जिंदगी एक इंद्रधनुष है। सात रंग के सपने बुनते हुए हम अपने बीते कल से कुछ सीखते हैं। आज को संवारते हैं। और आने वाले कल के लिए उम्मीदों के बीज छोड़ जाते हैं। इन तीन पड़ावों के लिए जिंदगी के इंद्रधनुष से हमें तीन रंगों की जरूरत होती है। शौर्य के लिए केसरिया, सादगी के लिए सफेद और खुशियों के लिए हरा। जिंदगी की आजादी भी शायद इन्हीं तीन रंगों से शुरू होती है, लेकिन क्या कोई इन रंगों को हमसे चुरा ले गया है ? जीवन को क्यों जरूरत है इन रंगों की, आगे इन्हीं पर चर्चा होगी।
आज जश्न आजादी के रंग में सारी दुनिया फिर से सराबोर और होगी। बच्चे-बड़े, बुजुर्ग हर कोई इस रंग में रंगा नजर आएगा। तीन रंगों के झंडे को आसमान में लहराता देख हम गौरवांवित होंगे। आजादी का एहसास कराते इन रंगों का मेल ही ऐसा है, जो सबको अपने रंग में रंग देता है। इस रंग में रंगने के बाद हमारे अंदर की सारी नकारात्मकता दूर हो जाती है। कुछ पल के लिए ही सही, पर तिरंगे को देख मन में एक आशा की किरण जगती तो है ही।
सरकारी अव्यवस्था, शासन-प्रशासन की कमियों को लेकर अपनी जिंदगी को कब तक बेरंग करते रहेंगे हम। दूसरों की गलतियों को दिखाने और गिनाने में लगे रहेंगे, तो जीवन में निराशा, क्रोध, तनाव तो आएंगे ही। हर काम के लिए सरकार को कोसने रहने से अच्छा है कि हम भी अपना उत्तरदायित्व समझे। स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण में अपनी भूमिका भी तय करें। तिरंगे की तीन रंग यही तो हमें सिखाते हैं। अपने मन के बंधन को तोड़ इन तीन रंगों को महसूस तो कीजिए। अगर जिंदगी में ये रंग एक बार फिर से लौट आए, तो सही मायने में आजादी का अनुभव हो।
त्याग व सक्रियता के लिए केसरिया
तिरंगे का सबसे ऊपर का नारंगी यानी केसरिया रंग देखने में कितना खूबसूरत लगता है न। आखिर हो भी क्यों न। यह रंग है भी तो जीवन में त्याग, वीरता, ज्ञान, प्रकाश और सक्रियता का प्रतीक। यह रंग हमारी जिंदगी में बल, शक्ति और बलिदान को भी दर्शाता है। यह प्रतीक है उस उगते सूरज का, जो पूरे ग्रह का प्राण शक्ति प्रदान करता है। यह रंग जीवन के प्रति उच्चतम विराग को दर्शाता है अर्थात जब आप जीवन में पूरी तरह दिव्यता में डूबे होते हो। इसी कारण आप जीवन में शक्ति प्राप्त करते हो। संत लोग भी नारंगी रंग इसलिए धारण करते हैं।
किसी भी कार्य में संयमशीलता व विराग की जरूरत होती है। तभी हम जीवन में निष्पक्ष व अनिर्णायक स्थिति को प्राप्त हो सकते हैं। बेशक तिरंगे झंडे का नारंगी रंग हमें स्वतंत्रता में बलिदान दिए गए लोगों की याद दिलाता हो, पर वर्तमान जीवन संवारने का संदेश भी देता है यह रंग, क्योंकि हम अपने अतीत से सीखते हैं और प्रेरणा प्राप्त करते हैं। इससे हमारी राष्ट्रभक्ति को भी पोषण मिलता है।
