Thursday, September 19, 2024
Breaking News
Home » स्वास्थ्य » विश्व रोगी सुरक्षा दिवस: रोगी की सुरक्षा की सर्वाेपरि

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस: रोगी की सुरक्षा की सर्वाेपरि

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस हर साल 17 सितम्बर को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य रोगियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाना है। इस अवसर पर, AURA ट्रस्ट की संस्थापक डॉ. अमरीन फातिमा (गोल्ड मेडलिस्ट एमडी मेडिसिन लंदन , एमएसयू ) ने चिकित्सा लापरवाही और रोगियों की जागरूकता पर जोर दिया। उनके अनुसार, एक रोगी को अपने इलाज के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए ताकि वह सही निर्णय ले सके और किसी भी संभावित लापरवाही का शिकार न हो।
चिकित्सा लापरवाहीः एक गंभीर समस्या
चिकित्सा लापरवाही एक ऐसा मुद्दा है जो मरीजों के जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। कई बार, दवाओं का गलत उपयोग, सर्जरी के दौरान की गई गलतियाँ या उपचार प्रक्रिया में हुई त्रुटियों के कारण मरीजों की जान तक चली जाती है। डॉ. अमरीन फातिमा के अनुसार, इन घटनाओं से बचने का सबसे महत्वपूर्ण तरीका रोगियों और चिकित्सा कर्मचारियों के बीच संचार में पारदर्शिता है।
रोगी की जानकारी और जागरूकता
एक रोगी को अपने उपचार के बारे में निम्नलिखित महत्वपूर्ण जानकारी होनी चाहिएः-
1. रोग का सही निदानः मरीज को यह जानना चाहिए कि उन्हें कौन सी बीमारी है, इसकी गंभीरता क्या है, और यह कैसे फैल रही है। कई बार गलत निदान की वजह से अनावश्यक उपचार किए जाते हैं।
2. उपचार के विकल्पः मरीज को यह पता होना चाहिए कि उनके इलाज के क्या विकल्प हैं, उनकी प्रक्रियाएं क्या होंगी और उनमें से कौन-सा विकल्प उनके लिए सबसे उपयुक्त होगा।
3. दवाओं और उनके प्रभावः मरीज को दी जाने वाली दवाओं के बारे में जानकारी होनी चाहिए, उनकी खुराक, संभावित साइड इफेक्ट्स, और उनका शरीर पर क्या असर पड़ेगा।
4. सर्जरी और जटिलताओं के जोखिमः यदि सर्जरी का सुझाव दिया गया है, तो मरीज को इसके जोखिम और जटिलताओं के बारे में पहले से जानकारी होनी चाहिए।
वैज्ञानिक और तार्किक दृष्टिकोण
चिकित्सा विज्ञान के अनुसार, एक जागरूक और जानकारी युक्त मरीज इलाज के प्रति बेहतर प्रतिक्रिया देता है। यह वैज्ञानिक तथ्य है कि जब मरीज इलाज प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार होते हैं, तो उनकी बीमारी से उबरने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इसके साथ ही, डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों को मरीज की बात सुनने और उनकी शंकाओं का समाधान करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
मेडिकल स्टाफ की जिम्मेदारी
डॉ. अमरीन फातिमा के अनुसार, डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वे मरीजों को सही और सटीक जानकारी प्रदान करें। इसमें इलाज के संभावित खतरे, उपचार की समयसीमा, और सर्जरी या अन्य प्रक्रिया से जुड़ी जटिलताओं की जानकारी भी शामिल होनी चाहिए। इसके साथ ही, अस्पतालों और क्लीनिकों में सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए ताकि मरीज सुरक्षित महसूस करें और उनके इलाज में कोई त्रुटि न हो।
रोगी सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान
रोगी सुरक्षा को बढ़ाने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि नियमित रूप से जागरूकता अभियान चलाए जाएं। इन अभियानों में निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए-
1. चिकित्सा प्रक्रियाओं की जानकारीः मरीजों को इलाज के दौरान कौन-कौन सी प्रक्रियाएँ होती हैं और उनका क्या महत्व है, इसकी जानकारी दी जानी चाहिए।
2. रोगियों के अधिकारः मरीजों को यह अधिकार है कि वे अपने इलाज के बारे में जानकारी मांग सकें और डॉक्टर से स्पष्ट उत्तर प्राप्त कर सकें।
3. सुरक्षा प्रोटोकॉलः अस्पतालों और चिकित्सा केंद्रों में सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि मरीजों को किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचाया जा सके।
रोगी सुरक्षा दिवस हमें इस बात का स्मरण कराता है कि चिकित्सा क्षेत्र में पारदर्शिता और जागरूकता कितनी आवश्यक है। डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को अपने मरीजों के साथ संवाद को मजबूत करना चाहिए ताकि कोई भी चिकित्सा लापरवाही न हो। डॉ. अमरीन फातिमा के अनुसार, जब तक मरीज अपने इलाज के बारे में पूरी जानकारी नहीं रखते, तब तक वे सही निर्णय नहीं ले सकते। इसलिए, इस दिशा में निरंतर जागरूकता और सुधार की आवश्यकता है।
इस दिन का महत्व तभी सार्थक हो सकता है जब सभी स्वास्थ्यकर्मी और मरीज मिलकर एक सुरक्षित और बेहतर चिकित्सा व्यवस्था का निर्माण करें।