शिकोहाबाद/फिरोजाबाद, जन सामना ब्यूरो। योगी सरकार ने गायों की सेवा और उन्हें सुरक्षित रखने के उद्देश्य से गोशालाएं खुलवाईं थीं। मगर ये गोशालाएं गोवंश के लिए मौत शाला बन गईं हैं। जहां गाय भूख से, प्यास से तड़प-तड़प कर मर रहीं हैं और उनके शरीर में कीड़े पड़ गए हैं। गोशाला में गायों के मरने के बाद या तो उन्हें अंदर या फिर आसपास दफन कर दिया जाता है ताकि किसी को भनक न लगे।
विकास खंड शिकोहाबाद के ग्राम पंचायत आरोंज मे अस्थाई गोशाला बनी है। जहाॅ सोमवार को सुबह पांच गायों की मौत हो गई। दो गायों के शरीर में कीड़े पड़ गए थे। गोशाला में 52 गायों के रखने की व्यवस्था थी। इसमें प्रशासन की ओर से आरोंज के ग्राम प्रधान अनिल को गायों की जिम्मेदारी दी गई थी। मगर ये गोशाला प्रशासनिक लापरवाही के कारण बूचडखाने में तब्दील हो गई। भूख-प्यास और तेज धूप से एक-एक कर गाय मरने लगीं। ग्रामीणों का आरोप है, कि पांच दिन से गौवंश मृत पडे हुए है इसकी जानकारी गांव के सचिव को देने के साथ ही अफसरों को दी गई। मगर किसी ने कोई सुध नहीं ली। सूचना मिलते ही उजाला हितेषी गौवंश सेवा ट्रस्ट के राष्ट्रीय सलाहाकार अपनी टीम के साथ पहुंचे और म्त का गोवंशो अंतिम सस्ंकार कराया। इस सम्बंध मे वीडियो प्रवीणा शुक्ला ने बताया कि गौशाला मे कुछ दिन पहले दो सांडो ने कुछ गायो पर हमला कर दिया था। जिससे गाय घायल हो गई थी। ये प्रधान कि लापरवाही है कि उसने अधिकारियों को नही बताया। अगर बताया होता तो गौंवश बच जाते। टीम को भेजकर जांच कराई जा रही है प्रधान के खिलाफ कारवाई कि जाएगी।
बिखरी पड़ी थीं हड्डियां-कंकाल
गोशाला के अंदर और बाहर का नजारा बेहद ही भयावह था। गोवंश के कंकाल और हड्डियां बता रहीं थीं, कैसे गोवंश ने दाम तोड़ा होगा। गोशाला से आ रही दुर्गंध से लोग परेशान थे। कुत्ते और कौवे शवों को नोच रहे थे। मीडिया कर्मी मौके पर गए तो वहां कंकाल और गोवंश के शव मिले।