एनर्जी से भरपूर इस खूबसूरत रंग को जीवन में शामिल करना होगा, तभी आजादी सही मायने में महसूस कर पाएंगे। इस रंग में पहले खुद रंगे, फिर दूसरों को रंगते चले जाएं। फिर आनंद लें, अपने आसपास के सकारात्मक माहौल का, जो आपने तैयार किया है। फिर देखिए कैसे आपसे और लोग जुड़ते जाएंगे।
सफेद की शांति
प्रकृति रंगीन है, लेकिन व्यस्त जीवनशैली में इसकी सुंदरता की प्रशंसा करने के लिए हमारे पास समय नहीं है। काम का तनाव, भागदौड़ यानी सब कुछ अव्यवस्थित, जिसका परिणाम तनाव, क्रोध और बीमारी है। ऐसे में हमें जरूरत है अपने जीवन में हर रंग को भरने की। स्वतंत्रता दिवस के बहाने अगर तिरंगे के सफेद रंग को ही अपने जीवन में धारण कर लें, तो रोजाना की बहुत सारी समस्याएं अपने आप सुलझने लगेंगी। सफेद महज रंग नहीं है, यह पूरी संस्कृति है, जिसमें सारे रंग समाए हुए हैं। यूं तो जीवन में हर रंग का अपना खास महत्व है। इनका स्वास्थ्य और मन पर भी प्रबल प्रभाव पड़ता है। सात रंगों के आकर्षक वातावरण में मन प्रसन्न रहता है और उदासी दूर होती है। यह रंग मन की शांति के लिए जरूरी है। सफेद रंग सतोगुण, पावन व पवित्रता का द्योतक है। पवित्रता का आधार है सदाचार, जो जीवन को स्वच्छ बनाता है और जब हमारे मन में स्वच्छता और पवित्रता आएगी, तो हम सत्कार्य के लिए प्रेरित होंगे। जिस तरह सफेद रंग में सभी रंग समाए हैं, ठीक ऐसे ही हमें अपनी जिंदगी में सारे रंग भरने चाहिए। हमारी कोशिश होनी चाहिए कि ये रंग हमारी जिंदगी में हमेशा बरकरार रहे। सफेद रंग के प्रयोग से मन की चंचलता समाप्त होती है और व्यक्ति की सोच सकारात्मक बनती है। आंखों को सुकून देता यह रंग हमारी उग्रता को ठंडा कर देता है। जिन्हें गुस्सा ज्यादा आता हो, उनके अपने आसपास सफेद रंग ज्यादा रखना चाहिए। इसको धारण करने से बहुत सारी बीमारियां दूर होती है। इसी वजह से अस्पतालों में सफेद या हरे रंग को ज्यादा प्राथमिकता दी जाती है, ताकि यहां रहने वाले लोगों को सुकून महसूस हो। चर्च आदि में कैंडल भी सफेद रंग के ही जलाए जाते हैं। इससे मन को शांति मिलती है। अगर आपको बहुत ज्यादा गुस्सा आता हा,े तो आप सफेद रंग का वस्त्र पहनंे। अपने आसपास सफेद की अधिकता रखें, क्योंकि इसको देख आपका मन शांत होगा और आप सकारात्मक सोचेंगे।
जब जीवन में होगी हरियाली
रंगों का हमारे जीवन में खास महत्व है। किसी रंग को देखकर खुशी महसूस होती है, तो कोई रंग तनाव भी दूर करने में सक्षम है। यानी इन्हीं रंगों से रंगी है हमारी जिंदगी। आज 15 अगस्त है या 26 जनवरी है, तीन रंग की तिरंगे को आसमान में लहराता देखकर कोई गौरवांवित होगा। इस पर्वों को मिल-जुलकर सेलिब्रेट भी करेंगे, पर कहीं न कहीं देश की व्यवस्था या सिस्टम से निराशा भी रहेगी। लेकिन इस निराशा से हमें क्या हासिल होता है।
शायद कुछ नहीं। फिर क्यों न इन दिवसों के बहाने हम अपने अंदर के उस बंधन को तोड़ने की कोशिश करें, जो हमें आजादी महसूस नहीं करने देता। तिरंगे का हरा रंग भी तो यही संदेश देता है कि आप खुद को समृद्ध महसूस करो, खुशियों का खुले दिल से स्वागत करो। मन को शांति और हृदय को शीतलता देने वाले इस रंग की मौजूदगी हर किसी की जिंदगी में जरूरी है।
