सिकंद्राराऊ, हाथरसः जन सामना संवाददाता। स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार गम्भीर है । सरकार इस मिशन के लिए करोड़ों रुपए पानी की भांति बहा रही है। सरकार का कहना है कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में कोई भी व्यक्ति खुले में शौच नहीं करेगा। जिसके लिए सरकार द्वारा लोगां के घरों में शौचालयों का निर्माण कराया जा रहा है। किंतु यहाँ पर सरकार की नीतियों का कोई प्रभाव दिखाई नहीं दे रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों के लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं। ग्राम प्रधानों द्वारा अभी तक पूर्ण रूप से शौचालयों का निर्माण नहीं कराया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार के इस मिशन को प्रधान पतीला लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इस समय स्वच्छता अभियान को लेकर भारत सरकार गंभीर है। सरकार का मिशन है कि कोई भी व्यक्ति खुले में शौच नहीं करेगा। सरकार शौचालयों के निर्माण के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। सरकार का मिशन है कि हमारा देश खुले में शौच करने से मुक्त हो। सरकार के शौचालयों का निर्माण कराने का जिम्मा ग्रामीण क्षेत्र के ग्राम प्रधानों को और शहरी क्षेत्र में नगर पालिकाओं को दिया है। लेकिन यहाँ पर सरकार के इस मिशन को जमकर पलीता लगाया जा रहा है।
तहसील क्षेत्र के गांव मुबारिकपुर कपसिया में अभी तक ग्राम प्रधान द्वारा शौचालयों का निर्माण नहीं कराया गया है। जिसके चलते ग्रामीण खुले में शौच करने को मजबूर हैं। जब दैनिक लालसा की टीम ने हकीकत जानने के लिए गांव का सर्वे किया तो एक युवक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वह होमगार्ड विभाग में तैनात है। गांव में प्रधान द्वारा अभी तक शौचालयों का निर्माण नहीं कराया गया है। जिसके तहत पूरी पंचायत के वाशिंदे खुले में शौच को जाते हैं । ग्राम प्रधान सरकार की इस कल्याणकारी नीति को लेकर गंभीर नहीं है। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार के इस मिशन को जमकर धूमिल करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है।