हरिद्वारः मदन यादव। जगजीतपुर स्थित स्पर्शगंगा कार्यालय में मां गंगा और गणपति पर एक गोष्ठी की गई, जिसमे BHEL सघर्ष समिति EMB BHEL के समस्त पदाधिकारियों ने भाग लिया। मुख्य अतिथि बृजेश शर्मा ने कहा कि माँ गंगा का स्वच्छ और निर्मल रखने की जिम्मेदारी हम सबकी है। गणपति हमारे आराध्य देव है जो केवल शंकर भगवान के पुत्र ही नही हैं अपितु यह आदि देव है क्योंकि भगवान राम और भगवान शंकर के विवाह पर भी गणपति पूजन हुआ था, हर ,भारतीय का दायित्व है कि अपने घर में मिट्टी के गणपति बनाकर जिसकी सूंड दाहिनी दिशा में हो स्थापित करने पर मन इच्छित वर प्राप्त किया जा सकता है, हम सबको चाहिए कि हम पर्यावरण का ध्यान रखते हुए इको फ्रेंडली गणपति बनाये।
रीता चमोली ने कहा कि गंगा के तट पर हर कंकर शंकर है,हर कंकर में गणेश है,गणेश ऐसे देव हैं जिनकी प्रतिमूर्ति प्रकृति के सभी रंगो में दृष्टिगोचर होती है। पेड़ पौधे, पत्ती , जड़, जीवन सभी में गणेश की प्रतिमूर्ति होती है। कोई भी पूजा बिना गंगा जल और विना गणेश वंदन अधूरी मानी जाती है।
गंगा इस धरती पर शंकर की जटाओं का स्पर्श कर ही उतरती है। गणेश शिव के पुत्र हैं, स्पर्श गंगा इसी महत्व को स्पर्श करते हुए गंगा के तट से लम्बोदर के आकार का पत्थर,गणेश की प्रतिमा के रूप में पूजेगी। इसे हल्दी के रंग में रंगकर सभी पूजा सामग्री से अलंकृत कर,गंगा में विसर्जन करेगी। संदेश स्पष्ट है,गंगा को प्रदूषित न करें हम इस बार के गणेश गंगा से ग्रहण कर गंगा में विसर्जन करने का अभिनव प्रयोग स्पर्श गंगा कर रही है। आशु चौधरी ने समस्त अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन संदीप गोयल ने किया। कार्यक्रम में रजनीश सहगल, रेणु शर्मा, बिमला ढोडियाल, अंशु मलिक, शशि शर्मा, धमेंद्र चौहान, विवेक कश्यप, प्रमोद कुमार वर्मा, उपदेश चौहान, अलका शर्मा, सरिता शर्मा, निशा शर्मा, माधव, अनूप सैनी, मोहित, शिवम, बी एल यादव, दिग्विजय सिंह ने भी अपने विचार रखे।