Friday, April 19, 2024
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मांगों को लेकर बैंक कर्मियों ने बैंक बंद कर की हड़ताल

हाथरस, जन सामना ब्यूरो। यूनाइटेड फोरम आॅफ बैंक यूनियन्स के राष्ट्रीय नेतृत्त्व के आव्हान पर जनविरोधी बैंकिंग सुधारों को रोकने, एवं काॅर्पोरेट खराब ऋणों को वसूल करने एवं काॅर्पोरेट अनार्जक आस्तियों का भार बैंकों के ग्राहकों पर सेवाशुल्क बढ़ाकर न डालने आदि मांगों को लेकर इस जिले की समस्त बैंकों के अधिकारी एवं कर्मचारी हड़ताल पर रहे, जिसके कारण बैंकों के ताले नहीं खुल सके। आज पंजाब नेशनल बैंक मुख्य शाखा पर बैंककर्मियों द्वारा प्रदर्शन किया गया जिसमें अपनी मागों को लेकर नारे लगाये गये।
यू.पी. बैंक यूनियन के प्रान्तीय सहायक महामंत्री एवं फोरम के जिला संयोजक बी.एस. जैन ने कहा कि केन्द्र सरकार जनविरोधी बेंकिंग सुधार करने पर आमादा है। यह सरकार सार्वजनिक क्षेत्र को विखण्डित कर निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित कर रही है। बैंक कर्मियों ने काफी संघर्ष करके बैंकों का राष्ट्रीयकरण कराया था। राष्ट्रीयकरण के बाद देश में अभूतपूर्व विकास हुआ है। राष्ट्रीयकरण के बाद ही देश में हरित क्रांति एवं श्वेत क्रांति आई, जिससे देश अन्न एवं दुग्ध के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हुआ। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने वर्ग बैंकिग को सार्वजनिक बैंकिग में बदल दिया है। अतः सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को बचाया जाना चाहिये। हमें सुदृढ़ भारत चाहिए, जिसके लिए मजबूत अर्थव्यवस्था की आवश्यकता है जो जीवंत बैंकिंग से ही सम्भव है।
एसबीआई एसए के जोनल सैकेटरी अशोक यादव ने कहा कि 22 अगस्त की हड़ताल को टालने के लिए आईबीए ने बम्बई में 16 अगस्त तथा केन्द्रीय मुख्य श्रमायुक्त ने दिल्ली में फोरम के पदाधिकारियों को वार्ता के लिए 18 अगस्त को बुलाया था परन्तु वार्ता विफल रही, जिसकी पूर्व में सम्भावना भी थी, क्योंकि केंद्र सरकार बैंककर्मियों की मांगों को मानने के लिए अड़ियल रुख अपनाए हुए है। अतः बैंककर्मचारियों को मजबूरन हड़ताल पर जाना पड़ा है।
ग्रामीण बैंकों के अधिकारी संगठन के महामंत्री पदम सिंह ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में बढ़ते हुए खराब ऋण चिंता का विषय है। परंतु राजनैतिक गठजोड़ के कारण केद्र सरकार इन खराब ऋणों को वसूल करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है, जो कि बैंकों को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक है।
यूपी ग्रामीण बैंक एम्पलाइज स्टाफ एसोसियेशन के प्रान्तीय अध्यक्ष ने केन्द्र सरकार की बैंकिग क्षेत्र में जनविरोधी सुधारों एवं बैंकों को निजीकरण करने की नीतियों की कटु शब्दों में निन्दा की और कहा कि बैंकिंग के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की रक्षा करना एक देशभक्ति का कार्य है, जिसमें सभी को एकजुटता के साथ लगना चाहिए।
यूपीबीईयू के जिलाध्यक्ष वीके शर्मा ने और कहा कि केन्द्र सरकार फोरम की समस्याओं पर अड़ियल रुख अपनाए हुए है। अतः हड़ताल करना बैंककर्मियों की मजबूरी बन गई। उन्होंन पूरे जिले में हड़ताल को सफल बनाने तथा प्रदर्शन के लिए सभी साथियों को धन्यवाद देते हुये आभार व्यक्त किया तथा 15 सितम्बर को अधिक से अधिक संख्या में संसद पर पहुंचने के लिए तैयार रहने का आव्हान किया।
आज के प्रदर्शन व हड़ताल को सफल बनाने में चक्रवर्ती पाठक, राकेश वर्मा, अजय कुमार, ओमप्रकाश, यतीश गर्ग, पी.एस. रावत, राजीव आर्य, योगेश भट्ट, संजीव विश्नावत, राजेश जैन, जगवीर सिंह, सुरेश सिंह, संतोष कुमार सिंह, नन्दन कुमार, श्रीकांत, विवेक अग्रवाल, रातुल कोच, हुकुम सिंह, शैलेन्द्र कुमार, रवि कुमार, लक्ष्मीनारायण, प्रवीन कुमार, विवेक यादव, उमाशंकर जैन, इतवारीलाल, हरीश चन्द्र राठौर,, लोकेश गौतम, लालाराम, नन्नूमल, धर्मेन्द्र कुमार, नरेन्द्र कुमार, तेज सिंह, रामनिवास, राजवीर सिंह, जगवीर सिंह, रमेश सैनी, लालाराम, सतेन्द्र, शैलेन्द्र तोैमर,, सुरेश, चेतन गुप्ता, बीडी गुप्ता, बीकेश व राहुल आदि ने सक्रिय भूमिका अदा की।