Sunday, October 6, 2024
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संसद सुरक्षा चूक: पहली बार बोले पीएम मोदी, ‘‘यह घटना दुखद और चिंताजनक’’

राजीव रंजन नाग: नई दिल्ली। पिछले सप्ताह संसद सुरक्षा उल्लंघन पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार मुंह खोला। इस मुद्दे पर विपक्षी दलों द्वारा संसद में प्रधानमंत्री के बयान देने की मांग को मोदी ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इस पर ‘बहस करने की कोई ज़रूरत नहीं’ है। इसकी ‘विस्तृत जांच’ की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस घटना की गंभीरता को कम करके नहीं आंका जाना चाहिए। (लोकसभा) अध्यक्ष सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं। जांच एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं। यह पता लगाना महत्वपूर्ण है कि इसके पीछे कौन से तत्व हैं और उनके उद्देश्य क्या हैं। इस पर बहस करने की जरूरत नहीं है। इसकी विस्तृत जांच होनी चाहिए। मोदी ने ये टिप्पणी एक हिन्दी अखबार को दिए साक्षात्कार में की है।
लोकसभा कक्ष में बुधवार को चौंकाने वाला दृश्य सामने आया था जब दो घुसपैठिये एक डेस्क से दूसरे डेस्क पर कूद पड़े और कनस्तरों से रंगीन धुंआ निकालने लगे। उनके सह-अभियुक्तों ने संसद के बाहर भी इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया। गिरफ्तार किए गए युवाओं ने जांचकर्ताओं से कहा है कि उनका उद्देश्य मणिपुर हिंसा, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं पर ध्यान आकर्षित करना था।
दिल्ली पुलिस ने 13 दिसम्बर को लोकसभा हॉल और संसद परिसर में घुसकर धुएं का गुबार उठाने और नारे लगाने के आरोप में अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। सागर शर्मा और डी मनोरंजन लोकसभा हॉल में कूद गए थे, जबकि नीलम सिंह और अमोल शिंदे ने संसद परिसर में कनस्तरों से धुआं छोड़ने के बाद नारे लगाए थे। चारों आरोपियों को साजिशकर्ता ललित झा और महेश कुमावत ने मदद की थी। मुख्य आरोपी ललित झा ने अगले दिन दिल्ली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। सुरक्षा चूक के लिए संसद के आठ कर्मचारियों को भी निलंबित कर दिया गया है। पुलिस ने सभी आरोपियों के जले हुए मोबाइल फोन राजस्थान से बरामद कर लिए हैं, जहां मुख्य आरोपी ललित झा ने उन्हें नष्ट करने की कोशिश की थी। दिल्ली पुलिस ने अतिक्रमणकारियों के खिलाफ सख्त आतंकवाद विरोधी कानून, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम लागू किया है।
विपक्ष ने भारी सुरक्षा उल्लंघन पर सरकार की आलोचना की है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बयान की मांग की है। हालाँकि, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि लोकसभा के अंदर की सुरक्षा सचिवालय के दायरे में है और वह केंद्र को हस्तक्षेप नहीं करने देंगे। उन्होंने विपक्षी सांसदों के नारों का जवाब देते हुए कहा, ‘सरकार लोकसभा सचिवालय की (जिम्मेदारियों में) हस्तक्षेप नहीं कर सकती। हम इसकी अनुमति भी नहीं देंगे।’
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सुरक्षा उल्लंघन एक गंभीर मुद्दा है। उन्होंने कहा, ‘हम संसद में गृह मंत्री का बयान मांग रहे हैं। लेकिन गृह मंत्री कुछ नहीं कह रहे हैं। यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।’
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले युवा वे युवा थे जो नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों के कारण बेरोजगार हैं। उन्होंने कहा, ‘देश में सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी का है, जो पूरे देश में उबल रहा है। मोदी जी की नीतियों के कारण देश के युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में आकर इस मुद्दे पर बयान देना चाहिए। इस बीच प्रधानमंत्री मोदी ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में संसद की सुरक्षा में हुई चूक गंभार बताया है। उन्होंने कहा है कि इस मामले की जांच जरूरी है और साथ ही साथ इस घटना की गहराई में जाना जरूरी है। दरअसल, संसद पर आतंकी हमले की बरसी के दिन 13 दिसम्बर को दो लोगों ने सदन में घुसकर स्मॉक बम से अटैक किया। स्मॉक बम की वजह से सदन में पीले रंग का धुआं फैल गया।
अखबार को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि इस मुद्दे पर वाद-विवाद या प्रतिरोध के बजाय इसकी गहराई में जाना जरूरी है। ऐसा करने पर ही मामले का समाधान मिल सकेगा। संसद की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा रहा है। विपक्ष के हंगामे के बीच कई बार सदन को स्थगित करना पड़ा है।
मोदी ने कहा कि संसद स्पीकर महोदय ओम बिड़ला गंभीरता के साथ इस मामले को लेकर सभी जरूरी कदम उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जांच एजेंसियों की तरफ से भी इस मामले की सख्ती से जांच की जा रही है। पीएम का कहना है कि इसके पीछे कौन से तत्व शामिल हैं। इसकी भी गहराई में जाना जरूरी है।
जिस वक्त सदन के भीतर ये सबकुछ हो रहा था, उस समय संसद के बाहर नीलम आजाद और अमोल शिंदे नाम के दो लोगों ने भी स्मॉक कैंडल जलाए और नारेबाजी की। पुलिस ने इसके बाद इन दोनों को गिरफ्तार किया। सदन के भीतर भी पकड़े गए लोगों को पुलिस को सौंप दिया गया। वहीं, ये सब मोबाइल में रिकॉर्ड कर रहा मास्टरमाइंड ललित झा मौके से फरार हो गया। हालांकि, कुछ दिन पहले ही उसने पुलिस को सरेंडर किया है।
इसबीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कड़ा प्रहार करते हुए कांग्रेस ने रविवार को कहा कि वह संसद सुरक्षा उल्लंघन मुद्दे पर बहस से श्भाग रहे हैं, क्योंकि वह उस भाजपा नेता पर किसी भी सवाल से बचना चाहते हैं जिसके नाम पर आगंतुकों के पास जारी किए गए थे। एक्स को संबोधित करते हुए, जयराम रमेश ने लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री ने आखिरकार 13 दिसंबर को लोकसभा में हुई असाधारण घटनाओं पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। 13 दिसंबर को क्या हुआ और वास्तव में यह कैसे हुआ, इसके बारे में भारत की सभी पार्टियाँ गृह मंत्री का एक बयान चाहती हैं और इसके लिए दबाव डालना जारी रखेंगी। प्रधानमंत्री एक बहुत ही साधारण कारण से बहस से भाग रहे हैं। लोकसभा में घुसपैठियों के प्रवेश को सुविधाजनक बनाने में मैसूर के भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा की भूमिका पर सवाल उठाए जाएंगे।’’