Sunday, November 24, 2024
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जमीयत उल-मा-ए हिन्द के प्रमुख महमूद मदनी ने कहा वक्फ बोर्ड का गठन एसजीपीसी की तरह हो

राजीव रंजन नागः नई दिल्ली। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि सभी राज्यों के वक्फ बोर्ड और सेंट्रल वक्फ काउंसिल का गठन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की तरह चुनाव के जरिए होना चाहिए। जैसे एसजीपीसी एक निर्वाचित संस्था है उसी तरह से वक्फ बोर्ड का भी गठन चुनाव के द्वारा होना चाहिए। उन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर किए गए सवाल के जवाब में यह बात कही। वक्फ संशोधन बिल फिलहाल संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास है।
एक टीवी शो में सवालों का जवाब देते हुए मौलाना मदनी ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि वक्फ बोर्ड भारत के मुसलमान बनाएं। कानून कहता है कि वक्फ बोर्ड राज्य सरकारें बनाएंगी और सेंट्रल वक्फ काउंसिल केंद्र सरकार बनाएगी। हम कहते हैं शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी का गठन जैसे होता है, वैसे ही इसका होना चाहिए। अभी सरकार अपनी मर्जी के लोगों को वक्फ बोर्ड में बिठाती है, सेलेक्शन करके…नए बिल में वक्फ बोर्ड को बेहतर करने की जरूरत थी, पर आप उसे बदतर बनाने पर तुले हुए हैं।’
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू के इस दावे पर कि केंद्र सरकार ने सच्चर आयोग और पहले की जेपीसी रिपोर्टों का अध्ययन करने और लाखों लोगों से सलाह-मशविरा करने के बाद वक्फ संशोधन बिल का ड्राफ्ट तैयार किया है। मौलाना मदनी ने कहा, ‘ये उनका दावा है और हमारा दावा है कि कंसलटेशन हुआ ही नहीं। कंसलटेशन का एक प्रोसेस होता है, वो प्रोसेस ओपेन होता है। हम चाहते हैं एसजीपीसी के हिसाब से वक्फ बोर्ड बनना चाहिए। अगर इसके लिए सड़कों पर जाना जरूरी होगा तो सड़कों पर भी जाएंगे, लोकतांत्रिक तरीके से जाएंगे।’
उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड के इस दावे पर कि आगरा का ऐतिहासिक ताजमहल वक्फ की संपत्ति है, मौलाना मदनी ने कहा, ‘अगर वो वक्फ बोर्ड की जमीन है तो वक्फ बोर्ड की है, पर (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) के कंट्रोल में जिनपर दोनों तरफ से दखल है। ऐसी बहुत सारी प्रॉपर्टीज़ हैं जिन पर दोनों तरफ से दखल है। हम ओपन माइंड होकर सोचें कि ये जमीन किसके पास जा रही है, ऐसा तो नहीं कि चीन या नेपाल के पास जा रही है, या उस मुल्क के पास जिसका नाम मैं यहां नहीं लेना चाहता। एक खास किस्म का माहौल बनाया जा रहा है कि हम कुछ और हैं और किसी दूसरी दुनिया से आए हैं। भारत के मुसलमानों को ऑप्शंस दिया गया था, इनमें से हमने भारत को चुना, हमारे लिए, भारतीय मुसलमानों के लिए भारत से बेहतर कोई और जगह नहीं है।
हलाल सर्टिफिकेशन
मौलाना महमूद मदनी जमीयत उलमा हिंद हलाल ट्रस्ट के भी प्रमुख हैं। उन्होंने हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट्स को लेकर चल रहे विवाद पर भी बात की। उन्होंने कहा, ‘हमसे अगर आज कह देंगे, तो हम आज, अभी बंद कर देंगे। कमाई नहीं है इसमें, ऊपर से बड़ी बेइज्जती हो रही है। मजाक उड़ाया जा रहा है।
मौलाना मदनी ने बताया, हलाल सर्टिफिकेशन सिस्टम फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय सरकारी विभागों और 50 से ज्यादा आयात करने वाले देशों के सर्टिफिकेशन बाडीज के सहयोग से, मशवरे से डेवलप किया गया। ये हमारी हलाल की शर्तें नहीं हैं। शर्त है आयात करने वाले मुल्कों तरफ से शिकायत थी। उनकी मांग थी कि इस हलाल सर्टिफिकेशन सिस्टम से गुजरें। उनके क्वालिटी कंट्रोल में ये भी एक जरूरत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मौलाना मदनी ने कहा, ‘मेरे देश के प्रधानमंत्री की अगर कहीं बाहर के मुल्कों में इज्जत हो रही है, तो वह देश की इज्जत हो रही है। यहां हम उनकी नीतियों से पूरा इख्तलाफ (मतभेद) भले ही रखते हों, लेकिन देश के बाहर जाने पर अगर कोई उनकी बेइज्जती करने की कोशिश करे तो हम जान भी कुर्बान करने को तैयार हैं।’
विदेशी धरती पर कुछ नेता प्रधानमंत्री मोदी की यह कहकर आलोचना क्यों करते हैं कि मुसलमानों पर अत्याचार हो रहे हैं, इस पर मौलाना मदनी ने कहा, ये तो मैं भी कहूंगा। जो समस्या हैं उनको हल करने की कोशिश नहीं होगी, तो यहां भी रोऊंगा, बाहर भी रोऊंगा, रोना तो मुझे पड़ेगा। एक तरफ मीडिया के जरिए एक खास अवधारणा बनाई जा रही है।
मुख्तार अंसारी की तारीफ
मौलाना महमूद मदनी ने गैंगस्टर से राजनेता बने मुख्तार अंसारी की भरपूर तारीफ की। उन्होंने कहा, गरीबों का मसीहा सिर्फ मैंने नहीं कहा, उस इलाके में जाकर पूछ लीजिए। ये उनके मुसलमान होने की वजह से नहीं, उनके साथ 80 परसेंट से ज्यादा गैर मुस्लिम भी हैं। सिर्फ मुसलमानों का आदमी नहीं था वो। वो वाकई गरीबों का आदमी था। आप कोई एक केस दिखा सकते हैं जिसमें किसी के मकान का कब्जा किया हो। उनके भाई एमपी हैं। मैं ही नहीं, पूरा इलाका कह रहा है। जब जिन्दा थे, मैंने कभी उनकी तारीफ नहीं की।
योगी सरकार द्वारा माफिया सरगनाओं के खिलाफ चलाए गए अभियान के बाद क्या यूपी में कानून-व्यवस्था में सुधार हुआ है, इस पर मौलाना ने कहा, ‘लॉ एंड ऑर्डर को सख्ती से ठीक रखना चाहिए लेकिन उस एक्शन को करने की एक सीमा होनी चाहिए। उस सीमा को अगर लांघा जाएगा, ये उचित नहीं होगा। सबके लिए बराबर एक जैसा होना चाहिए। गलत तरीके से नहीं। माफिया के खिलाफ एक्शन लेने पर मुझे कोई आपत्ति नही हैं। मेरी आपत्ति सीमा लांघने को लेकर है। अगर किसी ने जुर्म किया तो उसकी सजा उसके बूढे मां-बाप को नहीं मिलनी चाहिए।