प्यारे बच्चों, परीक्षा का उद्देश्य आपको बुद्धिहीन समझना या असफल करना नहीं होता अपितु यह जानना होता है कि आपके पाठ्यक्रम में जो कुछ है उसकी आपको कितनी समझ है। इसलिये प्रश्नपत्र सदैव पाठ्यक्रम पर आधारित होते हैं। सीबीएसई कक्षा 12 के अर्थशास्त्र के पेपर में अच्छे अंक लाने हैं तो आपको अपनी पढ़ाई से पहले एक खास रणनीति बनानी/अपनानी होगी-
कुल 100 अंक के पेपर में 80 फीसदी अंक की लिखित परीक्षा होती है। जिसमें 20 नं0 के एम0सी0क्यू0 प्रश्न व 60 नं0 के लघु व दीर्घउत्तरीय प्रश्न होते हैं। 20 प्रतिशत अंक प्रोजेक्ट व मौखिक परीक्षा के होते हैं जो विद्यालय के स्तर पर होते हैं। अच्छी तैयारी के लिये इन बातों पर ध्यान दें।
परीक्षा से पूर्व की पुनरावृत्ति प्रबंधन के अन्तर्गत सर्वप्रथम उन पाठों का चयन कीजिये जिनसे किसी भी चित्र या गणना की जरूरत नहीं होती। यह प्रश्न आसान होते हैं और सीधे पूछे जाते हैं। अनुत्तीर्ण होने की संभावना समाप्त हो जाती है। जैसे मुद्रा, बैंकिंग, बजट, भुगतान, संतुलन आदि। (मैक्रो अर्थशास्त्र)
यदि कम अंक और अधिक अंक वाले प्रश्नों पर अलग-अलग ध्यान दें तो अच्छे अंक आ सकते हैं।
कहाँ से पूछे जाते हैं 06 अंक (छह अंक) वाले प्रश्न
सीबीएसई की वेबसाइट पर चेक कीजिये कि कौन सी यूनिट कितने नंबर की है और 6 नंबर वाले प्रश्न किन-किन पाठों से लिये गये हैं। सी0बी0एस0ई0 के मॉडल/सैम्पल पेपर्स देखें कि प्रश्नों को कैसे पूछा जाता रहा है। उनके उत्तर किस तरह देने चाहिये। इससे आत्मविश्वास बढ़ेगा 6-6 नम्बर के 4 प्रश्न अर्थात् 24 नम्बर के जो प्रश्न पूछे जाते हैं-इनमें से दो भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास से और दो मैक्रो अर्थशास्त्र से होते हैं।
समय प्रबंधन
इस वर्ष नई शिक्षा नीति के अनुसार सी0बी0एस0ई0 ने प्रश्नपत्रों में योग्यता आधारित प्रश्नों का प्रतिशत 50 कर दिया है। बोर्ड परीक्षार्थी इन्हें लेकर भ्रम की स्थिति में हैं, इन प्रश्नों का उत्तर रटने से नहीं बल्कि अपनी समझ बढ़ाकर विषय को पढ़कर आसानी से दिया जा सकता है। पाठ्यक्रम से बाहर का कोई प्रश्न नहीं आयेगा बस आवश्यकता होगी पाठ्यक्रम और प्रश्नपत्र के फार्मेट को समझने की इसके लिये सी0बी0एस0ई0 के माडल प्रश्न पत्रों से अभ्यास कर उत्तर पुस्तिका में लिखने के कौशल का विकास करें यह अभ्यास परीक्षा में सफलता दिलायेगा। सैम्पल पेपर हल करने में समस्या आने पर शिक्षक से समाधान पाने का प्रयास करें। घड़ी देखकर एक बार में सैम्पल पेपर हल करने से कितना अतिरिक्त समय लग रहा है ? इसका स्वयं अन्दाजा लगाकर लेखन स्पीड बढ़ाकर परीक्षा के दौरान समय सीमा में पेपर हल किया जा सकता है।
मानसिक तनाव प्रबंधन
परीक्षा तैयारी के दौरान तनाव कतई न लें। सोचने के बजाय योजना/समय सारिणी बनाकर तैयारी पर फोकस करें। अपने आपको रिफ्रेश करने के लिये टहलना लाइट म्यूजिक सुनना, आराम करना या मित्रों से बातचीत करना जो आपको रिफ्रेश करता हो वह कीजिये अब बात करते हैं कि परीक्षा केन्द्र में किन बातों पर ध्यान देना जरूरी है।
परीक्षा के दौरान इन बातों का ध्यान रखें
सबसे पहले 15 मिनट के रीडिंग टाइम में प्रश्नों को बहुत ध्यान से पढ़ें और अन्डरलाइन करते जायें। प्रश्न में पूछा क्या गया है, किस उपविषय से सम्बन्धित है ? इसको खूब ध्यान देकर समझने की कोशिश करें।
1) उत्तर लिखते समय प्रश्नों का क्रम का चुनाव आप कर सकते हैं या तो क्रम सं0 से या फिर जो प्रश्न आप आराम से पहले कर सकते हैं उनके उत्तर पहले लिख सकते हैं।
2) सही या गलत (True or False) पूछने वाले प्रश्नों में उत्तर के साथ यदि पूछा गया है तो कारण (reason) भी दें। नहीं तो कोई नम्बर नहीं मिलेगा।
3) गणनात्मक प्रश्नों (Numerical Problems) के उत्तर में Step Marking (स्टेप मार्किंग) होती है। उत्तर देते समय सूत्र अवश्य लिखें।
4) चित्र के प्रस्तुतीकरण से संबंधित जितने भी प्रश्न हों उनमें स्पष्ट चित्र बनायें-चित्र की लेबलिंग जरूर करें-कई बार सही चित्र ही पूरा उत्तर हो जाता है।
5) रिवीजन का समय जरूर रखें ताकि कोई त्रुटि रह गयी हो तो उसे ठीक कर सकें। कुछ छूट गया है तो उसे दिमाग से निकालकर अगली परीक्षा की तैयारी करें।
बच्चों के अभिभावकों की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण होती है। कुछ बिन्दुओं पर ध्यान देना उचित रहेगा:
1) सजग रहते हुए अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए-टाइम टेबल बनाकर रेगुलर पढ़ाई करने के लिए और अच्छे अंक लाने के लिए प्रोत्साहित करना।
2) बच्चों पर अनावश्यक दबाव या निगेटिव कमेंट उसमें आत्मविश्वास को कम कर देगा।
3) सभी बच्चों की बौद्धिक क्षमता एक जैसी नहीं होती किन्तु अपना अपना प्रयास अच्छे परिणाम लाते हैं। यह सर्वमान्य बात है फिर भी व्यंग करना और दूसरे बच्चों से तुलना करना या नीचा दिखाना अनुचित तथा छात्र के व्यक्तित्व में निगेटिव प्रभाव डाल सकता है।
4) दैनिक या साप्ताहिक विमर्श अपने बच्चे से उसकी प्रगति/उसकी कठिनाई या अन्य रूचि के बारे में करना उचित होगा।
5) छात्र से हमें अच्छे प्रयास की अपेक्षा रखनी होगी।
-डा0 मीरा दुबे, वरिष्ठ प्रवक्ता (अर्थशास्त्र)
पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय
कानपुर कैण्ट, कानपुर।