Thursday, April 25, 2024
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संचाई विभाग की भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने हेतु अभियान चलाया जायेः मुख्य सचिव

लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राजीव कुमार ने निर्देश दिये हैं कि प्रदेश के नहरों की सिल्ट सफाई में ड्रोन तकनीक का उपयोग करने हेतु आवश्यक कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित कराई जायें। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग द्वारा समय-समय पर निर्गत आदेशों के अनुपालन की रिपोर्ट प्राप्त कर अवगत कराया जाये कि निर्देशों का अनुपालन कितने प्रतिशत अभी तक सुनिश्चित हुआ है। उन्होंने कहा कि अनुपालन आख्या एवं विभागीय रिपोर्ट भी विभागीय वेबसाइट पर कार्यों में पारदर्शिता लाने हेतु अपलोड कराई जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि सिंचाई विभाग के नहरों, अतिरिक्त भूमि व भवनों पर सोलर पैनल लगाकर सौर ऊर्जा का उत्पादन कराने हेतु अन्य राज्यों से अध्ययन कर आवश्यक कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित कराई जायें। उन्होंने कहा कि तटबन्धों के स्थायित्व के लिये जूट अथवा जियो टेक्सटाइल जैसी कम कीमत वाली तकनीकी के प्रयोग हेतु विभागीय प्रस्ताव पर तकनीकी विशेषज्ञों का परामर्श प्राप्त किया जाये।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में सिंचाई विभाग के विभिन्न बिन्दुओं पर विभागीय प्रगति की जानकारी लेेते हुये आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि विभाग की निष्प्रयोज्य भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने हेतु अभियान चलाया जाये। उन्होंने कहा कि अवैध कब्जे से मुक्त होने वाली भूमि का बेहतर उपयोग करने हेतु आवश्यकतानुसार कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग के कार्यों में गुणवत्ता पर प्रभावी नियंत्रण हेतु थर्ड पार्टी चेकिंग कराई जाये।
श्री राजीव कुमार ने कहा कि विभागीय वेबसाइट पर सिंचाई विभाग के समस्त कार्यक्रमों एवं जनहित की सूचनायें तथा क्षेत्रीय अधिकारियों को दिये जाने वाले निर्देश भी अपलोड कराये जायें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत सरयू नहर परियोजना तथा बाण सागर परियोजना, मध्य गंगा नहर परियोजना तथा अर्जुन सहायक परियोजना के कार्यों में प्राथमिकता निर्धारित करते हुये आवश्यक कार्य प्राथमिकता से सुनिश्चित कराये जायें। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि माइक्रो इरिगेशन द्वारा सिंचाई बढ़ाने हेतु कृषि व उद्यान विभाग का आवश्यकतानुसार सहयोग लिया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि सिंचाई परियोजनाओं का कार्य एवं स्टीमेट का कार्य सम्बन्धित तकनीकी एवं अनुभवी अभियन्ताओं से बनवाया जाये ताकि परियोजनाएं दीर्घकालिक एवं गुणवत्तापूर्ण बन सकें। बैठक में प्रमुख सचिव, सिंचाई सुरेश चन्द्रा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।