Monday, July 1, 2024
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पड़ोसी मुल्कों में बँट रही चीन की चाशनी भारत के लिए खतरनाक संदेश

एलएसी पर जारी तनाव के बाद चीन ने आर्थिक कूटनीति के आधार पर भारत के पड़ोसी मुल्कों को फसाना तेज कर दिया है। श्रीलंका, नेपाल, पाकिस्तान का आर्थिक दोहन करने के बाद अब चीन की निगाहें भारत के एक और पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश पर लगी हैं। चीन एक के बाद एक भारतीय पड़ोसी मुल्कों पर जिस तरह अपनी पकड़ मजबूत करने में तन-मन-धन तीनों से तेजी दिखा रहा है उससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि चीन शांति और समझौते की आड़ में कुछ बड़ा करने के फिराक में लगा है। चीन का पाकिस्तान की तरफ झुकाव पहले से ही जग-जाहिर है उसके बाद उसने श्रीलंका में निवेश बढ़ा कर श्रीलंका को भी अपने पाले में लगभग शामिल ही कर लिया है। वह यहीं नहीं रुकता उसने अपनी कूटनीतिक चालों से नेपाल व भारत के रोटी-बेटी के रिश्ते में भी दरार बना दिया है। अब नेपाल जो भारत का परममित्र पड़ोसी सदियों से रहा वह भी भारत को आँख दिखा रहा है। उसने तो भारत के तीन इलाकों पर ही अपना दावा टोकते हुए जो विवादास्पद नक्शा पेश किया था अब उसे वहाँ के राष्ट्रपति ने भी मुहर लगा दी है। और सूत्रों की मानें तो नेपाल ने उन तीनों इलाकों के किनारे अपनी चौकियां भी बनानी शुरू कर दी हैं। आखिर सोचिए यह पिद्दी भर नेपाल बिना चीन के सह के यह कर सकता है ? उसमें इतनी भी क्षमता नहीं कि वह भारत एक राज्य का भी सामना कर सके फिर उसका यह रवैया बिना किसी भड़कावे के नहीं हो सकता है  इन तीनों पड़ोसी मुल्कों के बाद अब चीन भारत के एक और पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश पर अपनी पकड़ मजबूत करने में लगा है वह वहाँ निर्यात होने वाले ९७ फीसदी वस्तुओं पर टैक्स में छूट की घोषणा कर चुका है।
सूत्रों के मुताबिक लद्दाख में जारी तनाव के मद्देनजर चीन ने भारत को घेरने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां शुरू कर दी है। एक तरफ जहां चीन की शह पाकर भारत को आँख दिखा रहा है वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान ने एलओसी से सटे इलाकों में लगातार सीजफायर का वॉयलेशन करने में दिन-रात एक कर दिया है। इन सबके बीच चीन ने अब बांग्लादेश को भी भारत विरोधी अमलीजामा पहनाने की फिराक में लगा है। चीन के टैक्स में छूट की घोषणा से गदगद बांग्लादेश के राजनयिकों ने इसे मील का पत्थर तक कह दिया जिससे यह बात साफ हो गई कि अब बांग्लादेश भी चीन की आर्थिक कूटनीति का शिकार हो चुका है। ऐसे में यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि भारत के खिलाफ चीन की यह आर्थिक कूटनीति अब खतरनाक रूप लेती जा रही है जिसे भारत को हल्के में बिलकुल भी नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह वही चीन है जो हर बार वार्ता के नाम पर धोखा देता आया है। जैसा कि लद्दाख में हुए हिंसक झड़पों के मद्देनजर भारत को अब और भी चौकन्ना रहने की जरूरत है क्योंकि चीन का यह रवैया एक बड़े युद्ध की तरफ इशारा कर रहा है। वह एक विश्वासघाती मुल्क है जो पीठ पीछे वार करने का तमगा सदियों से लिए घूम रहा है उसने जब-जब शांति की अपील की तब-तब उसने दगाबाजियां की है ऐसे में उस भरोसा बिल्कुल ही नहीं किया जा सकता है। अब उसे उसकी ही जुबान में जवाब देने का वक्त आ गया है क्योंकि अगर सांप का फंड आज नहीं कुचला गया तो वह कब डस लेगा पता नहीं!
– मिथलेश सिंह ‘मिलिंद’