्न करने पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर केन्द्र की निदेशक प्रो. अमिता पाण्डेय भारद्वाज ने केन्द्र की पृष्ठभूमि एवं उसमें निर्धारित कार्यक्रमों का संक्षिप्त परिचय दिया। उन्होंने बताया कि पूर्व में इस केन्द्र ने शिक्षण अधिगम केन्द्र के रूप में 60 से अधिक कार्यक्रम, 4 उच्च शिक्षा में नवनियुक्त अध्यापकों हेतु एक मासिक अनिवार्य संकाय अनुबोधन कार्यक्रम एवं 3 अर्पित कोर्स का सफलतापूर्वक आयोजन किया जिससे 7000 से अधिक शिक्षक लाभान्वित हुए।

बताते चलें कि उद्घाटित केन्द्र द्वारा प्रतिवर्ष 36 कार्यक्रमों का आयोजन यू.जी.सी. द्वारा निर्धारित किया गया है जिनका उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना है। इन कार्यक्रमों को चार वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है यथा द्विसाप्ताहिक ऑनलाइन एन.ई.पी. अभिविन्यास एवं संवेदीकरण कार्यक्रम, 24 दिवसीय एफ. आई.पी., एक साप्ताहिक लघु अवधि कार्यक्रम एवं द्विसाप्ताहिक पुनश्चर्या कार्यक्रम । इन कार्यक्रमों में प्रतिभाग एम. एम. टी. टी. पी. पोर्टल के माध्यम से होगा जिसका लाभ शिक्षक प्रौन्नति (सी.ए.एस.) में भी होगा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मुरलीमनोहर पाठक ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलगुरू कालिदास द्वारा उल्लिखित अच्छे शिक्षक के दो गुणधर्मों पर प्रकाश डाला यथा जो ज्ञान को अर्जित कर सके तथा दूसरे जो ज्ञान को संक्रमित कर सके।
कार्यक्रम का समापन विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव संतोष कुमार श्रीवास्तव के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। कार्यक्रम में प्रमुखरूप से भारतीय प्रेस परिषद् के सदस्य प्रो. बी. आर. गुप्ता तथा विश्वविद्यालय के समस्त पीठाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, आचार्यगण, अधिकारीगण, कर्मचारीगण एवं छात्रगण उपस्थित रहे। -JAN SAAMNA DESK.