रायबरेली। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति की बैठक सभापति इंजी. अविनाश कुमार सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के बचत भवन सभागार में आयोजित की गई। इस बैठक में जनपद रायबरेली और उन्नाव की आपदा प्रबंधन स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में समिति के सदस्य उमेश द्विवेदी, अंगद कुमार सिंह, जिलाधिकारी हर्षिता माथुर, पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह, मुख्य विकास अधिकारी अर्पित उपाध्याय, अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) अमृता सिंह सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे। सभापति ने बैठक के दौरान अधिकारियों को आपदा पीड़ित व्यक्तियों को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए संवेदनशील रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण से जनपद स्तर पर कोई भी कार्य योजना बनाई जाए, उसमें इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए व्यापक इंतजाम किए जाएं। इसके अलावा, सभापति ने सर्पदंश से होने वाली मौतों के बाद मिलने वाली अहेतुक राशि के बारे में लोगों को पोस्टमार्टम कराने के लिए जागरूक करने की बात कही। साथ ही, सभी सरकारी अस्पतालों में एंटी स्नेक वेनम की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। डूबने से होने वाली मौतों के संदर्भ में उन्होंने डूबने के संभावित स्थानों को चिन्हित कर वहां चेतावनी बोर्ड लगाने का सुझाव भी दिया। सभापति ने शासन द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं और नीतियों को आम जनता तक पहुंचाने की आवश्यकता पर जोर दिया। बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन सिद्धार्थ, अपर पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिन्हा, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नवीन चंद्रा, जिला विकास अधिकारी अरुण कुमार, पीडीआरडीए सतीश चंद्र मिश्रा सहित रायबरेली और उन्नाव के संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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