Wednesday, April 30, 2025
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अधिकारियों की उदासीनता के कारण मोदी के स्वच्छ भारत मिशन की निकल गई हवा!

⇒स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाये गये शौचालय खंडहरों में तब्दील
⇒शौचालय बनाने में जमकर हुआ बन्दरबांट, मानकों के साथ जमकर हुआ खिलवाड़
⇒बजबजाती नालियां और कीचड़ युक्त सड़क के बीच रहने को मजबूर हैं ग्रामीण
प्रयागराजः वी.डी. पाण्डेय। जनपद के विकासखंड भगवतपुर के अंतर्गत आने वाले ग्राम सभाओं में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनवाये गये ज्यादातर शौचालयों की दशा बड़ी दयनीय है। यहां पर बनवाये गये ज्यादातर शौचालय उपयोग लायक नहीं रहे। इसी क्षेत्र का न्याय पंचायत है बेगमपुर, जिसकी दूरी विकासखंड से महज 2 किलोमीटर है लेकिन विकास की बात करें तो या कोसों दूर है। यहां ना ही सही ढंग के रास्ते हैं और ना ही पानी निकास के लिए नालियाँ।
आपको बता दें कि ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के स्लोगन भले ही दीवारों में अच्छे लगते हो लेकिन इस गांव में स्वच्छ भारत मिशन पूरी तरह फेल नजर आता। केन्द्र सरकार ने एक ओर जहां हर घर को शौचालय उपलब्ध कराने की योजना के तहत कार्य किया है कि कोई भी ग्रामीण खुले में शौच ना करें लेकिन विकासखंड भगवतपुर के अधिकारियों ने इसमें भी जमकर खेल किया और पूरे गांव को शौचालय उपलब्ध करा दिये, लेकिन सच्चाई इससे उलट ग्राम सभा बेगमपुर की आधी से अधिक आबादी खुले में शौच करने को मजबूर है।
जमीनी हकीकत पता की तो जानकारी हुई कि यहां अधिकांश शौचालय कागजों पर बनाए गए और जो पटल पर दिखे भी तो वह महज नमूने ही साबित हो रहे हैं क्योंकि शौचालयों के निर्माण मे जमकर धांधली की गयी जिसके कारण वह उपयोग करने लायक न होकर महज कंडे और ऊपल, कण्डे रखने के लिए ग्रामीण उपयोग कर रहे हैं।



स्थानीय निवासी राम सुमेर की बहू, शिवकली पत्नी गुड्डू सहित अन्य कई ग्रामीणों ने बताया शौचालयों निर्माण खूब धांधली की गई है। इस गांव में आज तक कोई भी जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी ब्लॉक से जांच के लिए नहीं आया और ग्राम विकास अधिकारी व ग्राम प्रधान ने ब्लॉक के अधिकारियों के साथ मिलकर रास्ते, नालियां, शौचालय में जमकर बंदरबांट की जिसका खामियाजा हम सब भुगत रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि शौचालय निर्माण में निर्धारित किये गये मानकों के साथ जमकर खिलवाड़ किया गया है। कई लाभार्थियों ने ग्राम प्रधान पर भी गंभीर आरोप लगाये है। शौचालय निर्माण में आई लागत पर भी खेल किया गया है।
इस संबंध में जब ग्राम विकास अधिकारी कृष्ण प्रताप सिंह से बात की गई तब उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए धन उपलब्ध ना होने की बात कही और जब हमने सामुदायिक शौचालय के अधूरे निर्माण के संबंध में खंड विकास अधिकारी विकास कुमार शुक्ला से संपर्क साधने का प्रयास किया तब उन्होंने लगातार कई बार फोन को कट कर दिया और किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी।