मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में मतगणना के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी के कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया है। कांग्रेस की शिकायत थी कि डाक मतपत्रों में कांग्रेस को बढ़त मिली थी लेकिन ईलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की गिनती के बाद यह काफी कम हो गई।
कांग्रेस के आरोप पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा, ‘जनता मतदान में भाग लेकर सवालों का जवाब देती है। जहां तक ईवीएम का सवाल है वह 100 फीसदी फूलप्रूफ (सुरक्षित) हैं।’ उन्होंने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान से ठीक पहले कहा कि पहले भी कई बार साबित हो चुका है कि ईवीएम सही है। इसमें किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं है।
महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों की घोषणा करने के लिए बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजीव कुमार ने एक बार फिर गारंटी दी है कि ईवीएम पूरी तरह सुरक्षित है। पेजर से ईवीएम की तुलना पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा है कि पेजर कनेक्टेड होता है लेकिन ईवीएम किसी भी तरह से कनेक्टेड नहीं होता है इसीलिए इसे हैक नहीं किया जा सकता है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने एक बड़ा सवाल खड़ा किया है और कहा कि हरियाणा में सवेरे साढे आठ बजे हमारी मतगणना शुरू हुई लेकिन टीवी चैनल आठ बजकर पांच मिनट पर ही रुझान कैसे दिखाने लगे। सिर्फ अपने एग्जिट पोल्स को सही दिखाने के लिए ये ‘’नॉन-सेंस’’ (बेतुकी) हरकतें की गईं।‘’
जयराम रमेश और पवन खेड़ा सहित कांग्रेस नेताओं ने निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से शिकायत दर्ज कराईं और उसे लेकर नयी धारणा गढ़ने की कोशिश हो रही है। यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस जानबूझकर निर्वाचन आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में मतगणना के दौरान कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर जिलाधिकारियों को धमकाने के संगीन आरोप लगाये थे लेकिन जब आयोग ने नाम बताने का फरमान जारी किया तो वह चुप्पी साध गए।
इस बार कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव नतीजों के बाद ईवीएम की बैटरी लाइफ पर सवाल खड़े किए जिसे लेकर पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओपी रावत ने स्पष्ट किया है कि ईवीएम में बैटरी का उपयोग कोई बाहरी कनेक्शन सुनिश्चित नहीं करता है।
रावत ने कहा, “ईवीएम में बैटरी का उपयोग करने के पीछे की वजह यह सुनिश्चित करना है कि इसका बाहरी दुनिया से कोई संबंध नहीं है। यदि ईवीएम एक तार के माध्यम से बिजली से संचालित होती तो राजनीतिक दल उस तार के माध्यम से छेड़छाड़ का आरोप लगा सकते थे। इसलिए निर्वाचन आयोग ने फैसला किया कि ईवीएम पूरी तरह से बैटरी से संचालित होगी।
उन्होंने बताया कि ईवीएम की बैटरी पूरी तरह चार्ज होने पर दो दिन तक चल सकती है जिसमें मॉक पोल भी शामिल है। चाहे मतदान कम हो या अधिक, बैटरी चार्ज के तहत हो, परिणाम अप्रभावित रहते हैं।
इसके अतिरिक्त मतदाता वीवीपैट पर्ची के माध्यम से अपनी पसंद को सत्यापित कर सकते हैं। बैटरी की खपत पर उन्होंने कहा कि यह मॉक पोल की शुरुआत से लेकर उपयोग पर निर्भर करता है। “मैंने देखा है कि कुछ मतदान केन्द्रों पर मॉक पोल के दौरान केवल 10-12 वोट डाले जाते हैं जबकि अन्य पर 80-100 वोट दर्ज किए जाते हैं इसलिए बैटरी डिस्चार्ज की दर भिन्न होती है। इसका मतदान प्रक्रिया पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
कांग्रेस हरियाणा में हार के कारण इंडिया गठबंधन के बाकी घटक दलों की आलोचना झेल रही है लेकिन वह अपनी खीझ मिटाने के लिए चुनाव आयोग पर ठीकरा फोड़ रही है। दरअसल उसके लिए अपनी प्रतिष्ठा बचाने का संकट खड़ा होता दिख रहा है।
कांग्रेस के पास अब तीन विकल्प दिख रहे हैं पहला, अपनी शिकायतों के निवारण के लिए न्यायपालिका में याचिका दायर करने की लंबी प्रक्रिया का सहारा ले। दूसरा, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग प्रणाली में बदलाव के लिए जनता को एकजुट करे ताकि इस संदेह को दूर किया जा सके कि ईवीएम से खिलवाड़ किया जा सकता है। तीसरा, ईवीएम पर देश का भरोसा कम करने के लिए खुद माफी मांगें।
राजनीति में ग़लती मानने की परम्परा विकसित ही नहीं हुई है अर्थात कांग्रेस से भूल सुधार की अपेक्षा करना बेईमानी होगा। ईवीएम को लेकर निर्वाचन आयोग के खिलाफ मामला सुप्रीम कोर्ट में पहले भी खारिज हो चुका है ऐसे में नयी आपत्तियों पर कांग्रेस को अदालत से राहत की उम्मीद क्षीण नजर आती है। इस मुद्दे पर जनांदोलन खड़ा हो, इसकी संभावना फिलहाल नहीं दिखाई दे रही है। -कविता पंत, वरिष्ठ पत्रकार