Friday, April 26, 2024
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योग और प्राकृतिक चिकित्सा के बारे में मांगी जानकारी

हाथरसः जन सामना संवाददाता। सांसद राजेश कुमार दिवाकर ने लोकसभा सत्र के दौरान आयुष मंत्रालय से देश में वर्तमान में कार्यरत सरकारी योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान के विषय में जानकारी मांगी। सांसद ने पूछा कि वर्तमान में कार्यरत सरकारी योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थानों का राज्यवार ब्यौरा क्या है तथा सरकार का देश के विभिन्न भागों में और अधिक योग व प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थानों की स्थापना का विचार क्या है एवं सरकार द्वारा योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान कार्य को बढ़ावा देने के लिये क्या उपाय किये जा रहे हैं।
आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपाद येसो नाईक ने बताया कि इस समय केन्द्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद एक केन्द्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान रोहिणी, नई दिल्ली में चला रहा है। केन्द्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद देश में योग व प्राकृतिक चिकित्सा सम्बन्धी अनुसंधान कार्य को बढ़ावा देने के लिये निम्न कार्य कर रही है। झज्जर, हरियाणा और नागमंगला, कर्नाटक में 200 बिस्तर वाले योग व प्राकृतिक चिकित्सा अस्पताल सहित योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थानों की स्थापना। विभिन्न उपचारों में योग व प्राकृतिक चिकित्सा का प्रभाव कारिता स्थापित करने के लिये गहन अनुसंधान अध्ययन हेतु 100 बिस्तर वाले अंतरंग अस्पताल सुविधाओं सहित देश के विभिन्न राज्यों योग व प्राकृतिक चिकित्सा के केन्द्रीय अनुसंधान संस्थानों की स्थापना। विभिन्न रोगों में योग व प्राकृतिक चिकित्सा का प्रभाव कारिता सत्यापित करने के लिये सहयोगात्मक अनुसंधान केन्द्र। योग और प्राकृतिक चिकित्सा ओपीडी की स्थापना, परिषद पहले से ही दिल्ली और हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में 7 योग व प्राकृतिक चिकित्सा ओपीडी चला रही है। परिषद ने ओडिशा, त्रिपुरा, केरल, मध्य प्रदेश और आन्ध्र प्रदेश में 6 नई ओपीडी आरम्भ की हैं।