Friday, September 20, 2024
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वर्तमान का सुधार किए बिना भविष्य का सुधार असंभवः वसुनंदी महाराज

फिरोजाबाद। महावीर जिनालय छदामीलाल जैन मंदिर में चातुर्मास कर रहे आचार्य वसुनंदी महाराज ससंघ के सानिध्य में नित्य प्रतिदिन धर्म की वर्षा हो रही है। सोमवार को प्रातः महावीर जिनालय में सैकड़ों भक्तो ने मंदिर में नित्य नियम अभिषेक शांतिधारा एवं पूजन किया।
आचार्य बसुनंदी महाराज ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि दो आत्माए मिलकर कभी एक नही हो सकती। पिता का पुण्य और पाप, पिता को भोगना पड़ता है, पुत्र का पुण्य पाप पुत्र भोगता है तथा भाई का पुण्य पाप भाई ही भोगता है। संसार में कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे का पुण्य और पाप नही भोग सकता। आचार्य श्री ने कहा की यह संसार दुखो से परिपूर्ण है जैसे समुंद्र में संपूर्ण जल ही जल होता है, थोडी भी जगह जल से रहित नही होती ऐसे ही संसार भी दुखरूपी जल से भरा पड़ा है। संसार में परिवहन करने वाला जीव, संसार में जन्म मरण करने वाला जीव दुख को ही प्राप्त करता है। आचार्य श्री ने आगे कहा कि यदि कोई जीव पूर्व भव में पाप नही करता तो उस जीव को इस पंचम काल के दुखो को नही भोगना पड़ता। आगे का सुधार करने के लिए वर्तमान का सुधार करना आवश्यक होता है और वर्तमान का सुधार किए बिना भविष्य का सुधार असंभव होता है।