Sunday, May 5, 2024
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भगवान की छवि के स्मरण मात्र से धुल जाते है पाप-स्वामी जी

रायबरेलीः जन सामना ब्यूरो। शहर के सर्वोदय नगर में चल रहे श्री सहस्त्र चण्डी महायज्ञ एवं श्रीमद्भागवत हृदय नवाह्न परायण कथा के दूसरे दिन वीतराग संत सूर्य प्रबोधाश्रम महाराज (असनी कुटी) ने भगवान श्री कृश्ण के माधुर्य रूप का सजीव चित्रण किया।
स्वामी जी महाराज ने कहाकि भगवान श्रीकृष्ण ने धरती पर अपनी वंशी की मधुर आवाज से मधुर मुस्कान और माधुर्य रूप से चतुर्दिक मिठास घोली। ‘‘वाणी मधुर मधुर मुस्काना, रूप मधुर नहिं जाय बखाना’’ भागवतहृदय ग्रंथ की इस चैपाई की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहाकि भगवान श्रीकृष्ण की महिमा और उनकी मधुरता का बखान करना आसान नहीं है। भगवान की महिमा मधुर संगीत और मधुर शहद की तरह है। भगवान श्रीकृष्ण की वाणी, चितवन, अधर और मुरली की धुन सब मधुर ही मधुर है। इसका आनन्द श्री कृष्ण भगवान की छवि के स्मरण मात्र से सभी को होता है।
भागवतहृदय कथा में स्वामी जी ने कहाकि गौ रूपी पृथ्वी माता ने वृषभ से अपना दर्द बताते हुए कहाकि जब से भगवान श्री कृष्ण धरती से हमारा दूध पीना छोड़कर चले गये हैं तब से मैं दुखी हूँ। भगवान कृश्ण का अवतरण संसार में माधुर्य की वर्शा करने के लिए हुआ था। जिस तरह आयुर्वेद में मिठास भरा शहद सभी दवाओं के साथ लेने से शरीर स्वस्थ रहता है उसी तरह भगवान श्रीकृष्ण का स्मरण उनकी भक्ति, उनका चिंतन, उनका मनन हमारे जीवन को निर्मल और मधुर बनाता है। उन्होंने कहाकि श्रीमद्भागवत को जो अपने हृदय में धारण करता है प्रभु उसके दैहिक, दैविक संतापों का हरण करते हैं। उद्धव ने भगवान कृष्ण के प्रयाण के समय जब शोक व्यक्त किया तो भगवान कृष्ण ने उनसे कहा था कि जहां संयोग है वहां वियोग है। इसको समभाव से स्वीकार करना चाहिए। तब उद्धव ने कहा महाराज आपके बिना हमारा सहारा कौन होगा? तो प्रभु ने कहा कि तुम सबका सहारा श्रीमद्भागवत में सन्निहित है। इस अवसर पर अनुष्ठान के आयोजक मनोज कुमार पाण्डेय ने कहाकि भागवत कथा अगले एक सप्ताह तक सायं पांच बजे से आठ बजे तक चलेगी और 25 नवम्बर तक श्री चण्डी महायज्ञ की पूर्णाहुति होगी। इस मौके पर विनय कुमार पाण्डेय, आरके पाण्डेय, शैलेश श्रीवास्तव, जगदम्बा तिवारी, एपी सिंह, केपी तिवारी सहित तमाम महिलायें और पुरूष श्रद्धालु उपस्थित रहे।