Saturday, April 27, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » टाउनशिप को लेकर सहज नहीं हैं बरसाना के किसान

टाउनशिप को लेकर सहज नहीं हैं बरसाना के किसान

मथुराः श्याम बिहारी भार्गव। टाउनशिप को लेकर बरसाना के किसान सहज नहीं हैं। एमवीडीए की बरसाना में प्रस्तावित लैण्ड पुलिंग योजना का किसानों विरोध किया है। बरसाना में मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण ने 157 हेक्टेयर भूमि में टाउनशिप बनाने की योजना को लेकर बरसाना में किसानों के साथ एमवीडीए के अधिकारियों ने भूमि अधिग्रहण को लेकर बैठक की। किसानों ने बैठक में उपजाऊ कृषि भूमि के अधिग्रहण को लेकर विरोध जताया और लैण्ड पुलिंग योजना को किसानों के साथ छल करने की बात कही। सोमवार को एमवीडीए सचिव अपनी टीम के साथ बरसाना में किसानों के बीच पहुंचे और बरसाना के पीडब्ल्यूडी सभागार में किसानों के साथ बैठक की और उनके पक्ष को सुना। अधिकारियों की ओर से किसानों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।वहीं इस योजना से किसानों और क्षेत्र को होने वाले लाभ की भी जानकारी दी। शासन ने बरसाना, छाता और फरह में टाउनशिप बनाने की योजना बनाई है और मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण को टाउनशिप विकसित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। बैठक में शुरू से ही एमवीडीए अधिकारियों को किसानों का विरोध देखने को मिला। बैठक मे मौजूद रहे किसान सुन्दर चौधरी, लखन सिंह, नवल सिंह, श्याम सुंदर आदि का कहना है कि किसानों के ही दम पर विकास दर नौ प्रतिशत हुई है। वहीं दुसरी तरफ किसानों की उपजाऊ और कृषि भूमि को जबरन टाउनशिप के नाम पर अधिग्रहण करने का प्रयास कर प्रदेश के किसानों को धीरे धीरे समाप्त कर रही है। पिछले कई दशकों से कृषि भूमि व उपजाऊ भूमि अधिग्रहण को लेकर सरकार की टाउनशिप व आवासीय योजना कोई भी पूर्ण नहीं हुई है। प्रत्येक योजना में लगातार विवाद होते रहे हैं। आज भी उत्तर प्रदेश में आवासीय योजना व टाउनशिप की योजना को लेकर जगह जगह विरोध प्रदर्शन व धरना प्रदर्शन देखने को मिलते हैं। भगवत सिंह एवं पद्म सिंह ने बताया कि हमारी ही कृषि भूमि को आवासीय योजना के नाम पर विकसित का नाम देकर हमारी कृषि भूमि का 25 प्रतिशत देकर हमारी आजीवन जीविका को खत्म किया जा रहा। हमें बेरोजगार किया जा रहा है। हमें हमारी जन्मभूमि से पलायन करने की योजना बनाई जा रही है। हमारी आने वाली पीढ़ियों को मजबूर और बेसहारा बनाने का काम किया जा रहा है। हम मर जायेगें लेकिन अपनी कृषिभूमि का अधिग्रहण नहीं होने देंगें।