समस्त प्रकृति भी ता इसी रंग में व्याप्त है। पेड़-पौधे, खेतों की सुंदरता बढ़ाने वाला मधुर रंग है यह, जिसको देखकर व्यक्ति को सुख-शांति, स्फूर्ति मिलती है। यह रंग हमारी समृद्धि का परिचायक है। और समृद्धि में ही विकास छिपा है। अगर देश में विकास होगा, तो घर- परिवार और समाज में भी खुशियां आएंगी। जो निराशा आज लोगों में है, वह इसी रंग से दूर होगी। पर सवाल है कि इसे अपने जीवन में लाएं कैसे। सबसे पहले तो अपने आसपास के वातावरण को शुद्ध करने की कोशिश करें। पर्यावरण की स्वच्छता के लिए ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाए, खुद को प्रकृति से जोड़ें, फिर महसूस कीजिए हरे रंग को। यह रंग न सिर्फ आपके तनाव को दूर करेगा, बल्कि जीने के लिए प्रेरित भी करेगा। नए-नए विचारों का आपके मन में अंकुरण होगा। हरे रंग का मतलब भी है अंकुरण। आज जरूरी है हर एक के मन में इस अंकुर को पैदा करने की। यह अंकुर है राष्ट्रभक्ति और संवेदना का। मन में इसका अंकुरण पैदा करना होगा अभिव्यक्ति के माध्यम से, संवेदना के माध्यम से, राष्ट्रभक्ति के माध्यम से। वहीं वृक्ष लगाकर प्रकृति को पोषित कर पाएंगे और आने वाले भविष्य के लिए एक मजबूत नींव तैयार कर लेंगे।
हरा ही क्यों, केसरिया भी तो चाहिए, जिंदगी में। तभी तो आप त्याग, बलिदान व स्वार्थ से ऊपर उठकर समाज और दूसरों के लिए कुछ करने के प्रेरित हो पाएंगे। आपके अंदर त्याग की भावना होगी, तभी आप दूसरों के बारे में सोच पाएंगे और यह तभी संभव हो पाएगा, जब अपने जीवन में केसरिया रंग को शामिल करेंगे। इस रंग में रंगने के बाद ही आप दूसरों के बारे में भी सोच पाएंगे। जब मन में अच्छे विचार आएंगे, तो दूसरों के बारे में भी अच्छी बातें सोच पाएंगे। आगे बढ़ते हुए उनको भी आगे बढने के लिए प्रेरित कर पाएंगे। हरा और केसरिया रंग यदि आपके जीवन में पूरी तरह से समाहित हो जाए, तो सफेद रंग की निर्मलता, शांति, सदाचार भी अपने आप जीवन में शामिल हो जाएगा। हर किसी की जिंदगी में शुचिता, पवित्रता और स्वच्छता आ जाएगी। जब चित्त की शुद्धि होगी, तो तन-मन भी शुद्ध होगा। मन शुद्ध होगा, तो स्वच्छ और अच्छे नागरिक बनेंगे। जब सारे रंग की सकारात्मक आपके जीवन में होगी, तभी आप औरों के जीवन में रंग भर सकेंगे।
ध्यान दं,ें बंधनों से मुक्ति ही आजादी है। अपने बंधन है लोभ, मोह और अहंकार। इन तीनों बंधनों से खुद को मुक्त करना होगा और जीवन में हर रंग को भरना होगा, तभी जीवन में आएगी आजादी। इन रंगों के माध्यम से लोगों को जीना सीखाना होगा। यह रंग समाज में, परिवार के हर सदस्य में जरूरी है। इन रंगों में रंग कर ही देश के स्वस्थ विकास में हम अपना योगदान दे पाएंगे और आजादी के सही मायने को महसूस कर पाएंगे।
– डॉ. हनुमान प्रसाद उत्तम, कानपुर नगर