लालगंज रायबरेलीः जन सामना ब्यूरो। जाडे का मौसम बढते ही लालगंज क्षेत्र मे अवैद्य दारू की बिक्री भी जोरदार तरीके से बढ गयी है। शराब माफिया अब महुवे की दारू की जगह कैमिकल व स्प्रिट युक्त दारू बेचकर मालामाल हो रहे है। वास्तव मे सरकारी ठेके से 70 रूपये का पउवा मिला है। वहीं 80 रूपये मे देहाती शराब एक लीटर के करीब मिल जाती है जिसके चलते देसी शराब की तरफ पियक्कडों का रूझान ज्यादा बना रहता है। लालगंज क्षेत्र के बहाई, पूरे भीखी, मजहरगंज, चमनगंज, पूरे राना, लालूमऊ, गांधी नगर, तिवारी का पुरवा, पूरे ओरी, महाखेडा, पूरे सुरजी कुम्हरौडा, पूरे नवरंग आलमपुर, सुदनखेडा, बेहटा चैराहा, पूरे गुलाबराय मजरे सेमरपहा, पूरे बंेचू कुम्हरौडा, मदुरी आदि गांवो मे खुलेआम कैमिकल युक्त अवैद्य दारू बिक रही है। कोतवाली क्षेत्र से बाहर के गांव नन्दाखेडा, घाटमपुर देसी शराब के गढ माने जाते है। लालगंज क्षेत्र के जो लोग दारू बेचते है ज्यादा तर उक्त दोनों गांव से ही दारू लाते है। लोगों की माने तो 25 रूपये की बोतल लाते है और 50 से 70 मे बेचकर तगडा मुनाफा कमाते है।दारू पीने वालों से जब पूछा गया तो उन्होने बताया कि अब महुआ की कमी के चलते अवैद्य दारू बनाने मे नौसादर, फिटकरी, यूरिया का प्रयोग हो रहा है। दारू को अधिक से अधिक कडी बनाने के लिये शराब माफिया फिटकरी का प्रयोग करते है। वहीं लालगंज नगर की सब्जी मण्डी से जुडी बक्सा मण्डी की स्प्रिट भी नसे के मामले मे मसहूर है। स्प्रिट बेचने वाले ग्लास भी रखते है। रिक्शा चालक व पल्लेदार ही ज्यादातर स्प्रिट पीते है। 20 रूपये की 200 ग्राम मिलती है। नशा तगडा होता है, लेकिन स्प्रिट जानलेवा भी साबित होती है। रिक्शा चालक व पल्लेदार स्प्रिट पीकर अपनी जान गवां रहे है।