Friday, November 1, 2024
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स्कूलों में डम्प पड़े खाद्यान्न को गरीबों में किया जाये वितरित

जुलाई के पहले नहीं खुलेंगे स्कूल, खाद्यान्न खराब होने की सम्भावना
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। कोरोना वैश्विक महामारी के कारण प्रत्येक गांव, कस्बों व शहरों में हजारों लोग भुखमरी के शिकार हो गये हैं। ऐसे में सरकार हरसम्भव मदद का प्रयास कर रही है लेकिन फिर भी काफी और बहुत कुछ करने की आवश्यकता है।
कार्यालय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कानपुर देहात में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत गणेश श्रीवास्तव ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त को पत्र लिखकर एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि जिले के सभी परिषदीय विद्यालयों में एमडीएम योजना का खाद्यान्न गेहूं, चावल काफी मात्रा में भरा पड़ा है। लगभग सभी विद्यालयों में जरूरत से ज्यादा खाद्यान्न रखा हुआ है। वैश्विक महामारी होने के कारण प्रधानमंत्री जी के निर्देशानुसार समस्त विद्यालयों को बंद कर दिया है। दो माह से विद्यालय बन्द हैं। खाद्यान्न के खराब होने की भी सम्भावना है क्योंकि स्कूलों में भंडारण के समुचित संसाधन उपलब्ध नहीं हैं जिससे संग्रहीत खाद्यान्न की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। अतः क्वॉरेंटाइन सेंटर या कम्युनिटी किचन या अन्य कार्यों हेतु इस खाद्यान्न का प्रयोग किया जा सकता है। यदि विद्यालयों के संग्रहीत खाद्यान्न का इन कार्यों में उपयोग किया जाये तो एक ओर खाद्यान्न खराब होने से बच जायेगा दूसरी ओर विद्यालय खुलने पर भारतीय खाद्य निगम से मिलने वाला खाद्यान्न पुनः विद्यालयों को उच्च गुणवत्ता वाला मिल सकेगा। यह प्रक्रिया पूरे प्रदेश भर में अपनाई जानी चाहिए क्योंकि प्रदेश भर के परिषदीय स्कूलों में हजारों टन खाद्यान्न डम्प है जिसके खराब होने की प्रबल संभावना है क्योंकि अभी स्कूल जुलाई के पहले खुलेंगे नहीं। इसके अलावा खाद्यान्न चोरी की सम्भावना से भी बचा जा सकेगा। इससे एक ओर गरीबों को भोजन उपलब्ध कराया जा सकेगा दूसरी ओर शैक्षिक सत्र प्रारंभ होने पर विद्यालयों को गुणवत्तापरक खाद्यान्न भी उपलब्ध हो सकेगा।