Thursday, April 25, 2024
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युवा साहित्यकार कृष्ण कुमार यादव को मिला सृजन साहित्य सम्मान

श्री गंगानगर, राजस्थानः जन सामना ब्यूरो। साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान, समर्पण भाव एवं निरंतर साधना द्वारा समाज को अविरल योगदान देने हेतु चर्चित ब्लॉगर और साहित्यकार एवं सम्प्रति राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव को 3 दिसंबर को सृजन सेवा संस्थान, श्री गंगानगर, राजस्थान द्वारा सृजन साहित्य सम्मान से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उन्हें शाल ओढ़ाकर तथा सम्मान पत्र एवं साहित्य भेंट करके सम्मानित किया गया।
संस्थान के अध्यक्ष डॉ. कृष्ण कुमार ने कहा कि प्रशासनिक दायित्वों के साथ-साथ साहित्य सृजन और ब्लॉगिंग के क्षेत्र में श्री कृष्ण कुमार यादव का योगदान महत्वपूर्ण है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में अनवरत प्रकाशित होने के साथ-साथ, अब तक आपकी 7 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। देश-दुनिया में शताधिक सम्मानों से विभूषित श्री यादव एक लंबे समय से ब्लॉग और सोशल मीडिया के माध्यम से भी हिंदी साहित्य एवं विविध विधाओं में अपनी रचनाधर्मिता को प्रस्फुटित करते हुये अपनी व्यापक पहचान बना चुके हैं।
इस अवसर पर लेखक से मिलिए कार्यक्रम में श्री यादव ने अपनी सृजन यात्रा की चर्चा करते हुए विभिन्न विधाओं में रचना पाठ भी किया। श्री यादव ने कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और प्रशासनिक व्यस्तताओं के बीच साहित्य ऑक्सीजन का कार्य करता है। साहित्य न सिर्फ लोगों को संवेदनशील बनाता है बल्कि यह जन सरोकारों से जुड़ने का प्रबल माध्यम भी है। क्लिष्ट भाषा और रूपकों में बँधी रचनात्मकता की बजाय उन्होंने सहज भाषा पर जोर दिया, ताकि आम आदमी भी उसमें निहित सरोकारों को समझ सके। श्री यादव ने अपनी रचना प्रक्रिया के बारे में कहा कि उनकी रचनाओं के पात्र हमारे आस-पास ही मौजूद हैं। सोशल मीडिया और हिंदी साहित्य के अंतर्संबंधों पर उन्होंने कहा कि यहाँ भी हिंदी साहित्य तेजी से विस्तार पा रहा है, पर कई बार इसमें तात्कालिकता का पुट और गंभीरता का अभाव दिखता है। बिना पढ़े रचनाओं को लाइक करने और कमेंट करने की प्रवृत्ति पर भी उन्होंने सचेत किया।
विशिष्ट अतिथि के रूप में बीएसएफ, जोधपुर के डिप्टी कमांडेंट और दोहाकार श्री विजेंद्र शर्मा ने कहा कि साहित्य का मूल संवेदना है और कृष्ण कुमार जी की रचनाओं की विशेषता उनकी संवेदनाओं से झलकती है। कविता केवल सच नहीं होता। उसका शिल्प और शैली भी प्रभावित करते हैं। इस मामले में आपकी रचनाएं हर कसौटी पर खरी उतरती हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री अरोड़वंश समाज के पूर्व अध्यक्ष एवं समाज सेवी श्री कश्मीरी लाल जसूजा ने कहा कि कविता आदमी को सही दिशा की ओर अग्रसर करती है।
कार्यक्रम में डा. अरुण शहैरिया ताइर, सुरेंद्र सुंदरम, कृष्ण वृहस्पति, डॉ. सन्देश त्यागी, दीनदयाल शर्मा, दुष्यंत शर्मा, ओपी वैश्य, मनी राम सेतिया, रंगकर्मी भूपेन्द्रसिंह, हरविंद्रसिंह, राकेश मोंगा, दीपक गडई सहित अनेक साहित्यकार एवं बुद्धिजीवी मौजूद रहे।