Friday, April 26, 2024
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मुलायम के गढ़ में योगी करेंगे मिशन 2019 पर मंथन

इटावा, राहुल तिवारी। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज शुक्रवार को बीजेपी विधायकों, सांसदों एवं जिलाध्यक्षों के साथ मिशन 2019 के लिए चुनावी मंथन की बैठक करके रणनीति बनाएंगे। भारतीय जनता पार्टी के लिए कैराना और नूरपुर के उपचुनावों की हार के बाद यह बैठक और भी महत्वपूर्ण हो गई है। मुख्यालय के सिंचाई विभाग के विश्राम गृह में शुक्रवार सुबह 11 बजे से 12 बजे तक यह बैठक चलेगी। बैठक में दो दिग्गज मंत्री सत्यदेव पचैरी व सतीश महाना भी पहुंच रहे हैं। प्रभारी मंत्री स्वतंत्र देव सिंह गुरूवार को ही इटावा पहुंच चुके हैं।
मुख्यमंत्री के मिनट-पर-मिनट कार्यक्रम के मुताबिक वह विश्राम गृह में ही पार्टी कार्यकर्ताओं एवं कोर/समन्वय कमेटी की भी बैठक लेंगे। इसको लेकर प्रभारी मंत्री स्वतंत्र देव सिंह व स्थानीय पदाधिकारी तैयारियों में जुटे हुए हैं। व्यवस्था का जिम्मा सरकारी मशीनरी ने संभाल रखा है।
कार्यक्रम के मुताबिक मुख्यमंत्री सुबह 8.50 बजे अपने निवास 5, कालीदास मार्ग से 8.55 लॉ-मार्टीनियर कॉलेज ग्राउंड पहुंचकर राजकीय हेलीकॉप्टर द्वारा इटावा के लिए उड़ेंगे। 9.45 बजे वह इटावा के पुलिस लाइन स्थित हैलीपैड पहुंचेंगे। सीएम 9.50 बजे पुलिस लाइन हैलीपैड से कार द्वारा सिंचाई विभाग के विश्राम गृह पहुंचेंगे। जहां 10 से 11 बजे पार्टी कार्यकर्ताओं एवं कोर व समन्वय समिति की बैठक में हिस्सा लेंगे और इसके बाद 11 से 12 बजे सांसदों, विधायकों और जिलाध्यक्षों के साथ बैठक करेंगे।
मुख्यमंत्री की कानपुर एवं बुंदेलखंड क्षेत्र के सांसदों, विधायकों के साथ बैठक को वर्तमान परिवेश में अति महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 2019 के लोकसभा चुनावों पर नजर रखते हुए होने वाली इस बैठक में कैराना लोकसभा व नूरपुर विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी की हार के बाद नए बिन्दु भी उभरेंगे। कैराना व नूरपुर में भारतीय जनता पार्टी की हार का असर यहां पार्टी पदाधिकारियों व नेताओं के चेहरे पर भी पड़ा है। हालांकि इस हार पर कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
सीएम की बड़ी बैठक की तैयारी और समाजवादी गढ़ में नई आई चुनौतियों के बिन्दुओं को सिलसिलेवार रखने की तैयारी में जुटे हैं। आपको बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में इस समाजवादी गढ़ में बीजेपी ने अपना परचम फहराया था। अब यहां के सांसद अशोक दोहरे पार्टी से अलग विद्रोही राग अलाप रहे हैं। शुक्रवार को होने वाली बैठक में उनके आने न आने पर भी सबकी निगाहें गड़ी हैं। इससे पहले केन्द्र सरकार के 4 साल के जश्न के मौके पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में घोषणा के बाद भी वह नहीं आए थे।